चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार पारदर्शी तरीके से सरकारी विभागों में नियुक्तियां कर रही हैं. पहले सरकार हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (Haryana Staff Selection Commission) व हरियाणा लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जा रही भर्तियों में पारदर्शिता लाई और पर्ची खर्ची को खत्म कर मेरिट के आधार पर नौकरियां दीं. अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरियाणा कौशल रोजगार निगम के जरिए भी मेरिट आधार पर नियुक्तियां की जा रही हैं. आज मुख्यमंत्री ने एक क्लिक के माध्यम से लगभग 2075 टीजीटी और पीजीटी अध्यापकों को नियुक्ति पत्र ऑफर किए.
अध्यापकों के इन पदों के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 6 नवंबर, 2022 थी. मुख्यमंत्री ने मात्र 17 दिनों में 2075 उम्मीदवारों को पीजीटी व टीजीटी अध्यापकों के लिए नियुक्ति-पत्र जारी किए है. ये नियुक्तियां उन स्कूलों में की गई है जहां रेशनलाइजेशन के बाद अध्यापकों की कमी पाई गई थी. इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार ने फौरी तौर पर इन अध्यापकों की नियुक्ति की है ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो सके.
हरियाणा लोक सेवा आयोग (Haryana Public Service Commission) द्वारा शिक्षकों की नियमित भर्तियों के लिए भी विज्ञापन जारी कर दिया गया है. आयोग ने पीजीटी के 3863 पदों के लिए आवेदन मंत्रित किए हैं. हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा की जाने वाली भर्ती प्रक्रिया में समय लग जाता है लेकिन अब जिस-जिस विभाग में कर्मचारियों की आवश्यकता है वहां के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भर्ती की जा रही है.
मुख्यमंत्री का मानना है कि आउटसोर्सिंग पॉलिसी-1 के तहत सेवा प्रदाताओं द्वारा कर्मचारियों के शोषण की शिकायतें प्राप्त हो रही थी. इसलिए उन्होंने कौशल रोजगार निगम का गठन करने का निर्णय लिया. अब आउटर्सोसिंग पॉलिसी-1 के तहत सभी अनुबंध कर्मचारियों की नियुक्ति इस निगम के माध्यम से हो रही है. विभिन्न विभागों, बोर्डों व निगमों में पहले से लगे 90 हजार से अधिक कर्मचारियों को निगम के माध्यम से समायोजित किया जा चुका है.