ETV Bharat / state

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा, पराली जलाने और प्रदूषण रोकने के लिए क्या कदम उठाए? - haryana stubble burning

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने पराली के मुद्दे पर हरियाणा, पंजाब और एनसीआर में आने वाले राज्यों से जवाब दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि इन राज्यों के पंचायत विभाग विस्तृत जवाब कोर्ट में दाखिल करें.

supreme court ask haryana govt on stubble burning issue
supreme court ask haryana govt on stubble burning issue
author img

By

Published : Aug 10, 2020, 4:06 PM IST

चंडीगढ़/दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और एनसीआर राज्यों के पंचायत विभागों से कहा है कि वो इस बात पर विस्तृत जवाब दाखिल करें कि पराली जलाने और प्रदूषण के अन्य कारणों की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण के विभिन्न पहलुओं पर एक याचिका पर सुनवाई की.

केंद्र की तरफ से न्यायालय को बताया गया कि साइट सर्वेक्षण किया गया है. मिट्टी के नमूने एकत्र किए जा रहे हैं और कुछ अन्य तकनीकी सर्वेक्षण भी चल रहे हैं. केंद्र ने राज्यों से उन सुविधाओं के बारे में भी पूछा जो किसानों को प्रदान की गई है, क्योंकि अगर पराली के मुद्दे पर कदम नहीं उठाए गए तो ये हमेशा के लिए जारी रहेगा.

ये भी पढ़ें- शराब घोटाले पर रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार से पूछे 10 सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित राज्यों को पराली जलाने और वायु प्रदूष के हॉटस्पॉट पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये देखा गया है कि हॉटस्पॉट्स आकार में कम हो गए हैं, लेकिन प्रदूषण पूरी तरह से कम नहीं हुआ है.

दिल्ली के मुख्य सचिव ने अदालत को सूचित किया कि सभी प्रदूषण हॉटस्पॉट्स के लिए कार्य योजना बनाई गई है. ट्रैफिक भीड़, खुले कचरे आदि को कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि अभी एक्यूआई 100 फिर भी आने वाले दिनों में भी कार्रवाई करना जारी रखेंगे. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार भी लगाई. कोर्ट ने कहा कि सर्वेक्षण में शामिल 2279 उद्योगों में से 243 उद्योगों को प्रदूषण मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया.

स्मॉग टॉवर पर पुनर्विचार याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में स्मॉग टॉवर स्थापित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी थी कि इससे चीनी कंपनियों को पैसा मिलेगा और ये साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक आधार नहीं था कि स्मॉग टॉवर वायु प्रदूषण को नियंत्रित कर सकता है.

चंडीगढ़/दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और एनसीआर राज्यों के पंचायत विभागों से कहा है कि वो इस बात पर विस्तृत जवाब दाखिल करें कि पराली जलाने और प्रदूषण के अन्य कारणों की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण के विभिन्न पहलुओं पर एक याचिका पर सुनवाई की.

केंद्र की तरफ से न्यायालय को बताया गया कि साइट सर्वेक्षण किया गया है. मिट्टी के नमूने एकत्र किए जा रहे हैं और कुछ अन्य तकनीकी सर्वेक्षण भी चल रहे हैं. केंद्र ने राज्यों से उन सुविधाओं के बारे में भी पूछा जो किसानों को प्रदान की गई है, क्योंकि अगर पराली के मुद्दे पर कदम नहीं उठाए गए तो ये हमेशा के लिए जारी रहेगा.

ये भी पढ़ें- शराब घोटाले पर रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार से पूछे 10 सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित राज्यों को पराली जलाने और वायु प्रदूष के हॉटस्पॉट पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये देखा गया है कि हॉटस्पॉट्स आकार में कम हो गए हैं, लेकिन प्रदूषण पूरी तरह से कम नहीं हुआ है.

दिल्ली के मुख्य सचिव ने अदालत को सूचित किया कि सभी प्रदूषण हॉटस्पॉट्स के लिए कार्य योजना बनाई गई है. ट्रैफिक भीड़, खुले कचरे आदि को कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि अभी एक्यूआई 100 फिर भी आने वाले दिनों में भी कार्रवाई करना जारी रखेंगे. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार भी लगाई. कोर्ट ने कहा कि सर्वेक्षण में शामिल 2279 उद्योगों में से 243 उद्योगों को प्रदूषण मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया.

स्मॉग टॉवर पर पुनर्विचार याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में स्मॉग टॉवर स्थापित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी थी कि इससे चीनी कंपनियों को पैसा मिलेगा और ये साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक आधार नहीं था कि स्मॉग टॉवर वायु प्रदूषण को नियंत्रित कर सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.