चंडीगढ़: किसानों के मुद्दे पर चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. विधायक सोमबीर सांगवान ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि हमने निर्दलीय विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने भाजपा को अपना समर्थन दिया था, लेकिन जो सरकार किसानों का हित करने की बजाय उनका शोषण करने में लगी हो, मैं उस सरकार को समर्थन नहीं दे सकता, इसलिए मैंने सरकार से नाता तोड़ लिया.
सोमबीर सांगवान ने कहा कि सरकार किसानों को यह क्यों समझा रही है कि इन कानूनों से उनका फायदा होगा. जबकि किसानों का कहना है कि इन कानूनों से उनका कोई फायदा नहीं होगा.
क्यों नहीं कानून रद्द करती है सरकार- सांगवान
सोमबीर सांगवान ने सवाल किया कि सरकार इन कानूनों को क्यों रद्द नहीं करना चाहती है. आखिर सरकार को यह कानून रद्द करने से क्या नुकसान हो जाएगा. जबकि सरकार कानून को रद्द कर किसान आंदोलन को समाप्त करवा सकती है.
किसानों का ध्यान भटका रही है सरकार- सांगवान
उन्होंने कहा कि भाजपा एसवाईएल का मुद्दा उछाल कर किसानों का ध्यान भटकाना चाहती है, लेकिन किसान इस बात को समझते हैं. एसवाईएल के मुद्दे पर हरियाणा और पंजाब का कोई हस्तक्षेप नहीं है. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और ट्रिब्यूनल ही टिप्पणी कर सकते हैं.
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तीनों कानून रद्द कर चौथा कानून लाए सरकार
उन्होंने कहा कि आंदोलन खत्म करने का सिर्फ एक ही रास्ता है कि सरकार तीनों कानूनों को रद्द करें और एक चौथा कानून लाए जो सिर्फ किसानों के लिए हो. जिसमें किसानों को सस्ते बीज और दवाइयां मुहैया करवाने के लिए प्रावधान हो. किसानों को उचित मूल्य मिले एमएससी में हर साल बढ़ोतरी हो. अगर देश का किसान मजबूत होगा तभी देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.