चंडीगढ़: हरियाणा में अच्छे मानसून और समय पर खरीफ फसल की कटाई से रबी फसल की बुआई में अब तक अच्छी ग्रोथ रही. चालू रबी मौसम के दौरान लगभग 19 लाख एकड़ भूमि में सरसों की बुआई हुई है. इसके अलावा 57 लाख एकड़ में गेंहू की भी बुआई हुई (Haryana Rabi crop sown) है. बुआई के वक्त आवश्यकता अनुसार उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा के साथ रबी की मुख्य फसलों की बिजाई हो चुकी है. इस बात की जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा दी गई है.
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान रबी मौसम के दौरान 6 जनवरी 2022 तक 7.85 लाख मीट्रिक टन यूरिया उर्वरक की बिक्री हुई है. जबकि पिछले साल इसी अवधि तक यूरिया उर्वरक की बिक्री 7.76 लाख मीट्रिक टन थी. यह दर्शाता है कि इस साल भी किसानों को यूरिया की आपूर्ति लगभग समान रही है.
उन्होंने बताया कि जनवरी महीने के लिए भारत सरकार ने 2 लाख मीट्रिक टन यूरिया खाद राज्य को आवंटित किया है. इसमें से 6 जनवरी 2022 तक 52 हजार मीट्रिक टन प्राप्त हो चुका है. बाकी डेढ़ लाख मीट्रिक टन के लिए भारत सरकार ने जनवरी महीने के अंत तक आपूर्ति के बारे आश्वस्त किया है. आज के दिन राज्य में 44.160 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है. प्रवक्ता ने बताया कि फॉस्फेटिक उर्वरकों का उपयोग / ड्रिल बिजाई के समय किया जाता है. यूरिया को आमतौर पर फसल में टॉप - ड्रेसिंग के रूप में उपयोग किया जाता है. भारत सरकार द्वारा सभी राज्य में मांग अनुसार खादों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है.
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कब से कब तक होता रबी फसलों का सीजन
कृषि कैलेंडर के मुताबिक रबी फसलों की बुआई के लिए 15 सितंबर से 15 नवंबर तक अनुकूल समय माना जाता है. 15 अक्टूबर तक सरसों, चना की बुआई के लिए और अक्टूबर के अंतिम पखवाड़े से 15 नवंबर तक गेहूं की बुआई के लिए अनुकूल समय रहता है.
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