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आयुर्वेद के जरिए लड़ी जा रही कोरोना से जंग! अहम भूमिका निभा रहे आयुष क्लीनिक

जहां मेडिकल साइंस अब तक कोरोना वायरस का कोई पुख्ता इलाज ढूंढ नहीं पाई है. तो ऐसे में लोग अब आयुर्वेद के जरिए अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं. जिसमें आयुष क्लीनिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

situation at ayush hospitals in chandigarh during corona pandemic
आयुर्वेद के जरिए लड़ी जा रही कोरोना से जंग! अहम भूमिका निभा रहे आयुष क्लीनिक
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Published : Aug 21, 2020, 7:08 PM IST

चंडीगढ़: प्राचीन भारत में ऐसे कई तरह के अविष्कार हुए हैं. जिन्हें ना सिर्फ पूरी दुनिया ने सराहा है बल्कि वो आज लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुके हैं. चाहे वो आर्यभट्ट का दिया जीरो हो या फिर भारत की धरोहर माने जाने वाला योग. इसके अलावा भारत ने दुनिया को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति भी दी है. ऐसी पद्धति जिसमें कई रोगों को जड़ से मिटाने की क्षमता है. हालांकि अभी आयुर्वेद में कोरोना महामारी का इलाज नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि आयुर्वेद इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ा जरूर सकता है. यही वजह है कि लोग कोरोना से बचने के लिए आयुर्वेद का सराहा ले रहे हैं और आयुष क्लीनिक ज्यादा जा रहे हैं.

लोगों को जागरूक कर रहा आयुष क्लीनिक

खासकर चंडीगढ़ की बात करें तो यहां 8 आयुष क्लीनिक हैं, जहां कोरोना काल में मरीजों की संख्या तो नहीं बढ़ी है, लेकिन इम्यूनिटी सिस्टम को लेकर लोगों में जागरूकता जरूर बढ़ी है. लोग आयुष क्लीनिक के डॉक्टरों से इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने को लेकर सवाल जरूर पूछ रहे हैं.

आयुर्वेद के जरिए लड़ी जा रही कोरोना से जंग! अहम भूमिका निभा रहे आयुष क्लीनिक

नेशनल आयुष मिशन के नोडल ऑफिसर डॉ. राजीव कपिला ने बताया कि सबसे पहले तो लोगों को कोविड-19 से बचाव को लेकर जागरूक किया जा रहा है. सरकार की ओर से भी हर तरह से लोगों तक ये संदेश पहुंचाया जा रहा है कि वो कोविड से बचने के लिए क्या-क्या सावधानियां बरत सकते हैं, क्योंकि कोरोना की अभी तक कोई दवाई नहीं आई है.

लोगों को बताए जा रहे घरेलू नुस्खे

उन्होंने बताया कि जहां तक आयुष क्लीनिक की बात है तो आयुष क्लीनिक की ओर से भी लोगों को बचाव के कई तरीके बताए जा रहे हैं. कोरोना से बचाव का सबसे बड़ा उपाय ये है कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होनी चाहिए. इसके लिए आयुर्वेद में कई तरह के काढ़े और दवाइयां बनाई गई हैं. इसके अलावा लोगों को ये भी कहा जा रहा है कि वो गिलोय का इस्तेमाल करें. जिससे उनकी इम्यूनिटी बढ़ेगी.

आयुर्वेदिक तरीके से किया जा रहा इलाज

नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन चंडीगढ़ चैप्टर के संरक्षक डॉक्टर आरपी गाबा ने बताया कि चंडीगढ़ में सरकारी आयुष क्लीनिक के अलावा बहुत से प्राइवेट आयुष क्लीनिक भी हैं. जहां पर आयुर्वेदिक तरीके से लोगों का इलाज किया जा रहा है.

'कोरोना से जंग में आयुष क्लीनिक की अहम भूमिका'

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आयुष विभाग कोविड संकट के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि चंडीगढ़ के लोग पढ़े लिखे हैं और सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों को समझते हैं और उनका पालन करते हैं. इसी वजह से चंडीगढ़ में दूसरे शहरों के मुकाबले काफी कम केस सामने आए हैं.

ये भी पढ़िए: मारकंडा नदी में उफान से सैकड़ों घर डूबे, ईटीवी भारत के चेताने के बाद भी नहीं जागा प्रशासन

कोरोना काल में जहां मेडिकल साइंस अब तक इस बीमारी का कोई पुख्ता इलाज ढूंढ नहीं पाई है. तो ऐसे में लोग अब आयुर्वेद के जरिए अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं. भारत के घरों की रसोई में इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने वाली कई चीजें मौजूद होती हैं. बस जरूरत है जानकारी और जागरुकता की. ऐसे में इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाएं और सुरक्षित रहें.

चंडीगढ़: प्राचीन भारत में ऐसे कई तरह के अविष्कार हुए हैं. जिन्हें ना सिर्फ पूरी दुनिया ने सराहा है बल्कि वो आज लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुके हैं. चाहे वो आर्यभट्ट का दिया जीरो हो या फिर भारत की धरोहर माने जाने वाला योग. इसके अलावा भारत ने दुनिया को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति भी दी है. ऐसी पद्धति जिसमें कई रोगों को जड़ से मिटाने की क्षमता है. हालांकि अभी आयुर्वेद में कोरोना महामारी का इलाज नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि आयुर्वेद इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ा जरूर सकता है. यही वजह है कि लोग कोरोना से बचने के लिए आयुर्वेद का सराहा ले रहे हैं और आयुष क्लीनिक ज्यादा जा रहे हैं.

लोगों को जागरूक कर रहा आयुष क्लीनिक

खासकर चंडीगढ़ की बात करें तो यहां 8 आयुष क्लीनिक हैं, जहां कोरोना काल में मरीजों की संख्या तो नहीं बढ़ी है, लेकिन इम्यूनिटी सिस्टम को लेकर लोगों में जागरूकता जरूर बढ़ी है. लोग आयुष क्लीनिक के डॉक्टरों से इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने को लेकर सवाल जरूर पूछ रहे हैं.

आयुर्वेद के जरिए लड़ी जा रही कोरोना से जंग! अहम भूमिका निभा रहे आयुष क्लीनिक

नेशनल आयुष मिशन के नोडल ऑफिसर डॉ. राजीव कपिला ने बताया कि सबसे पहले तो लोगों को कोविड-19 से बचाव को लेकर जागरूक किया जा रहा है. सरकार की ओर से भी हर तरह से लोगों तक ये संदेश पहुंचाया जा रहा है कि वो कोविड से बचने के लिए क्या-क्या सावधानियां बरत सकते हैं, क्योंकि कोरोना की अभी तक कोई दवाई नहीं आई है.

लोगों को बताए जा रहे घरेलू नुस्खे

उन्होंने बताया कि जहां तक आयुष क्लीनिक की बात है तो आयुष क्लीनिक की ओर से भी लोगों को बचाव के कई तरीके बताए जा रहे हैं. कोरोना से बचाव का सबसे बड़ा उपाय ये है कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होनी चाहिए. इसके लिए आयुर्वेद में कई तरह के काढ़े और दवाइयां बनाई गई हैं. इसके अलावा लोगों को ये भी कहा जा रहा है कि वो गिलोय का इस्तेमाल करें. जिससे उनकी इम्यूनिटी बढ़ेगी.

आयुर्वेदिक तरीके से किया जा रहा इलाज

नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन चंडीगढ़ चैप्टर के संरक्षक डॉक्टर आरपी गाबा ने बताया कि चंडीगढ़ में सरकारी आयुष क्लीनिक के अलावा बहुत से प्राइवेट आयुष क्लीनिक भी हैं. जहां पर आयुर्वेदिक तरीके से लोगों का इलाज किया जा रहा है.

'कोरोना से जंग में आयुष क्लीनिक की अहम भूमिका'

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आयुष विभाग कोविड संकट के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि चंडीगढ़ के लोग पढ़े लिखे हैं और सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों को समझते हैं और उनका पालन करते हैं. इसी वजह से चंडीगढ़ में दूसरे शहरों के मुकाबले काफी कम केस सामने आए हैं.

ये भी पढ़िए: मारकंडा नदी में उफान से सैकड़ों घर डूबे, ईटीवी भारत के चेताने के बाद भी नहीं जागा प्रशासन

कोरोना काल में जहां मेडिकल साइंस अब तक इस बीमारी का कोई पुख्ता इलाज ढूंढ नहीं पाई है. तो ऐसे में लोग अब आयुर्वेद के जरिए अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं. भारत के घरों की रसोई में इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने वाली कई चीजें मौजूद होती हैं. बस जरूरत है जानकारी और जागरुकता की. ऐसे में इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाएं और सुरक्षित रहें.

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