चंडीगढ़: पंजाब में प्रचंड बहुमत के बाद आम आदमी पार्टी की बाकी राज्यों में भी चर्चा होने लगी है. पंजाब और दिल्ली के बाद इन दोनों राज्यों की सीमाओं से सटे हरियाणा की सियायत में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party in Haryana) अपनी राजनीतिक जड़े मजबूत करने की मंशा जाहिर कर चुकी है. इस बीच आम आदमी पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि हरियाणा में उसके पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है.
सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें चल रही हैं कि हरियाणा के चर्चित IAS अधिकारी अशोक खेमका आम आदमी पार्टी में शामिल (Ashok Khemka may join Aam Aadmi Party) हो सकते हैं. आम आदमी पार्टी की सचिव इंदु गुसैन ने सोशल मीडिया पर ये जानकारी दी है. इंदु ने ट्वीट कर दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल के दोस्त और ईमानदार आईएएस अशोक खेमका हरियाणा में पार्टी के पथ प्रदर्शक होंगे. इंदु ने दावा किया है कि खेमका जल्द नौकरी छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं.
आप प्रवक्ता का दावा: इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रवक्ता लवलीन टुटेजा से ईटीवी भारत ने बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि अभी तक आम आदमी पार्टी ने किसी नेता समाज सुधारक के नाम की घोषणा नहीं की है. ये सब अफवाह है. उन्होंने कहा कि हम सभी ऐसे लोगों का स्वागत करते हैं जो लोग चाहते हैं कि समाज में व्यवस्था परिवर्तन हो. जो लोग हरियाणा को विकास के पथ पर चाहते हैं वो आम आदमी पार्टी से जुड़ रहे हैं और जुड़ते रहेंगे.
कौन हैं अशोक खेमका? बंगाल की राजधानी कोलकाता में जन्मे अशोक खेमका 1991 बैच के IAS हैं. उन्होंने 1988 में प्रौद्योगिकी खड़गपुर के भारतीय संस्थान से स्नातक और टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान, मुंबई से कंप्यूटर साइंस में PHD और MBA किया है. पिछले साल अक्टूबर में हुआ ट्रांसफर IAS अशोक खेमका का सिविल सेवा में 30 साल के करियर में 54वां ट्रांसफर (Ashok Khemka transfer) था.
हालांकि बीजेपी से पहले कांग्रेस की हुड्डा सरकार में भी खेमका का दर्जनों बार ट्रांसफर हो चुका है. ऐसे में अगर IAS अशोक खेमका आम आदमी पार्टी में शामिल ( IAS Ashok Khemka may join Aam Aadmi Party) होते हैं, तो हरियाणा की सियासत बेहद रोचक हो जाएगी. आम आदमी पार्टी में शायद एक मजबूत नेता की कमी पूरी हो जाएगी.
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इन कारणों से भी चर्चित हैं खेमका: हरियाणा में जब कांग्रेस की सरकार थी तब डीजी कंसोलिडेशन के पद पर रहकर खेमका ने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनियों और डीएलएफ की लैंड डील उजागर किया था. इस मामले के बाद अशोक खेमका देशभर में चर्चित हो गए. इस मामले को बीजेपी समेत कई कांग्रेस विरोधी पार्टियों ने चुनावी मुद्दा बनाया. कई रसूखदार लोगों और बड़ी कंपनियों के खिलाफ फैसले लेने के कारण खेमका की छवि ईमानदार और सख्त प्रशासक की है. उन्होंने गेहूं बीज खरीद घोटाला, रक्सिल दवा खरीद घोटाला उजागर किया. इन कारणों से कांग्रेस सरकार में तो प्रताड़ित हुए ही. बीजेपी सरकार में भी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर रहते हुए उन्होंने ओवरलोडिंग पर रोक लगाने के साथ ही ओवरसाइज व्हीकल्स के खिलाफ भी कार्रवाई की. नतीजा फिर वही मात्र 6 महीने में उनका ट्रांसफर हो गया. पंजाब में बदलाव के बाद संभव है कि आम आदमी पार्टी अशोक खेमका की ईमानदार छवि को हरियाणा में कैश करना चाहे. हलांकि ये खबर अभी तक सोशल मीडिया पर ज्यादा चर्चा में है.
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