चंडीगढ़: हरियाणा की जेलों से अब कैदियों की आवाज आम लोग भी सुन सकेंगे. प्रदेश की प्रमुख जेलों में रेडियो स्टेशन बनाए जाएंगे. कैदी इन रेडियो स्टेशनों को चलाएंगे. कैदी ही रेडियो जॉकी और पत्रकार बनेंगे. तिनका-तिनका फाउंडेशन की पहल और हरियाणा पुलिस विभाग के सहयोग से ये संभव हो पाएगा.
हरियाणा पुलिस विभाग ने अभी तीन प्रमुख जेलों में रेडिया स्टेशन बनाने का फैसला लिया है. पानीपत, अंबाला और फरीदाबाद के 21 कैदियों को इसके लिए चुना गया है. इन 21 कैदियों की 30 दिसंबर तक ट्रेनिंग भी हो चुकी है. अब आने वाले 10 से 15 दिनों में रेडियो स्टेशन की शुरुआत होने की उम्मीद जताई जा रही है.
तिनता-तिनका फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. वर्तिका नंदा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि 21 कैदियों को ऑडिशन के बाद चुना गया है. इसमें 5 महिला कैदी फरीदाबाद जेल से हैं. हालांकि अंबाला और पानीपत से कोई महिला कैदी नहीं है. आने वाले समय मे कैदियों की संख्या बढ़ भी सकती है. उन्होंने बताया कि 10 से 15 दिनों में इसकी शुरुवात होने की उम्मीद है.
इन विषयों से जुड़ें होंगे कार्यक्रम
कार्यक्रम में कानून, सेहत और संगीत से जुड़े विषय होंगे. कैदी अपनी कविताएं और कहानियां भी सुना सकेंगे. अपनी फरमाइश या सवाल लिखकर दे सकेंगे, जिसका जवाब अगले कार्यक्रम में दिया जाएगा. जेल में कलाकारों की लिस्ट तैयार की जा रही है, जो जेल रेडियो में अपनी भागीदारी करेंगे. खास बात ये है कि तीनों जेल के कैदियों ने ही परिचय गान और धुन तैयार की है.
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गौरतलब है कि सजायाफ्ता कैदियों की छिपी हुई प्रतिभा को सामने लाने और रचनात्मक काम से जोड़ने की सोच के साथ रेडियो स्टेशन की शुरुआत की जा रही है. तिनका-तिनका फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. वर्तिका नंदा दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज के पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष भी हैं. डॉ. वर्तिका नंदा को साल 2015 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा स्त्री शक्ति पुरस्कार प्रदान किया गया था.