चंडीगढ़: ब्रिस्टल के काउंटी ग्राउंड में भारत और इंग्लैंड (England Vs India Women Test Match ) के बीच हो रहा एक मात्र टेस्ट मैच में शेफाली वर्मा छाई हुई हैं. इस मैच के साथ ही हरियाणा से ताल्लुक रखने वाली शेफाली वर्मा ने अपने नाम एक बड़ा रिकॉर्ड कर लिया है, लेकिन वो 17 जून को हुए मैच में अपना शतक पूरा से 4 रनों से चूक गईं, जिसके बाद उन्होंने अपने करीबियों को ट्वीट कर काफी प्रेरणादायक संदेश दिया है.
शेफाली ने ट्वीट (Shafali Verma Tweet) कर लिखा कि,'मुझे पता है कि मेरे पिता, मेरा परिवार, मेरे करीबी, मेरी टीम और अकादमी चार और रन की कमी महसूस कर रही है, लेकिन मैं दोबारा मौका मिलने पर वो कमी पूरी कर दूंगी और आप लोगों क चेहरे पर मुस्कान लाऊंगी.'
शेफाली वर्मा ने अगले कुछ ट्वीट्स में सभी लोगों की शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि मुझे इस टीम का हिस्सा बनने पर गर्व है. उन्होंने अपने कोच, टीम इंडिया और स्पॉन्सर्स का धन्यवाद किया.
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शेफाली ने की सचिन की बराबरी
आपको बता दें कि शेफाली वर्मा ने डेब्यू मैच में सबसे कम उम्र में पहले दो मैचों में सबसे कम उम्र में 50 से ज्यादा रन बनाने वाले सचिन के बाद दूसरी भारतीय क्रिकेटर हैं. इंडिया में सिर्फ दो क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और शेफाली वर्मा ही ऐसे हुए हैं, जिन्होंने 18 साल की उम्र से पहले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक से ज्यादा रन बनाए हैं.
शेफाली आज बना सकती हैं रिकॉर्ड
सचिन और शेफाली के रिकॉर्ड में एक रोचक बात ये भी है कि दोनों ने ही इंग्लैंड के खिलाफ ही ये रिकॉर्ड बनाया है. हालांकि शेफाली वर्मा दूसरी पारी में भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए 55 रन बनाकर नाबाद रहीं. ऐसे में हो सकता है कि शेफाली में इस अर्धशत को शतक में भी तब्दील कर दें.
पहले तोड़ चुकी हैं सचिन का एक रिकॉर्ड
जब शेफाली पंद्रह साल की थी तो उस वक्त वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अर्धशतक जड़ने वाली भारत की सबसे युवा खिलाड़ी बन गई थी. उन्होंने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था. शेफाली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 49 गेंद में 73 रन की पारी खेली थी.
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रोहतक जिले की रहने वालीं हैं शेफाली
शेफाली वर्मा हरियाणा के रोहतक जिले की रहने वाली हैं. शेफाली दाएं हाथ की बल्लेबाज हैं और साथ ही दाएं हाथ से ऑफ स्पिन भी करती हैं. शेफाली ने रोहतक में ही एक एकेडमी में क्रिकेट सीखा है. उन्होंने साल पहले खेलना शुरू किया और हरियाणा के लिए अब तक तीन सत्र खेल चुकी हैं.
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... जब ग्लव्स और बैट खरीदने के लिए नहीं थे पैसे
आपको बता दें कि शेफाली को इस मुकाम पर पहुंचने के लिए काफी तंगहाली से गुजरना पड़ा. एक ऐसा वक्त भी था जब शैफाली के पास खेलने के लिए ग्लव्स भी नहीं थे. शुरुआती दिनों में ईटीवी भारत को दिए इंटरव्यू में शैफाली के पिता संजीव वर्मा ने बताया था कि एक समय ऐसा आया था कि जब उनकी जेब में केवल 280 रुपये थे. उसी दौरान बेटी भी घर के हालातों को समझकर अपने लिए नया बैट और ग्लव्स की बात कह ही नहीं सकी और फटे पुराने ग्लव्स और बैट से चुपचाप खेलती रही.