चंडीगढ़: सोनीपत शराब घोटाले के मामले में एसआईटी गठित कर दी गई है. इसके अलावा भी पूरे प्रदेश में जहां-जहां से लॉकडाउन के दौरान शराब गायब हुई है उन सभी मामलों की जांच ये एसआईटी करेगी. इस टीम में एक आईएएस अधिकारी के साथ 3 और अधिकारी शामिल होंगे. जिन्हें एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी.
विज चाहते हैं खेमका करें जांच
गृह मंत्री अनिल विज ने एसआईटी के लिए अशोक खेमका का नाम भी सुझाया है. उन्होंने जिन तीन आईएएस अधिकारियों के नाम सीएम के पास भेजे हैं उनमें अशोक खेमका भी शामिल हैं. दरअसल कई हाईप्रोफाइल मामलों को लेकर अशोक खेमका चर्चा में रहे हैं. और कहा जाता है कि अशोक खेमका प्रदेश के सबसे ईमानदार अधिकारियों में से एक हैं. कई बार अनिल विज ने अशोक खेमका का समर्थन भी किया है.
'आबकारी विभाग ने नहीं की FIR'
इस शराब घोटाले ने गठबंधन सरकार के दो विभागों के बीच सामंजस्य न होने की बात भी उजागर की है. अनिल विज पहले ही कह चुके हैं कि आबकारी विभाग और पुलिस के बीच तालमेल की कमी है और अब जब उनसे सवाल पूछा गया कि अभी तक इस पूरे मामले में क्या कार्रवाई हुई है तो उन्होंने कहा कि जब तक शराब गोदाम में रहती है वो आबकारी विभाग की संपत्ति होती है. और अब तक आबकारी विभाग ने शराब चोरी होने की एफआईआर दर्ज नहीं कराई है. जब एफआईआर होगी तभी पुलिस इसकी जांच करेगी. मतलब जब दुष्यंत चौटाला का आबकारी विभाग एफआईआर करेगा तब अनिल विज का गृह विभाग शराब चोरी के मामले में कार्रवाई करेगा. हालांकि अनिल विज ने ये जरूर कहा है कि उनके और उपमुख्यमंत्री के बीच इस विषय पर कोई मतभेद नहीं हैं.
ये बड़ा रैकेट है- अनिल विज
इससे पहले गृह मंत्री अनिल विज ने कहा था कि सोनीपत के शराब घोटाले में बड़ा रैकेट है. इसमें कई बड़े लोग शामिल हो सकते हैं. उन्होंने कहा था कि जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा.
दो एसएचओ समेत कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
सोनीपत के खरखौदा से पुलिस मालखाने में रखी 5 हजार से ज्यादा शराब की पेटियां गायब होने के मामले में दो एसएचओ को सस्पेंड किया गया था जिन पर बाद में गृह मंत्री अनिल विज ने मुकदमा दर्ज करने के भी आदेश दिये थे. इसके अलावा दो मुंशी और मालखाने की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया था.
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