चंडीगढ़: जैन धर्म के सर्वोच्च तीर्थ स्थान श्री सम्मेद शिखर को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित किए (Shri Sammed peak tourist destination declared) जाने के बाद अब चंडीगढ़ में भी इस संबंध में विरोध किया जा रहा है. जिसके चलते जैन समाज के लोगों द्वारा 6 जनवरी को शहर में रोष मार्च निकाला जाएगा. बता दें कि झारखंड के जिला गिरिडीह स्थित जैन समाज का सर्वोच्च तीर्थ श्री सम्मेद शिखर को झारखंड सरकार की ओर से पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में देशभर में जैन समाज के अनुयायियों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया (Jains protest against tourist spot in Chandigarh) जा रहा है.
ऐसे में इसी शृंखला में चंडीगढ़ और पंचकूला के जैन समाज की और से पवित्र स्थल घोषित किए जाने की मांग पर जोर दिया जाएगा. ऐसे में जैन महासंघ ट्राइसिटी के बैनर के नीचे जैन समाज द्वारा शुक्रवार 6 जनवरी को चंडीगढ़ में भी रोष मार्च निकला (Fury march on January 6 in Chandigarh) जाएगा. इस रोष मार्च में का नेतृत्व कैलाश चंद जैन द्वारा किया जाएगा. जिसके लिए शिखरजी बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया है. इसमें शहर के बड़े अनुयायी भी शामिल होंगे.
इस बारे में और जानकारी देते हुए संयोजक कैलाश चंद जैन ने बताया कि श्री सम्मेद शिखरजी जैन समाज का सर्वोच्च तीर्थ स्थान है. झारखंड सरकार की ओर से इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने की अधिसूचना जारी की गई है. इससे क्षेत्र की पवित्रता भंग होने की आशंका बनी हुई है. लोग वहां अमर्यादित भोजन का सेवन करेंगे और पवित्र स्थान के मर्यादा को भी भंग करने की कोशिश करेंगे.
ऐसे में हमारे सर्वोच्च तीर्थ स्थल का अपमान होगा. ऐसे में हमारी मांग है कि केंद्र सरकार उक्त स्थान को पवित्र स्थान घोषित किया जाएगा. इसी मांग पर जैन समाज द्वारा शुक्रवार 6 जनवरी को श्री दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर-27बी से रोष मार्च निकालकर प्रदर्शन किया जाएगा. इसके बाद राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम मांग पत्र चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के साथ साथ हरियाणा राज्यपाल बण्डारू दत्तात्रेय को सौंपा जाएगा.
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क्या है पूरा मामला: दरअसल, झारखंड सरकार ने जैन दिगंबर श्वेतांबर समाज के पवित्र स्थल भगवान पारसनाथ पर्वत को पर्यटक स्थल (Shri Sammed peak tourist destination declared) घोषित किया है. इसे श्री सम्मेद शिखरजी तीर्थ स्थान भी कहा जाता है. पर्यटक स्थल घोषित किए जाने के बाद यहां होटल भी खुलेंगे. इसी कारण से जैन समाज नाराज है. वहीं जैन समाज का मानना है कि इससे यह पवित्र तीर्थ स्थान की प्रतिष्ठा पर प्रभाव पड़ेगा. इसी कारण से लोग आज सड़कों पर विरोध करने देशभर में उतरे हैं. इधर जैन समाज के मुनियों ने कहा है कि जो भी हमारी मांगे हैं, उन्हें शांतिपूर्वक तरीके से रखें.
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