चंडीगढ़: बाहरी राज्यों से फल सब्जियों के आयात पर हरियाणा में पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. ऐसे में फल-सब्जियों के दामों में वृद्धी हो रही है. चलिए जानते हैं आज हरियाणा में फल और सब्जियों के क्या दाम हैं.
संख्या | सब्जियां/फल | दाम (रु./किलो) |
1 | आलू | 20-25 |
2 | प्याज | 20-25 |
3 | टमाटर | 20-25 |
4 | गोभी(शिमला) | 40-50 |
5 | मटर(शिमला) | 50-60 |
6 | घीया | 15-20 |
7 | गाजर | 50-60 |
8 | अदरक | 100-120 |
9 | धनीया | 20-25 |
10 | खीरा | 10-15 |
11 | हरी मिर्च | 50-60 |
12 | लहसुन | 100-120 |
13 | भिंडी | 20-30 |
14 | तोरी | 20-30 |
15 | पहाड़ी आलू | 32-36 |
16 | सेब | 100-110 |
17 | केला | 50-60 दर्जन |
18 | किनु | - |
19 | संतरा | 60-70 |
लॉकडाउन से बढ़े दाम
हरियाणा के कई जिलों में सब्जी विक्रेता कोरोना महामारी के संवाहक बने हैं, इनके माध्यम से कई घरों तक कोरोना पहुंचा है. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने यूपी, जम्मू कश्मीर समेत देश के किसी भी राज्य से किसी भी तरह की सब्जी और फलों को करनाल जिले की सीमा में लाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है. हरियाणा के भी पानीपत, झज्जर, बहादुरगढ़ आदि किसी भी रेड जोन जनपद से भी फल व सब्जियों के लाने पर रोक लगा दी गई है. इस प्रतिबंध के कारण अब सब्जियों व फलों के दामों में वृद्धि हुई है.
राजस्थान में रोक से नूंह पर हुआ असर
राजस्थान सरकार ने जयपुर और अलवर मंडियों से फल और सब्जी के आयात-निर्यात करने वाले सभी वाहनों पर रोक लगा दी है. इसका सबसे ज्यादा असर नूंह जिले में देखने को मिल रहा है. यहां फल और सब्जियां अमूमन इन्हीं मंडियों से आपूर्ति की जाती है. क्षेत्र में आम, खरबूजा, पपीता, अंगूर व चीकू जैसे फल मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिससे फलों के दाम में भी अचानक वृद्धि होने लगी है.
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