चंडीगढ़: कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से इस्तीफे की मांग की है. दरअसल, कृषि अध्यादेशों के विरोध में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का इस्तीफा मांगा है.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि दुष्यंत जी, हरसिमरत के इस्तीफे के नाटक को ही दोहरा कर छोटे सीएम के पद से इस्तीफा दे देते. पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं ? कुछ तो राज है, किसान माफ नहीं करेंगे. उन्होंने आगे लिखा कि जेजेपी सरकार की पिछलग्गु बन किसान की खेती-रोटी छिनने के जुर्म की भागीदार है.
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दुष्यंत जी,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 17, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
हरसिमरत के इस्तीफ़े के नाटक को ही दोहरा कर छोटे सीएम के पद से इस्तीफ़ा दे देते।
पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं ?
कुछ तो राज है, किसान माफ नहीं करेंगे।
जजपा सरकार की पिछलग्गु बन किसान की खेती-रोटी छिनने के जुर्म की भागीदार है।
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 17, 2020
हरसिमरत के इस्तीफ़े के नाटक को ही दोहरा कर छोटे सीएम के पद से इस्तीफ़ा दे देते।
पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं ?
कुछ तो राज है, किसान माफ नहीं करेंगे।
जजपा सरकार की पिछलग्गु बन किसान की खेती-रोटी छिनने के जुर्म की भागीदार है।दुष्यंत जी,
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हरसिमरत के इस्तीफ़े के नाटक को ही दोहरा कर छोटे सीएम के पद से इस्तीफ़ा दे देते।
पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं ?
कुछ तो राज है, किसान माफ नहीं करेंगे।
जजपा सरकार की पिछलग्गु बन किसान की खेती-रोटी छिनने के जुर्म की भागीदार है।
दीपेंद्र हुड्डा ने भी किया ट्वीट
वहीं कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी हरसिमरत कौर के इस्तीफे को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि हरसिमरत बादल जी के इस्तीफे के बाद इस प्रश्न को और बल मिलता है. जब पंजाब के सारे दल किसान के पक्ष में एक हो कर केंद्र के इन किसान-घातक अध्यादेशों के विरोध में आ सकते है तो हरियाणा के सत्तासीन बीजेपी-जेजेपी नेता क्यों किसान से विश्वासघात कर रहे हैं? उन्होंने आगे लिखा कि किसान-हित से ऊपर सत्ता-लोभ है.
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अकाली @HarsimratBadal_ जी के इस्तीफ़े के बाद इस प्रश्न को और बल मिलता है-
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) September 17, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
जब पंजाब के सारे दल किसान के पक्ष में एक हो कर केंद्र के इन किसान-घातक अध्यादेशों के विरोध में आ सकते है तो हरियाणा के सत्तासीन BJP-JJP नेता क्यूँ किसान से विश्वासघात कर रहे है?
किसान-हित से ऊपर सत्ता-लोभ। https://t.co/TDnBLXk40l
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— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) September 17, 2020
जब पंजाब के सारे दल किसान के पक्ष में एक हो कर केंद्र के इन किसान-घातक अध्यादेशों के विरोध में आ सकते है तो हरियाणा के सत्तासीन BJP-JJP नेता क्यूँ किसान से विश्वासघात कर रहे है?
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जब पंजाब के सारे दल किसान के पक्ष में एक हो कर केंद्र के इन किसान-घातक अध्यादेशों के विरोध में आ सकते है तो हरियाणा के सत्तासीन BJP-JJP नेता क्यूँ किसान से विश्वासघात कर रहे है?
किसान-हित से ऊपर सत्ता-लोभ। https://t.co/TDnBLXk40l
हरसिमरत कौर ने दिया केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा
गौरतलब है कि शिरोमणि अकाली दल की नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. हरसिमरत कौर ने कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में मोदी सरकार से इस्तीफा दिया.
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के संसद में लाए गए कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में मोदी सरकार से इस्तीफा देने की जानकारी दी थी.
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बादल ने कहा, 'हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथी हैं. हमने सरकार को किसानों की भावना बता दी. हमने इस विषय को हर मंच पर उठाया. हमने प्रयास किया कि किसानों की आशंकाएं दूर हों, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.'
ये भी बता दें कि हरसिमरत कौर मोदी सरकार में वर्तमान में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रही हैं. हरसिमरत कौर मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि हैं. अकाली दल, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है.