चंडीगढ़: गुरुग्राम की भोंडसी जेल में बंद एक कैदी द्वारा आत्महत्या की कोशिश करने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है. कैदी की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के जज मनोज बजाज ने सरकारी वकील को पूरे मामले की जांच कर हाई कोर्ट में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.
बता दें कि उम्र कैद की सजा काट रहे कैदी सुरजीत कटारिया ने 1 दिसंबर को जेल में आत्महत्या करने की कोशिश की थी. जिसके बाद जेल प्रशासन ने कैदी के खिलाफ आत्महत्या करने का मामला दर्ज कर लिया था. इस मामले में बहस के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अनिरुद्ध सिंह शेरा ने बताया कि भोंडसी जेल में कैदियों से उगाही का धंधा चल रहा है और ये ही वजह है कि पिछले दिनों दो कैदी आत्महत्या कर अपनी जान दे चुकें हैं.
बेंच को बताया गया कि जेल प्रशासन सुजीत कटारिया से 10,00,000 रुपयों की मांग कर रहा था और रुपये ना देने की एवज में उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर टॉर्चर किया गया था. इसी कारण सुरजीत कटारिया ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी लेकिन किस्मत से वह बच गया.
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इस मामले में हरियाणा के डीजीपी को भी शिकायत दी गई थी लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. कोर्ट को बताया गया कि इस घटना के अगले दिन ही सुरजीत कटारिया के खिलाफ आत्महत्या करने का मामला दर्ज कर लिया गया था जबकि नियमों के अनुसार इस तरह के मामलों की जांच जरूरी होती है. ताकि ये पता लग सके की कैदी ने आत्महत्या करने की कोशिश क्यों की और उसकी मानसिक स्थिति कैसी थी.
लेकिन इन तथ्यों की जांच के बगैर ही मामला दर्ज कर लिया गया. अब इस पूरे मामले की जांच सीबीआई या उच्च अधिकारियों से करवाने की मांग की जा रही है. याचिका में हरियाणा के अतिरिक्त सचिव, सीबीआई, डीजीपी हरियाणा, गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर और भोंडसी जेल प्रशासन को प्रतिवादी बनाया है.