चंडीगढ़: कैथल में लगी सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति पर गुर्जर शब्द लिखने के बाद शुरू विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सम्राट मिहिर भोज पर हरियाणा में गुर्जर और राजपूत आमने-सामने हैं. इस मामले को लेकर दोनों समुदाय हाईकोर्ट पहुंचे. जिसके बाद हाईकोर्ट ने दोनों समुदायों के दावे का विवाद का निपटारा करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में दोनों समुदायों के साथ ही इतिहासकार शामिल होंगे. यह कमेटी हाईकोर्ट में रिपोर्ट देगी. इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए जो भी कहा है कि अगले आदेश तक कैथल में लगी प्रतिमा को ढक कर रख दिया जाए.
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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान गुर्जर संगठन की तरफ से अर्जी देकर इस मामले में पक्ष बनाने की मांग की गई. जिस पर हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इस मामले में अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी.
मामले में दायर याचिका में कैथल में गुर्जर समुदाय की ओर से मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण को लेकर विवाद पर याचिकाकर्ताओं ने राज्य में किसी भी गलत सूचना और संघर्ष को फैलने से रोकने की मांग की है. इसको लेकर सम्राट मिहिर भोज की उत्पत्ति से संबंधित वास्तविक ऐतिहासिक तथ्यों का पता लगाने के लिए एक समिति या विशेषज्ञों के पैनल के गठन के निर्देश देने की मांग की गई है.
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इतना ही नहीं हाईकोर्ट में यह भी बताया गया कि इसको लेकर विवाद उस वक्त भी उत्पन्न हुआ था, जब गौतमबुद्ध नगर के दादरी शहर में एक प्रतिमा स्थापित की गई थी. इस मुद्दे के समाधान के लिए जिलाधिकारी की ओर से एक समिति भी गठित की गई थी. उस समय नामकरण (नेम प्लेट) को ढक कर रखने का निर्देश दिया गया था.