चंडीगढ़: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा लगातार सुर्खियों में है. मंगलवार को ये यात्रा हरियाणा में प्रवेश कर रही है. हरियाणा में कुरुक्षेत्र जिले के पेहोवा से शुरू होकर राहुल गांधी की ये ट्रैक्टर यात्रा पीपली तक जाएगी, लेकिन अब एक और सवाल खड़ा हो रहा है कि इस यात्रा के कार्यक्रम में इतने बदलाव क्यों किए गए.
बार-बार हुआ कार्यक्रम में बदलाव
पहले ये ट्रैक्टर यात्रा हरियाणा में तीन दिन तक चलने वाली थी. इसके बाद इसे घटाकर दो दिन कर दिया गया. वहीं एक बार और कार्यक्रम में बदलाव करके इस यात्रा को एक दिन के लिए कर दिया गया. कृषि कानून के विरोध में राहुल गांधी की इस यात्रा को लेकर हरियाणा में तब से ही राजनीति गरमा रही है जब से राहुल गांधी ने यात्रा का ऐलान किया था.
केवल 100 लोगों के लिए मिली इजाजत
राहुल गांधी ने जैसे ही हरियाणा में ट्रैक्टर यात्रा का ऐलान किया वैसे ही हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज आक्रामक हो गए और उन्होंने राहुल गांधी के हरियाणा में प्रवेश ना करने देने की बात कह डाली. इसके बाद पूरी कांग्रेस विज पर हमलावर हो गई. साथ ही साथ और भी कई संगठन कांग्रेस के समर्थन में आ गए. चौतरफा आलोचना होने के बाद विज के तेवर थोड़े नरम पड़े और उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हरियाणा आ सकते हैं, लेकिन केवल 100 लोगों के साथ.
पंजाब में नहीं मिला ज्यादा समर्थन
राहुल गांधी की यात्रा में 100 लोगों के आने की इजाजत देना ही इस कार्यक्रम को छोटा करने की सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है. वहीं ये भी देखा गया कि पंजाब में ट्रैक्टर यात्रा के दौरान राहुल गांधी को ज्यादा जन समर्थन नहीं मिला. किसानों से ज्यादा उनकी यात्रा में केवल कांग्रेस कार्यकर्ता ही थे.
हरियाणा के कई जिलों के किसान हैं कृषि कानून के समर्थन में
वहीं हरियाणा में भी राहुल गांधी की इस यात्रा को ज्यादा समर्थन मिलने की उम्मीद नहीं है. यहां कई जिलों के किसान कृषि कानून के समर्थन में ट्रैक्टर रैली निकाल चुके हैं. ऐसे में लगता है कि पंजाब की तरह हरियाणा में भी राहुल गांधी की इस ट्रैक्टर यात्रा में किसान कम और कांग्रेस कार्यकर्ता ही ज्यादा दिखाई देंगे.
ये भी पढ़ें- आज हरियाणा में प्रवेश करेगी राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली, पिपली में होगा समापन