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चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर टैक्सी चालक झेल रहे मंदी की मार, देखें ग्राउंड रिपोर्ट - chandigarh taxi drivers

दो महीने के लॉकडाउन के बाद चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स का संचालन शुरू हुआ. फ्लाइट्स के शुरू होने के बाद टैक्सी चालकों में उम्मीद जगी थी कि अब उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं...पढ़ें पूरी खबर

taxi drivers are facing financial crisis at chandigarh international airport
taxi drivers are facing financial crisis at chandigarh international airport
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Published : Jun 12, 2020, 10:18 PM IST

चंडीगढ़: अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर दो महीने बाद घरेलू फ्लाइट्स का संचालन शुरू हो चुका है. फ्लाइट्स शुरू होने के बाद जहां एक तरफ यात्रियों को सुविधा मिली है तो वहीं एयरपोर्ट पर टैक्सी का काम करने वाले चालकों में भी उम्मीद जगी, लेकिन अब उन्हें फ्लाइट्स के संचालन के बाद कुछ खास फायदा नहीं हो रहा है.

टैक्सी चालकों का काम हुआ ठप

दरअसल, चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स काफी कम हैं और दूसरी तरफ कोरोना की वजह से यात्री भी कम संख्या में सफर कर रहे हैं. जिस वजह से टैक्सी चालकों का काम लगभग ठप हो चुका है. टैक्सियों के ना चलने की वजह से टैक्सी चालकों का जीना मुश्किल हो चुका है. काम ना होने की वजह से वो अपना घर चलाने में असमर्थ हो चुके हैं.

चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर टैक्सी चालक झेल रहे मंदी की मार, देखें ग्राउंड रिपोर्ट

टैक्सी चालकों ने बताया कि इस समय टैक्सी चालक भूखे मरने की कगार पर पहुंच चुके हैं. उनके पास ना तो घर चलाने के पैसे हैं, ना ही बच्चों की फीस भरने के लिए और ना ही वो गाड़ी की किस्त भर पा रहे हैं.

कहां से भरें गाड़ी की किस्त ?

टैक्सी चालकों ने बताया कि इस समय उनके हालात इतने खराब हो चुके हैं कि वो आत्महत्या करने की सोच रहे हैं, क्योंकि 3 महीने हो चुके हैं उनके पास खाने के पैसे भी नहीं बचे हैं. टैक्सी चालक राजेश ने बताया कि पहले एयरपोर्ट पर 35 से 36 फ्लाइट हर रोज आती थी, लेकिन अब ना के बराबर ही फ्लाइट्स उड़ान भर रही हैं. जिस कारण वो सिर्फ 300 से 400 रुपये प्रतिदिन कमा पा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जिस तरह मोदी सरकार दूसरे वर्गों के लिए काम कर रही है उसी तरह उन्हें टैक्सी चालकों के बारे में भी सोचना चाहिए. उनके लिए भी कुछ योजनाएं चलाएं, ताकि टैक्सी चालक भी अपने जीवन को पटरी पर ला सकें.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ पीजीआई कैसे बना देश का दूसरा सबसे बेहतरीन अस्पताल, बता रहे हैं पीजीआई निदेशक

चंडीगढ़: अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर दो महीने बाद घरेलू फ्लाइट्स का संचालन शुरू हो चुका है. फ्लाइट्स शुरू होने के बाद जहां एक तरफ यात्रियों को सुविधा मिली है तो वहीं एयरपोर्ट पर टैक्सी का काम करने वाले चालकों में भी उम्मीद जगी, लेकिन अब उन्हें फ्लाइट्स के संचालन के बाद कुछ खास फायदा नहीं हो रहा है.

टैक्सी चालकों का काम हुआ ठप

दरअसल, चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स काफी कम हैं और दूसरी तरफ कोरोना की वजह से यात्री भी कम संख्या में सफर कर रहे हैं. जिस वजह से टैक्सी चालकों का काम लगभग ठप हो चुका है. टैक्सियों के ना चलने की वजह से टैक्सी चालकों का जीना मुश्किल हो चुका है. काम ना होने की वजह से वो अपना घर चलाने में असमर्थ हो चुके हैं.

चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर टैक्सी चालक झेल रहे मंदी की मार, देखें ग्राउंड रिपोर्ट

टैक्सी चालकों ने बताया कि इस समय टैक्सी चालक भूखे मरने की कगार पर पहुंच चुके हैं. उनके पास ना तो घर चलाने के पैसे हैं, ना ही बच्चों की फीस भरने के लिए और ना ही वो गाड़ी की किस्त भर पा रहे हैं.

कहां से भरें गाड़ी की किस्त ?

टैक्सी चालकों ने बताया कि इस समय उनके हालात इतने खराब हो चुके हैं कि वो आत्महत्या करने की सोच रहे हैं, क्योंकि 3 महीने हो चुके हैं उनके पास खाने के पैसे भी नहीं बचे हैं. टैक्सी चालक राजेश ने बताया कि पहले एयरपोर्ट पर 35 से 36 फ्लाइट हर रोज आती थी, लेकिन अब ना के बराबर ही फ्लाइट्स उड़ान भर रही हैं. जिस कारण वो सिर्फ 300 से 400 रुपये प्रतिदिन कमा पा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जिस तरह मोदी सरकार दूसरे वर्गों के लिए काम कर रही है उसी तरह उन्हें टैक्सी चालकों के बारे में भी सोचना चाहिए. उनके लिए भी कुछ योजनाएं चलाएं, ताकि टैक्सी चालक भी अपने जीवन को पटरी पर ला सकें.

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