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HC ने गाड़ियों पर स्टीकर लगाने पर किया बैन, जानें चंडीगढ़ के लोगों की क्या है राय - चंडीगढ़ के लोगों का रिएक्शन

हाईकोर्ट ने शुक्रवार को गाड़ियों पर लगाए जाने वाले इस तरह के स्टीकर्स को बैन करने के आदेश दिए. लोगों ने कोर्ट के आदेश का स्वागत किया, लेकिन पार्किंग के मुद्दे पर अपनी परेशानियां भी बताई, विस्तार से पढ़ें खबर.

public reaction on high court decision on designation sticker on vehicle
HC ने गाड़ियों पर स्टीकर लगाने पर किया बैन!
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Published : Jan 25, 2020, 5:07 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में गाड़ियों पर लगाए जाने वाले इस तरह के स्टीकर्स को बैन करने के आदेश दिए हैं. जिन पर किसी विभाग या पद का नाम लिखा हो, जैसे वकील, जज हाई कोर्ट प्रेस, अध्यक्ष, सरपंच, सचिव आदि. चंडीगढ़ के लोगों ने हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है.

हमें चंडीगढ़ के कुछ लोगों से इसके बारे में बात की और लगभग सभी लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है. लोगों का कहना है हाई कोर्ट का यह फैसला ऐतिहासिक है और वीआईपी कल्चर को खत्म करने में सबसे ज्यादा कारगर सिद्ध होगा. क्योंकि बहुत से लोग अपनी गाड़ियों पर बड़े-बड़े अक्षरों में अपने पद का नाम लिखवा लेते थे और सार्वजनिक जगहों पर इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करते थे अब यह कल्चर बंद हो जाएगा.

HC ने गाड़ियों पर स्टीकर लगाने पर किया बैन, वीडियो में देखें लोगों ने क्या कहा.

नहीं होगी पदों की नुमाइश
कई लोगों ने कहा किस सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए कई घोषणा की है, लेकिन उनसे सिर्फ कारों की लाल बत्ती हट पायी हैं. वीआईपी कल्चर खत्म नहीं हो पाया है. क्योंकि बहुत से लोग अपनी कारों पर अपने विभागों और पदों कि इस तरह से नूमाइश करते हैं कि जैसे वह दूसरों से ज्यादा बेहतर है, मगर हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब कोई भी व्यक्ति इस तरह के स्टीकर अपनी गाड़ियों पर नहीं लगा पाएंगे. जिससे वीआईपी कल्चर को खत्म करने में सबसे ज्यादा मदद मिलेगी.

वाहनों पर पद लिखकर कार्रवाई से बचते हैं अधिकारी!
इसके अलावा कई लोग अपने पदों के सहारे ट्रैफिक नियमों का पालन भी नहीं करते थे, और बहुत से पुलिसवाले उनकी कारों पर लिखे गए उनके पद और पार्टियों या विभागों को देखकर उनके ऊपर कार्रवाई करने से भी कतराते थे, लेकिन अब सड़क पर सब लोग बराबर होंगे और सभी को ट्रैफिक नियमों को भी मानना पड़ेगा. इसके अलावा उन्होंने हाईकोर्ट के दूसरे आदेश पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. जिसमें हाईकोर्ट ने यह कहा है कि लोग अपनी गाड़ियों को सड़क पर या घरों के बाहर खड़ा नहीं कर सकते.

HC से जनता भी है सहमत
इसके बारे में बात करते हुए लोगों ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश सही है. क्योंकि गलियों या सड़कों पर गाड़ियां खड़ी होने की वजह से कई बार कई दुर्घटनाएं भी घट जाती हैं. अगर गाड़ियां सही जगह पर खड़ी होंगी तो दुर्घटनाओं में कमी आएगी. लेकिन चंडीगढ़ जैसे शहर में कार खड़ी करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. हाई कोर्ट को इस और भी ध्यान देना चाहिए गाड़ियों को आखिर कहां पर पार्क किया जाए.

ये भी पढ़ें- सुपर-30 की तर्ज पर हरियाणा में 'सुपर-100' की शुरूआत, इस साल 48 में से 43 छात्र IIT-JEE में सेलेक्ट

चंडीगढ़ में घर इतने बड़े नहीं हैं कि वहां पर तीन या चार कारें खड़ी की जा सकें. एक घर में एक ही कार खड़ी हो सकती है तो लोगों को बाकी गाड़ियां घरों के बाहर ही पार्क करनी पड़ेगी. पार्किंग को लेकर हाईकोर्ट के आदेश सही है, लेकिन इसके साथ-साथ गाड़ियों को सही जगह पर पार करने की व्यवस्था भी करनी चाहिए.

चंडीगढ़: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में गाड़ियों पर लगाए जाने वाले इस तरह के स्टीकर्स को बैन करने के आदेश दिए हैं. जिन पर किसी विभाग या पद का नाम लिखा हो, जैसे वकील, जज हाई कोर्ट प्रेस, अध्यक्ष, सरपंच, सचिव आदि. चंडीगढ़ के लोगों ने हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है.

हमें चंडीगढ़ के कुछ लोगों से इसके बारे में बात की और लगभग सभी लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है. लोगों का कहना है हाई कोर्ट का यह फैसला ऐतिहासिक है और वीआईपी कल्चर को खत्म करने में सबसे ज्यादा कारगर सिद्ध होगा. क्योंकि बहुत से लोग अपनी गाड़ियों पर बड़े-बड़े अक्षरों में अपने पद का नाम लिखवा लेते थे और सार्वजनिक जगहों पर इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करते थे अब यह कल्चर बंद हो जाएगा.

HC ने गाड़ियों पर स्टीकर लगाने पर किया बैन, वीडियो में देखें लोगों ने क्या कहा.

नहीं होगी पदों की नुमाइश
कई लोगों ने कहा किस सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए कई घोषणा की है, लेकिन उनसे सिर्फ कारों की लाल बत्ती हट पायी हैं. वीआईपी कल्चर खत्म नहीं हो पाया है. क्योंकि बहुत से लोग अपनी कारों पर अपने विभागों और पदों कि इस तरह से नूमाइश करते हैं कि जैसे वह दूसरों से ज्यादा बेहतर है, मगर हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब कोई भी व्यक्ति इस तरह के स्टीकर अपनी गाड़ियों पर नहीं लगा पाएंगे. जिससे वीआईपी कल्चर को खत्म करने में सबसे ज्यादा मदद मिलेगी.

वाहनों पर पद लिखकर कार्रवाई से बचते हैं अधिकारी!
इसके अलावा कई लोग अपने पदों के सहारे ट्रैफिक नियमों का पालन भी नहीं करते थे, और बहुत से पुलिसवाले उनकी कारों पर लिखे गए उनके पद और पार्टियों या विभागों को देखकर उनके ऊपर कार्रवाई करने से भी कतराते थे, लेकिन अब सड़क पर सब लोग बराबर होंगे और सभी को ट्रैफिक नियमों को भी मानना पड़ेगा. इसके अलावा उन्होंने हाईकोर्ट के दूसरे आदेश पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. जिसमें हाईकोर्ट ने यह कहा है कि लोग अपनी गाड़ियों को सड़क पर या घरों के बाहर खड़ा नहीं कर सकते.

HC से जनता भी है सहमत
इसके बारे में बात करते हुए लोगों ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश सही है. क्योंकि गलियों या सड़कों पर गाड़ियां खड़ी होने की वजह से कई बार कई दुर्घटनाएं भी घट जाती हैं. अगर गाड़ियां सही जगह पर खड़ी होंगी तो दुर्घटनाओं में कमी आएगी. लेकिन चंडीगढ़ जैसे शहर में कार खड़ी करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. हाई कोर्ट को इस और भी ध्यान देना चाहिए गाड़ियों को आखिर कहां पर पार्क किया जाए.

ये भी पढ़ें- सुपर-30 की तर्ज पर हरियाणा में 'सुपर-100' की शुरूआत, इस साल 48 में से 43 छात्र IIT-JEE में सेलेक्ट

चंडीगढ़ में घर इतने बड़े नहीं हैं कि वहां पर तीन या चार कारें खड़ी की जा सकें. एक घर में एक ही कार खड़ी हो सकती है तो लोगों को बाकी गाड़ियां घरों के बाहर ही पार्क करनी पड़ेगी. पार्किंग को लेकर हाईकोर्ट के आदेश सही है, लेकिन इसके साथ-साथ गाड़ियों को सही जगह पर पार करने की व्यवस्था भी करनी चाहिए.

Intro:नोट- इस खबर की फीड लाइव व्यू से भेजी गई है कृपया फीड रूम में चेक करें।

स्लग - highcourt order on stickers


पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में गाड़ियों पर लगाए जाने वाले इस तरह के स्टीकर्स को बैन करने के आदेश दिए हैं। जिन पर किसी विभाग या पद का नाम लिखा हो, जैसे वकील, जज हाई कोर्ट प्रेस, अध्यक्ष, सरपंच, सचिव आदि। चंडीगढ़ के लोगों ने हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है।


Body:हमें चंडीगढ़ के कुछ लोगों से इसके बारे में बात की और लगभग सभी लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है । लोगों का कहना है हाई कोर्ट का यह फैसला ऐतिहासिक है और वीआईपी कल्चर को खत्म करने में सबसे ज्यादा कारगर सिद्ध होगा। क्योंकि बहुत से लोग अपनी गाड़ियों पर बड़े बड़े अक्षरों में अपने पद का नाम लिखवा लेते थे और सार्वजनिक जगहों पर इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करते थे अब यह कल्चर बंद हो जाएगा।
कई लोगों ने कहा किस सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए कई घोषणा की है। लेकिन उनसे सिर्फ कारों की लाल बत्ती हट पायी हैं। लेकिन वीआईपी कल्चर खत्म नहीं हो पाया है। क्योंकि बहुत से लोग अपनी कारों पर अपने विभागों और पदों कि इस तरह से नूमाइश करते हैं कि जैसे वह दूसरों से ज्यादा बेहतर है।
लेकिन हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब कोई भी व्यक्ति इस तरह के स्टीकर अपनी गाड़ियों पर नहीं लगा पाएंगे। जिससे वीआईपी कल्चर को खत्म करने में सबसे ज्यादा मदद मिलेगी।
इसके अलावा कई लोग अपने पदों के सहारे ट्रैफिक नियमों का पालन भी नहीं करते थे, और बहुत से पुलिसवाले उनकी कारों पर लिखे गए उनके पद और पार्टियों या विभागों को देखकर उनके ऊपर कार्रवाई करने से भी कतराते थे। लेकिन अब सड़क पर सब लोग बराबर होंगे और सभी को ट्रैफिक नियमों को भी मानना पड़ेगा।
इसके अलावा उन्होंने हाईकोर्ट के दूसरे आदेश पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी । जिसमें हाईकोर्ट ने यह कहा है कि लोग अपनी गाड़ियों को सड़क पर या घरों के बाहर खड़ा नहीं कर सकते।
इसके बारे में बात करते हुए लोगों ने कहा कि हालांकि हाईकोर्ट के आदेश सही है । क्योंकि गलियों या सड़कों पर गाड़ियां खड़ी होने की वजह से कई बार कई दुर्घटनाएं भी घट जाती हैं। अगर गाड़ियां सही जगह पर खड़ी होंगी तो दुर्घटनाओं में कमी आएगी। लेकिन चंडीगढ़ जैसे शहर में कार्य खड़ी करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। हाई कोर्ट को इस और भी ध्यान देना चाहिए गाड़ियों को आखिर कहां पर पार्क किया जाए।
क्योंकि चंडीगढ़ में घर इतने बड़े नहीं हैं कि वहां पर तीन या चार कारें खड़ी की जा सके एक घर में एक ही कार खड़ी हो सकती है तो लोगों को बाकी गाड़ियां घरों के बाहर ही पार्क करनी पड़ेगी।
पार्किंग को लेकर हाईकोर्ट के आदेश सही है। लेकिन इसके साथ-साथ गाड़ियों को सही जगह पर पार करने की व्यवस्था भी करनी चाहिए।

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