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हरियाणा में स्टार्टअप: जानें सरकार के दावे और जमीनी हकीकत में कितना अंतर ? - हरियाणा में बेरोजगारी

हरियाणा में स्टार्टअप को लेकर मनोहर लाल सरकार ने 2017 में स्टार्टअप नीति लागू की थी. इसको लेकर अब ईटीवी भारत हरियाणा ने एक पड़ताल शुरू की है जिससे ये पता चल सके कि हरियाणा में स्टार्टअप की मौजूदा स्थिति क्या है.

reality check of startup india in haryana
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Published : Jan 1, 2020, 11:39 PM IST

चंडीगढ़: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत 2016 में की थी, जिसे हरियाणा ने 2017 में अपनाया था. इसके तहत अपना बिजनेस शुरू करने वाले युवाओं को सरकार लोन उपलब्ध कराती है. हरियाणा सरकार का कहना है कि उसने बीते सालों में प्रदेश के युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने में मदद की है.

स्टार्टअप पर ये है सरकार का दावा-
वर्तमान सरकार का दावा है कि उनके कार्यकाल में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश से 29 विशाल इकाइयां स्थापित की गई हैं. इनमें 6,884 करोड़ रुपये के निवेश से 14,285 व्यक्तियों को रोजगार दिया गया है, लेकिन प्रदेश के युवा सरकार के इन दावों से इत्तेफाक नहीं रखते.

हरियाणा में स्टार्टअप, जानें सरकार के दावे और जमीनी हकीकत का अंतर

युवाओं को नहीं मिल रहा लाभ
युवाओं का कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई खास मदद नहीं मिली है. युवाओं का तो ये भी कहना है कि सरकार ने इकॉनोमी की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दिया. युवाओं का कहना है कि केंद्र सरकार कुछ भी कहे असलियत तो ये है कि हरियाणा में बेरोजगारी बढ़ी है.

बेरोजगारी की रिपोर्ट तो कुछ और बता रही है
सरकार कहती है स्टार्टअप के जरिए रोजगार दिए गए हैं. युवा ये मानने को तैयार नहीं हैं. इसीलिए एक आंकड़े का जानना बहुत जरूरी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी ने जनवरी 2019 से अप्रैल 2019 के बीच बेरोजगारी की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की. जिसके अनुसार देश की बेरोजगारी दर 6.9 प्रतिशत थी तो हरियाणा की बेरोजगारी दर 20.5 प्रतिशत थी.

ये भी पढ़ें:- हिसार टोल प्लाजा पर FASTag लागू, वाहनों की लगी लंबी लाइन

स्टार्टअप पर सरकार की ये भी है योजना
बता दें कि हरियाणा सरकार ने स्टार्टअप योजना को बढ़ावा देने के लिए वार्षिक स्टार्टअप प्रतियोगिता (सुप्रति) कराने की योजना तैयार की है. इसके तहत छात्र कॉलेज स्तर पर स्टार्टअप के लिए बिजनेस प्लान तैयार करेंगे. प्रतियोगिता के तहत विजेताओं को स्टार्टअप शुरू करने के लिए बकायदा नकद पुरस्कार दिया जाएगा.

चंडीगढ़: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत 2016 में की थी, जिसे हरियाणा ने 2017 में अपनाया था. इसके तहत अपना बिजनेस शुरू करने वाले युवाओं को सरकार लोन उपलब्ध कराती है. हरियाणा सरकार का कहना है कि उसने बीते सालों में प्रदेश के युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने में मदद की है.

स्टार्टअप पर ये है सरकार का दावा-
वर्तमान सरकार का दावा है कि उनके कार्यकाल में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश से 29 विशाल इकाइयां स्थापित की गई हैं. इनमें 6,884 करोड़ रुपये के निवेश से 14,285 व्यक्तियों को रोजगार दिया गया है, लेकिन प्रदेश के युवा सरकार के इन दावों से इत्तेफाक नहीं रखते.

हरियाणा में स्टार्टअप, जानें सरकार के दावे और जमीनी हकीकत का अंतर

युवाओं को नहीं मिल रहा लाभ
युवाओं का कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई खास मदद नहीं मिली है. युवाओं का तो ये भी कहना है कि सरकार ने इकॉनोमी की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दिया. युवाओं का कहना है कि केंद्र सरकार कुछ भी कहे असलियत तो ये है कि हरियाणा में बेरोजगारी बढ़ी है.

बेरोजगारी की रिपोर्ट तो कुछ और बता रही है
सरकार कहती है स्टार्टअप के जरिए रोजगार दिए गए हैं. युवा ये मानने को तैयार नहीं हैं. इसीलिए एक आंकड़े का जानना बहुत जरूरी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी ने जनवरी 2019 से अप्रैल 2019 के बीच बेरोजगारी की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की. जिसके अनुसार देश की बेरोजगारी दर 6.9 प्रतिशत थी तो हरियाणा की बेरोजगारी दर 20.5 प्रतिशत थी.

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स्टार्टअप पर सरकार की ये भी है योजना
बता दें कि हरियाणा सरकार ने स्टार्टअप योजना को बढ़ावा देने के लिए वार्षिक स्टार्टअप प्रतियोगिता (सुप्रति) कराने की योजना तैयार की है. इसके तहत छात्र कॉलेज स्तर पर स्टार्टअप के लिए बिजनेस प्लान तैयार करेंगे. प्रतियोगिता के तहत विजेताओं को स्टार्टअप शुरू करने के लिए बकायदा नकद पुरस्कार दिया जाएगा.

Intro:एंकर - केंद्र सरकार ने युवाओं के लिए स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु स्टार्टअप योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत खुद का रोजगार शुरू करने वाले युवाओं को कम ब्याज और आसान प्रक्रिया के तहत लोन की सुविधा दी जाती है। स्टार्टअप योजना के परिणाम अभी उस स्तर तक नहीं मिल रहे जितनी अपेक्षा की गई थी। इसके पीछे कारण युवाओं की जागरूकता में कमी और स्वरोजगार की बजाय नौकरी की अधिक इच्छाशक्ति है। गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक प्रोफेसर कर्मपाल के अनुसार अभी इस योजना के प्रभावी परिणामों में कुछ वर्ष का समय लगेगा। वहीं सरकार को योजना के प्रति लिबरल होने के साथ-साथ कई अन्य उपाय करने की भी जरूरत है।

वीओ - हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक प्रोफेसर कर्मपाल ने कहा कि स्टार्टअप योजना एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका लक्ष्य उन्नतशील विचारों वाले युवाओं को स्वयं रोजगार के लिए वित्तीय संसाधन मुहैया करवाना है। उन्होंने कहा कि युवाओं की मानसिकता विकसित हो चुकी है कि उन्हें केवल रोजगार करना है जिसमें अधिकतर सरकारी नौकरी करना चाहते हैं। आंकड़ों के अनुसार देश में सरकारी या निजी क्षेत्र में इतने अवसर नहीं है कि सभी बेरोजगार युवाओं को नौकरी दी जा सके। रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए इस प्रकार की योजना चलाई गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी मानसिकता को बदलने में कुछ वर्ष लगेंगे लेकिन वह इस योजना के परिणामों को सकारात्मक मानते हैं। उन्होंने कहा कि जब ऐसे युवा कम संख्या में भी आगे आएंगे तो उनकी सफलता को देखकर अन्य युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी।

प्रोफेसर कर्मपाल ने कहा कि सरकार को भी इस योजना को लेकर लिबरल होना पड़ेगा। वही महाविद्यालयों के माध्यम से प्रत्येक युवा तक पहुंचने की जरूरत है। स्टार्टअप योजना को लेकर उन्होंने कहा कि युवाओं में जागरूकता की कमी होने के साथ-साथ इच्छाशक्ति की भी कमी है। युवाओं का स्वरोजगार के बजाय रोजगार की तरफ अधिक झुकाव है। वहीं युवा रिस्क नहीं लेना चाहते जिसके लिए शिक्षकों से लेकर राजनेताओं तक को युवाओं को जागरूक करना पड़ेगा। युवाओं को यह समझाना पड़ेगा कि रोजगार लेने की बजाय रोजगार देने की सोच से काम करने की जरूरत है।




Body:स्टार्टअप योजना के तीव्र गामी परिणामों को लेकर सुझाव के बारे में बताते हुए प्रोफेसर कर्मपाल ने कहा कि शिक्षकों के ओरियंटेशन कोर्स शुरू करने चाहिए। कॉलेज, यूनिवर्सिटी में कार्यशाला का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि युवाओं को इस बारे में जागरूक करते हुए सुझाव दिए जा सकें। वहीं उन्होंने कहा कि अभी तक केवल विश्वविद्यालयों में ही इसे शुरू किया गया है लेकिन उसमें भी टेंपरेरी इंचार्ज बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले ऐसे शिक्षकों को भर्ती किए जाने की जरूरत है जो युवाओं को आगे प्रशिक्षित करेंगे।

बाइट - प्रोफेसर कर्मपाल, निदेशक हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय हिसार।


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