चंडीगढ़: करीब 500 साल के बाद राम मंदिर निर्माण की शुभ घड़ी आई है. मंदिर की आधारशिला को लेकर दिन और तारीख भी तय हो गई है. जिसको लेकर तैयारियां चल रही हैं. तमाम रामभक्तों की आस्था राम मंदिर से जुड़ी हुई है. जिसको देखते हुए पूरे देश के अलग-अलग मंदिरों से मिट्टी लाई जा रही है. जो राम मंदिर की आधारशिला रखते समय उसकी नींव में डाली जाएगी. इसकी जिम्मेदारी विश्व हिंदू परिषद को दी गई है.
हरियाणा के तीन जिलों के मंदिरों से मिट्टी अयोध्या भेजी गई है. जिनमें पानीपत, सोनीपत और पलवल जिले के कई मंदिर शामिल हैं.
- पानीपत के कुक्कड डेरा, बाबा बालकनाथ धाम, जाहरवीर गोगा पीर, गांव के डेरा बाबा जोध सचियार गुरुद्वारा और पौराणिक शिवायल मंदिर से मिट्टी पार्सल की गई है.
- पलवल जिले के प्राचीन पंचवटी मंदिर समेत 100 से अधिक प्रमुख मंदिरों और तीर्थ स्थलों की मिट्टी लेकर उसका पूजन किया. इस मिट्टी का प्रयोग 5 अगस्त को राम मंदिर पूजन में किया जाएगा.
- सोनीपत जिले के गन्नौर के श्री विष्णु मंदिर बालाजी धाम के पुजारी मिट्टी लेकर राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या गए हैं. इनके जाने पर सोनीपत के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया.
वहीं इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि राम जन्मभूमि पर मंदिर बन रहा है. इसकी खुशी पूरे देश की जनता को है. पूरे देश के नदियों से पवित्र जल और मंदिरों से मिट्टी भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा से स्वामी ज्ञानानंद जी के माध्यम से पवित्र नदी सरस्वती आदिबद्री से पवित्र जल और मिट्टी भेजी है.
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5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की आधार शिला रखेंगे. जिसमें हरियाणा के अलग-अलग जिलों के मंदिरों से गई मिट्टी का भी इस्तेमाल होगा. साथ ही सरस्वती नदी के आदिबद्री उद्गम स्थिल से जल भेजा है, जिससे अयोध्या में मंदिर पूजन होगा.