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पंचकूला में संयुक्त किसान मोर्चा का रोष प्रदर्शन, किसान संगठनों ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन - sanyukt kisan morcha

किसान आंदोलन की दूसरी वर्षगांठ पर कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने (sanyukt kisan morcha protests) प्रदर्शन किया और राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को अपनी मांगों को लेकर (kisan morcha memorandum to Governor ) ज्ञापन सौंपा. इस मौके पर एहतियात के तौर पर पंचकूला सहित अन्य जिलों में भी भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था.

sanyukt kisan morcha protests Haryana farmers gathered in Panchkula memorandum to Governor
संयुक्त किसान मोर्चा का रोष प्रदर्शन, पंचकूला में इकट्ठे हुए हरियाणा के किसान संगठनों ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
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Published : Nov 26, 2022, 8:20 PM IST

चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukt kisan morcha protests) के आह्वान पर देशभर में शनिवार को किसानों ने रोष मार्च निकाला. इसी के तहत हरियाणा के पंचकुला जिले में भी प्रदेश के 15 किसान यूनियन के अध्यक्ष, पदाधिकारी व किसान इस प्रदर्शन में शामिल हुए. किसान संगठनों के 12 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा और अपनी मांगों के समर्थन में राष्ट्रपति के नाम (kisan morcha memorandum to Governor) ज्ञापन सौंपा. किसान प्रदर्शनों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए चंडीगढ़-पंचकूला बॉर्डर पर स्थित हाउसिंग बोर्ड चौक पर भारी पुलिस बल तैनात था.

किसान आंदोलन की दूसरी वर्षगांठ पर कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन किया और राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. हरियाणा के सभी किसान संगठन पंचकूला में इकट्ठा हुए. इस दौरान प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसान पहुंचे. इनका राजभवन के घेराव का कार्यक्रम था. लेकिन चंडीगढ़-पंचकूला की सीमा पर तैनात भारी पुलिस बल ने इन्हें चंडीगढ़ में दाखिल नहीं होने दिया. इसके बाद किसान वहीं पर ही अपना विरोध प्रदर्शन करते रहे. जिससे आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. इस मौके पर पंचकूला सहित अन्य जिलों में भी भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था.

किसान संगठनों ने सौंपा ज्ञापन: प्रशासन के साथ बातचीत के बाद किसान संगठनों के 12 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन देने राजभवन लाया गया. जहां पर उन्होंने राज्यपाल के एडीसी को अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा. किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा किसानों से की गई वायदा खिलाफी पर रोष जताते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, संपूर्ण कर्जा मुक्ति समेत अन्य मांगों को पूरा करने की मांग की.

किसानों की मांग: किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और कर्जा मुक्ति के लिए व्यापक ऋण माफी योजना बनाने की मांग की है. किसानों ने बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस लेने की भी मांग की. उन्होंने लखीमपुर खीरी में किसानों व पत्रकारों के नरसंहार के आरोपी केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी के साथ ही किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों के परिवार को मुआवजा देने की मांग की. किसानों ने आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामलों को वापस लेने की भी मांग की.

इन किसान संगठनों ने निकाला मार्च: प्रदर्शन में शामिल होने वाले संगठनों में बीकेयू, हरियाणा किसान मंच, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), जय किसान आंदोलन अखिल भारतीय किसान सभा, गन्ना किसान संघर्ष समिति, भारतीय किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान महासभा, भारतीय किसान पंचायत, भारतीय किसान यूनियन, भारतीय किसान मजदूर यूनियन, हरियाणा किसान सभा, पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति शामिल हुए.

ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार ने किया विश्वासघात, 26 नवंबर को मार्च निकालेंगे: एसकेएम

चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukt kisan morcha protests) के आह्वान पर देशभर में शनिवार को किसानों ने रोष मार्च निकाला. इसी के तहत हरियाणा के पंचकुला जिले में भी प्रदेश के 15 किसान यूनियन के अध्यक्ष, पदाधिकारी व किसान इस प्रदर्शन में शामिल हुए. किसान संगठनों के 12 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा और अपनी मांगों के समर्थन में राष्ट्रपति के नाम (kisan morcha memorandum to Governor) ज्ञापन सौंपा. किसान प्रदर्शनों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए चंडीगढ़-पंचकूला बॉर्डर पर स्थित हाउसिंग बोर्ड चौक पर भारी पुलिस बल तैनात था.

किसान आंदोलन की दूसरी वर्षगांठ पर कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन किया और राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. हरियाणा के सभी किसान संगठन पंचकूला में इकट्ठा हुए. इस दौरान प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसान पहुंचे. इनका राजभवन के घेराव का कार्यक्रम था. लेकिन चंडीगढ़-पंचकूला की सीमा पर तैनात भारी पुलिस बल ने इन्हें चंडीगढ़ में दाखिल नहीं होने दिया. इसके बाद किसान वहीं पर ही अपना विरोध प्रदर्शन करते रहे. जिससे आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. इस मौके पर पंचकूला सहित अन्य जिलों में भी भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था.

किसान संगठनों ने सौंपा ज्ञापन: प्रशासन के साथ बातचीत के बाद किसान संगठनों के 12 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन देने राजभवन लाया गया. जहां पर उन्होंने राज्यपाल के एडीसी को अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा. किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा किसानों से की गई वायदा खिलाफी पर रोष जताते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, संपूर्ण कर्जा मुक्ति समेत अन्य मांगों को पूरा करने की मांग की.

किसानों की मांग: किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और कर्जा मुक्ति के लिए व्यापक ऋण माफी योजना बनाने की मांग की है. किसानों ने बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस लेने की भी मांग की. उन्होंने लखीमपुर खीरी में किसानों व पत्रकारों के नरसंहार के आरोपी केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी के साथ ही किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों के परिवार को मुआवजा देने की मांग की. किसानों ने आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामलों को वापस लेने की भी मांग की.

इन किसान संगठनों ने निकाला मार्च: प्रदर्शन में शामिल होने वाले संगठनों में बीकेयू, हरियाणा किसान मंच, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), जय किसान आंदोलन अखिल भारतीय किसान सभा, गन्ना किसान संघर्ष समिति, भारतीय किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान महासभा, भारतीय किसान पंचायत, भारतीय किसान यूनियन, भारतीय किसान मजदूर यूनियन, हरियाणा किसान सभा, पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति शामिल हुए.

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