रोहतक: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से तीसरी वार्ता के बाद रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (Resident Doctors Association) ने बड़ा ऐलान किया है. एसोसिएशन ने एक लेटर जारी हड़ताल वापस ले ली है. 2 दिसंबर से रोहतक पीजीआई में रेजिडेंट डॉक्टर्स नियमित रूप से काम पर लौटेंगे. बता दें कि कि हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ एमबीबीएस स्टूडेंट का साथ देने के लिए रेजिडेंट डॉक्टरों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था.
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा जारी किए गए लेटर में बॉन्ड पॉलिसी में बदलाव करने व समय देने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया है. माना जा रहा है कि रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद अब आंदोलन फीका पड़ सकता है.
क्या है बॉन्ड पॉलिसी? दरअसल एमबीबीएस में बॉन्ड पॉलिसी के तहत हरियाणा सरकार एडमिशन के समय छात्रों से 4 साल में 40 लाख रुपये का बॉन्ड भरवा रही है. छात्र को हर साल 10 लाख रुपये बॉन्ड के रूप में देने होंगे. इस पॉलिसी के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले हर छात्र को कम से कम 7 साल सरकारी अस्पताल में सेवाएं देनी होंगी. अगर वह ऐसा नहीं करता है तो बॉन्ड के रूप में दिये गये 40 लाख रुपये सरकार ले लेगी.
एमबीबीएस छात्र विरोध क्यों कर रहे हैं? MBBS छात्रों का कहना है कि हरियाणा सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के चलते छात्र पढ़ाई से पहले कर्ज में डूब जायेंगे. उन पर बॉन्ड पॉलिसी के नाम पर आर्थिक बोझ डाल दिया गया है. छात्र हर साल 10 लाख रुपये कहां से लायेगा. हरियाणा के विपक्षी दल भी सरकार की इस पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं.