चंडीगढ़: एनआरआई के अपहरण मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने 6 दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई है. दोषी सुखदेव, संजीव कुमार, नितिन, अजीत सिंह, अनिल कुमार और प्रदीप मलिक को चंडीगढ़ अदालत ने साल 2016 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
दोषियों ने बताया कि पैसों को लेकर उन्होंने एनआरआई का अपहरण किया था. पीड़ित और पुलिस की गवाही का हवाला देते हुए बैंच ने कहा कि ये पूरी तरह से सत्यापित होता है कि दोषियों ने एनआरआई की कार में पहले नकदी की लूट की और फिर उसका अपहरण किया. पीड़ित के पास से कई ऐसे अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं. जो दोष साबित करते हैं.
10 अप्रैल 2012 में चंडीगढ़ पुलिस कंट्रोल रूम को कनाडा से गुरनीत सिंह नाम के शख्स ने फोन करके बताया कि उसके छोटे भाई नवनीत सिंह को कुछ लोगों ने अपहरण कर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है. जिसके बाद पुलिस सेक्टर-18 पहुंची और नवनीत सिंह के नौकर अमित कुमार की स्टेटमेंट रिकॉर्ड की. जिसमें बताया कि नवनीत सिंह 9 अप्रैल को कहीं गया था. पर वो घर वापस नहीं आया.
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नवनीत सिंह को बचाने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने ऑपरेशन तैयार किया. जिसके लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम कुरुक्षेत्र के गांव में गई. ऑपरेशन के दौरान दोषियों में से एक ने पुलिस पार्टी पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी. जवाब में पुलिस ने भी गोलियां बरसाई और पीड़ित को बचा लिया. हालांकि कोर्ट में पीड़ित नवनीत सिंह और उसके नौकर अमित कुमार के बीच फिरौती के पैसों को लेकर कोई बात हुई है. ये सत्यापित नहीं हो पाया.