चंडीगढ़: कई दिनों की हड़ताल के बाद आखिरकार चंडीगढ़ में सफाई कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली. हड़ताल वापस लेने से पहले सफाई कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों और चंडीगढ़ नगर निगम के अधिकारियों और पार्षदों के बीच एक बैठक हुई. जिसके बाद हड़ताल को खत्म करने का फैसला लिया गया.
हड़ताल को वापस करवाने में पूर्व मेयर और सैनिटेशन कमेटी के चेयरमैन राजेश कालिया ने मुख्य भूमिका निभाई. हमने राजेश कालिया के साथ इस बारे में बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया की बैठक में सफाई कर्मचारियों की ज्यादातर मांगें मान ली गई हैं. जैसे कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट पर रखना, उन्हें समय पर तेल साबुन और बाकी सामान मुहिया करवाना, डेली वेज कर्मचारियों को मकान मुहैया करवाना, लेकिन सफाई कर्मचारियों की जो सबसे बड़ी मांग है वो है स्मार्ट वॉच को हटाना.
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राजेश कालिया ने कहा कि इस मांग पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. प्रदर्शन के दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने सफाई कर्मचारियों से ये वादा किया था कि वो इस एजेंडे को हाउस की मीटिंग में लेकर आएंगे. जहां पर इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी और इसका भी कोई हल निकाला जाएगा.
'स्मार्ट वॉच को लेकर डॉक्टरों से करेंगे बात'
राजेश कालिया ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि स्मार्ट वॉच को पहनने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. लेकिन अभी तक इन बातों का कोई आधार नजर नहीं आ रहा. हम डॉक्टर्स से इस बारे में बात करेंगे और इस बात का पता लगाएंगे कि स्मार्ट वॉच पहनने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है या नहीं .अगर ऐसा होता है तो सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य से कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा और स्मार्ट वॉच को हटा दिया जाएगा.
कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्य को नौकरी देने की बात पर राजेश कालिया ने कहा कि ये केंद्र का मामला है. इस पर भी कुछ नहीं कह सकते. लेकिन इतना जरूर है कि वो स्मार्ट वॉच का एजेंडा बैठक में लेकर जा रहे हैं और बैठक में स्मार्ट वॉच से जुड़े तमाम पहलुओं पर चर्चा की जाएगी. जिसके बाद फैसला लिया जाएगा कि स्मार्ट वॉच कर्मचारियों को इस्तेमाल करनी होगी या नहीं.