चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की ओर से हटाए गए 1983 पीटीआई शिक्षकों को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. पीटीआई शिक्षकों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने शिक्षकों की सेवाओं को यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं.
सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने बताया कि नए पीटीआई शिक्षकों की नियुक्ती में एचएसएससी को कम से कम 5 महीने का वक्त लग सकता है. जिसपर जस्टिस महावीर सिंह संधू ने निकाले गए पीटीआई शिक्षकों की सेवाओं को अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए. अब याचिका पर अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 1983 पीटीआई टीचर को हटाने के हरियाणा सरकार के फैसले को पीटीआई शिक्षकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसपर शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिका में पीटीआई टीचर्स की तरफ से हरियाणा सरकार के उस आदेश पर रोक की मांग की गई, जिसके तहत तीन दिन के अंदर सभी टीचर्स की सेवा समाप्त करने के आदेश जारी किए गए थे.
याचिका में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को उनकी विशेष अनुमति याचिका खारिज करते हुए सरकार को पांच महीने के अंदर पीटीआई की नई भर्ती करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने उनको हटाने के बारे कोई आदेश जारी नहीं किया था. याची ने कोर्ट को बताया कि नई भर्ती में पांच महीने का समय लगे,गा तब तक स्कूलों में पीटीआई टीचर का काम कौन करेगा?
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फिलहाल हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए निकाले गए पीटीआई शिक्षकों की सेवाओं को यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं. अब याचिका पर अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.
ये है पूरा मामला-
2010 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान 1983 पीटीआई टीचर की भर्ती हुई थी. जिसमें अव्यवस्थाओं का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में कुछ अभ्यर्थियों ने रिट दायर की थी. मामले में लंबी सुनवाई चली और 8 अप्रैल 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती को अवैध करार देते हुए निरस्त करने का आदेश दिया. प्रदेश सरकार को 6 महीने के अंदर नई भर्ती करने के आदेश भी दे दिए, जिसके चलते हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग को अगले 3 दिन में इन पीटीआई टीचरों को पद मुक्त करने के आदेश दे दिए थे.