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सावधान! ओटीपी कभी भी शेयर ना करें, बैंक अकाउंट तुरंत हो सकता है खाली - otp cyber crime

साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि लोगों को ये समझना होगा कि वो अपना ओटीपी पासवर्ड किसी के साथ भी शेयर ना करें. ओटीपी शेयर करना मतलब धोखाधड़ी का शिकार होना. चाहे कोई किसी भी चीज का लालच आपको दे, लेकिन आप अपना वन टाइम पासवर्ड किसी के साथ भी शेयर ना करें.

one time password fraud
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Published : Jan 1, 2021, 6:54 PM IST

Updated : Jun 8, 2021, 2:09 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के गोहाना में एक ग्रामीण के खाते से ऑनलाइन ठगी कर करीब 1 लाख 45 हजार रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. एक व्यक्ति ने आरोपी के साथ अपना ओटीपी शेयर किया था. ये ऐसा पहला मामला नहीं है. पहले भी इस तरह के बहुत से मामले सामने आ चुके हैं जब ओटीपी शेयर करने के बाद लोगों के अकाउंट से पैसे गायब कर लिए गए.

OTP से कैसे हो सकती है धोखाधड़ी?

इस बारे में हमने जाने-माने साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा से बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि क्यों ठगों का सबसे पहला टारगेट यही होता है कि वो व्यक्ति का ओटीपी हासिल करें, क्योंकि ओटीपी हासिल करने के बाद व्यक्ति के बैंक अकाउंट से सारी राशि निकाल सकते हैं.

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क्या होता है ओटीपी.

'लालच में आकर ओटीपी शेयर ना करें'

उन्होंने बताया कि इसके लिए साइबर क्रिमिनल तरह-तरह की लालच देते हैं. जैसे लोगों को उनके अकाउंट में बड़ी धनराशि जमा कराने के लिए कहते हैं. या उन्हें मुक्त क्रेडिट कार्ड या उनके डेबिट कार्ड को अपग्रेड करने की बात करते हैं. कई लोग उनके अकाउंट और डेबिट कार्ड के ब्लॉक होने की बात कहकर उनसे उनका ओटीपी हासिल कर लेते हैं.

ओटीपी कभी भी शेयर ना करें, तुरंत बैंक अकाउंट हो सकता है खाली

'ओटीपी शेयर होने के बाद नहीं कर पाएंगे कुछ'

गोहाना वाले मामले में आरोपी ने पीड़ित व्यक्ति को उसके अकाउंट में पैसे डालने की बात कही. जिसके बाद पीड़ित व्यक्ति ने आरोपी के साथ अपना ओटीपी शेयर कर लिया और वो ठगी का शिकार हो गया. क्योंकि ओटीपी शेयर होने के बाद वो अपने पेटीएम अकाउंट को पीड़ित व्यक्ति के अकाउंट से लिंक कर लेते हैं. जिसके बाद पैसों का ट्रांसफर करना बेहद आसान हो जाता है. ऐसे में पीड़ित व्यक्ति का चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता.

साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि लोगों को ये समझना होगा कि वो अपना ओटीपी पासवर्ड किसी के साथ भी शेयर ना करें. ओटीपी शेयर करना मतलब धोखाधड़ी का शिकार होना. चाहे कोई किसी भी चीज का लालच आपको दे, लेकिन आप अपना वन टाइम पासवर्ड किसी के साथ भी शेयर ना करें.

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साइबर अपराध होने पर कैसे करें शिकायत.

ये भी पढे़ं- बैंक आपसे नहीं मांगता अकाउंट संबंधित कोई जानकारी, ईटीवी भारत ने बैंक मैनेजर से की बातचीत

साइबर क्रिमिनल्स के लिए ओटीपी ऑनलाइन ठगी करने का सबसे बड़ा हथियार है. अगर लोग किसी भी कीमत पर ओटीपी शेयर ना करें तो वो काफी हद तक ऑनलाइन ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं. इस तरह के अभी तक सैकड़ों मामला आ चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग साइबर क्रिमिनल्स की बातों में आकर ओटीपी शेयर कर देते हैं. जिसका उन्हें अंजाम भी भुगतना पड़ता है.

चंडीगढ़: हरियाणा के गोहाना में एक ग्रामीण के खाते से ऑनलाइन ठगी कर करीब 1 लाख 45 हजार रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. एक व्यक्ति ने आरोपी के साथ अपना ओटीपी शेयर किया था. ये ऐसा पहला मामला नहीं है. पहले भी इस तरह के बहुत से मामले सामने आ चुके हैं जब ओटीपी शेयर करने के बाद लोगों के अकाउंट से पैसे गायब कर लिए गए.

OTP से कैसे हो सकती है धोखाधड़ी?

इस बारे में हमने जाने-माने साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा से बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि क्यों ठगों का सबसे पहला टारगेट यही होता है कि वो व्यक्ति का ओटीपी हासिल करें, क्योंकि ओटीपी हासिल करने के बाद व्यक्ति के बैंक अकाउंट से सारी राशि निकाल सकते हैं.

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क्या होता है ओटीपी.

'लालच में आकर ओटीपी शेयर ना करें'

उन्होंने बताया कि इसके लिए साइबर क्रिमिनल तरह-तरह की लालच देते हैं. जैसे लोगों को उनके अकाउंट में बड़ी धनराशि जमा कराने के लिए कहते हैं. या उन्हें मुक्त क्रेडिट कार्ड या उनके डेबिट कार्ड को अपग्रेड करने की बात करते हैं. कई लोग उनके अकाउंट और डेबिट कार्ड के ब्लॉक होने की बात कहकर उनसे उनका ओटीपी हासिल कर लेते हैं.

ओटीपी कभी भी शेयर ना करें, तुरंत बैंक अकाउंट हो सकता है खाली

'ओटीपी शेयर होने के बाद नहीं कर पाएंगे कुछ'

गोहाना वाले मामले में आरोपी ने पीड़ित व्यक्ति को उसके अकाउंट में पैसे डालने की बात कही. जिसके बाद पीड़ित व्यक्ति ने आरोपी के साथ अपना ओटीपी शेयर कर लिया और वो ठगी का शिकार हो गया. क्योंकि ओटीपी शेयर होने के बाद वो अपने पेटीएम अकाउंट को पीड़ित व्यक्ति के अकाउंट से लिंक कर लेते हैं. जिसके बाद पैसों का ट्रांसफर करना बेहद आसान हो जाता है. ऐसे में पीड़ित व्यक्ति का चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता.

साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि लोगों को ये समझना होगा कि वो अपना ओटीपी पासवर्ड किसी के साथ भी शेयर ना करें. ओटीपी शेयर करना मतलब धोखाधड़ी का शिकार होना. चाहे कोई किसी भी चीज का लालच आपको दे, लेकिन आप अपना वन टाइम पासवर्ड किसी के साथ भी शेयर ना करें.

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साइबर अपराध होने पर कैसे करें शिकायत.

ये भी पढे़ं- बैंक आपसे नहीं मांगता अकाउंट संबंधित कोई जानकारी, ईटीवी भारत ने बैंक मैनेजर से की बातचीत

साइबर क्रिमिनल्स के लिए ओटीपी ऑनलाइन ठगी करने का सबसे बड़ा हथियार है. अगर लोग किसी भी कीमत पर ओटीपी शेयर ना करें तो वो काफी हद तक ऑनलाइन ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं. इस तरह के अभी तक सैकड़ों मामला आ चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग साइबर क्रिमिनल्स की बातों में आकर ओटीपी शेयर कर देते हैं. जिसका उन्हें अंजाम भी भुगतना पड़ता है.

Last Updated : Jun 8, 2021, 2:09 PM IST
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