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Chandigarh: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कार्यरत 6 अतिरिक्त जजों को जल्द ही स्थायी जज किया जाएगा नियुक्त

उच्च न्यायालय के पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर (Punjab and Haryana High Court)और संयुक्त रजिस्ट्रार द्वारा दिए गए 5 जनवरी 2023 के एक हालिया उत्तर में उल्लेख किया गया है कि स्थायी न्यायाधीश के रुप में नियुक्त किए जाने के लिए अतिरिक्त न्यायाधीशों के 6 नाम भारत (judges in Punjab and Haryana High Court) सरकार के पास विचाराधीन हैं.

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Published : Jan 16, 2023, 11:05 PM IST

चंडीगढ़: 14 दिसंबर 2022 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक वकील हेमंत कुमार ने एचसी में एक RTI दायर की, जिसमें HC में अतिरिक्त न्यायाधीशों के पदों की संख्या 21 से बढ़ाकर 27 या उससे अधिक हो उससे संबंधित पूरी जानकारी मांगी गई है. चूंकि आज की तारीख में 27 अतिरिक्त न्यायाधीश उच्च न्यायालय में काम कर रहे हैं, हालांकि अतिरिक्त न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति 21 है. आरटीआई जवाब में उल्लेख किया गया है.

एचसी के 6 अतिरिक्त न्यायाधीश जिनकी स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है. विकास बहल जिन्हें 25 मई 2021 को अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. विकास सूरी, संदीप मौदगिल, विनोद शर्मा भारद्वाज, पंकज जैन और जसजीत सिंह बेदी, जिन्हें 28 अक्टूबर 2021 को अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. जबकि विकास बहल के मामले में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में वर्तमान कार्यकाल की समाप्ति की तिथि 24 मई 2023 तक है जबकि बाकी पांच के मामले में 27 अक्टूबर 2023 तक है. हालांकि, अब ऐसा लगता है उपरोक्त सभी छह को उक्त तिथियों से पहले उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रुप में नियुक्त किया जा सकता है.

हेमंत ने आगे कहा कि सामान्य परिस्थितियों में अतिरिक्त न्यायाधीश के रुप में दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर एक अतिरिक्त न्यायाधीश को उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाता है. हालांकि ऐसे कई उदाहरण हैं जहां दो साल की इस अवधि को बढ़ाया या घटाया गया है. एचसी के एक वर्तमान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति राजेश भारद्वाज जिन्हें 14 सितंबर 2020 को अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. उन्हें 24 अक्टूबर 2021 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.

साथ ही, 2021 में एक मामला यह भी आया है कि एक गिरीश अग्निहोत्री जिन्हें अक्टूबर, 2019 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. उन्हें अक्टूबर, 2021 में स्थायी न्यायाधीश भी नहीं बनाया गया था. गौरतलब है कि दो महीने पहले 1 नवंबर 2022 को नियुक्ति विभाग, न्याय विभाग, विधि एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार ने अधिसूचना जारी कर कुलदीप तिवारी, गुरबीर सिंह, दीपक गुप्ता, अमरजोत भट्टी, मनीषा बत्रा, हरप्रीत कौर जीवन की नियुक्ति की थी. सुखविंदर कौर, संजीव बेरी, विक्रम अग्रवाल को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रुप में दो साल की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है.

रितु टैगोर को 28 सितंबर 2024 तक अतिरिक्त न्यायाधीश के रुप में नियुक्त किया गया है यानी जब वह 62 वर्ष की आयु की हो चूकी थी. जैसा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति के लिए तय किया गया है. पेंच यह है कि उपरोक्त दस अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति के बाद, स्थायी और अतिरिक्त न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़कर 66 पद यानी 39 स्थायी और 27 अतिरिक्त हो गए है.

हालांकि, पंजाब और हरियाणा HC में न्यायाधीशों की कुल स्वीकृत के पद 85 यानी 64 स्थायी और 21 अतिरिक्त है. इस बीच, हेमंत ने 1 नवंबर को ही न्याय विभाग के साथ एक ऑनलाइन आरटीआई आवेदन दायर किया. जिसमें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीशों के वर्तमान स्वीकृत पदों से संबंधित पूरी जानकारी मांगी गई. जो आज तक 21 से बढ़ाकर 27 या उससे अधिक हो गई है.

ये भी पढ़ें: Gangster in Gurugram: गैंगस्टर नीरज बवाना के नाम से एक करोड़ की फिरौती मांगने वाला आरोपी गिरफ्तार

30 दिसंबर 2022 को, संबंधित केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (CPIO) द्वारा एक पत्र का उत्तर दिया गया जिसमें उल्लेख किया गया है कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की वर्तमान स्वीकृत पदों की संख्या 85 (स्थायी 64 और अतिरिक्त 21) है. हेमंत ने आगे बताया कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में 27 अतिरिक्त न्यायाधीशों की तिथि के अनुसार, 10 के अलावा दो महीने पहले 1 नवंबर, 2022 को नियुक्त किया गया था. जिसका कार्यकाल नवंबर 2024 तक है.

जिनकी नियुक्ति के रुप में स्थायी न्यायाधीश वर्तमान में 11 अन्य अतिरिक्त न्यायाधीशों के मामले में केंद्र सरकार के पास विचाराधीन हैं, जिन्हें 16 अगस्त 2022 को नियुक्त किया गया था. निधि गुप्ता, संजय वशिष्ठ, त्रिभुवन दहिया, नमित कुमार, हरकेश मनुजा, अमन चौधरी, नरेश सिंह शेखावत, हर्ष बुंगर, जगमोहन बंसल, दीपक मनचंदा और आलोक कुमार जैन के अतिरिक्त न्यायाधीश के रुप में उनके वर्तमान कार्यकाल की समाप्ति की तिथि 15 अगस्त 2024 तक है.

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चंडीगढ़: 14 दिसंबर 2022 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक वकील हेमंत कुमार ने एचसी में एक RTI दायर की, जिसमें HC में अतिरिक्त न्यायाधीशों के पदों की संख्या 21 से बढ़ाकर 27 या उससे अधिक हो उससे संबंधित पूरी जानकारी मांगी गई है. चूंकि आज की तारीख में 27 अतिरिक्त न्यायाधीश उच्च न्यायालय में काम कर रहे हैं, हालांकि अतिरिक्त न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति 21 है. आरटीआई जवाब में उल्लेख किया गया है.

एचसी के 6 अतिरिक्त न्यायाधीश जिनकी स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है. विकास बहल जिन्हें 25 मई 2021 को अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. विकास सूरी, संदीप मौदगिल, विनोद शर्मा भारद्वाज, पंकज जैन और जसजीत सिंह बेदी, जिन्हें 28 अक्टूबर 2021 को अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. जबकि विकास बहल के मामले में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में वर्तमान कार्यकाल की समाप्ति की तिथि 24 मई 2023 तक है जबकि बाकी पांच के मामले में 27 अक्टूबर 2023 तक है. हालांकि, अब ऐसा लगता है उपरोक्त सभी छह को उक्त तिथियों से पहले उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रुप में नियुक्त किया जा सकता है.

हेमंत ने आगे कहा कि सामान्य परिस्थितियों में अतिरिक्त न्यायाधीश के रुप में दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर एक अतिरिक्त न्यायाधीश को उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाता है. हालांकि ऐसे कई उदाहरण हैं जहां दो साल की इस अवधि को बढ़ाया या घटाया गया है. एचसी के एक वर्तमान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति राजेश भारद्वाज जिन्हें 14 सितंबर 2020 को अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. उन्हें 24 अक्टूबर 2021 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.

साथ ही, 2021 में एक मामला यह भी आया है कि एक गिरीश अग्निहोत्री जिन्हें अक्टूबर, 2019 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. उन्हें अक्टूबर, 2021 में स्थायी न्यायाधीश भी नहीं बनाया गया था. गौरतलब है कि दो महीने पहले 1 नवंबर 2022 को नियुक्ति विभाग, न्याय विभाग, विधि एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार ने अधिसूचना जारी कर कुलदीप तिवारी, गुरबीर सिंह, दीपक गुप्ता, अमरजोत भट्टी, मनीषा बत्रा, हरप्रीत कौर जीवन की नियुक्ति की थी. सुखविंदर कौर, संजीव बेरी, विक्रम अग्रवाल को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रुप में दो साल की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है.

रितु टैगोर को 28 सितंबर 2024 तक अतिरिक्त न्यायाधीश के रुप में नियुक्त किया गया है यानी जब वह 62 वर्ष की आयु की हो चूकी थी. जैसा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति के लिए तय किया गया है. पेंच यह है कि उपरोक्त दस अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति के बाद, स्थायी और अतिरिक्त न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़कर 66 पद यानी 39 स्थायी और 27 अतिरिक्त हो गए है.

हालांकि, पंजाब और हरियाणा HC में न्यायाधीशों की कुल स्वीकृत के पद 85 यानी 64 स्थायी और 21 अतिरिक्त है. इस बीच, हेमंत ने 1 नवंबर को ही न्याय विभाग के साथ एक ऑनलाइन आरटीआई आवेदन दायर किया. जिसमें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीशों के वर्तमान स्वीकृत पदों से संबंधित पूरी जानकारी मांगी गई. जो आज तक 21 से बढ़ाकर 27 या उससे अधिक हो गई है.

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30 दिसंबर 2022 को, संबंधित केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (CPIO) द्वारा एक पत्र का उत्तर दिया गया जिसमें उल्लेख किया गया है कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की वर्तमान स्वीकृत पदों की संख्या 85 (स्थायी 64 और अतिरिक्त 21) है. हेमंत ने आगे बताया कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में 27 अतिरिक्त न्यायाधीशों की तिथि के अनुसार, 10 के अलावा दो महीने पहले 1 नवंबर, 2022 को नियुक्त किया गया था. जिसका कार्यकाल नवंबर 2024 तक है.

जिनकी नियुक्ति के रुप में स्थायी न्यायाधीश वर्तमान में 11 अन्य अतिरिक्त न्यायाधीशों के मामले में केंद्र सरकार के पास विचाराधीन हैं, जिन्हें 16 अगस्त 2022 को नियुक्त किया गया था. निधि गुप्ता, संजय वशिष्ठ, त्रिभुवन दहिया, नमित कुमार, हरकेश मनुजा, अमन चौधरी, नरेश सिंह शेखावत, हर्ष बुंगर, जगमोहन बंसल, दीपक मनचंदा और आलोक कुमार जैन के अतिरिक्त न्यायाधीश के रुप में उनके वर्तमान कार्यकाल की समाप्ति की तिथि 15 अगस्त 2024 तक है.

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