चंडीगढ़: हरियाणा के अस्थाई मान्यता प्राप्त और परमिटेड करीब 1 हजार 3 सौ 50 हाईस्कूल और सीनियर सेकेंडरी स्कूल के करीब डेढ़ लाख बच्चों की बोर्ड परीक्षा असमंजस में (Provisional Recognition Schools of Haryana) है. ऐसे में फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की है कि हरियाणा सरकार कोई रास्ता निकाले जिससे कि बच्चों का भविष्य बर्बाद होने से बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि हरियाणा सीएम ने विधानसभा में बच्चों की शिक्षा को लेकर घोषणा भी की थी.
फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभुषण शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री के घोषणा के बाद हजारों स्कूल संचालकों और लाखों बच्चों को राहत की सांस मिली थी और उम्मीद जगी थी कि अब 19 वर्षों से चल रही स्कूल की समस्या का मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद स्थाई समाधान निकल सकेगा.
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कुलभुषण शर्मा ने कहा बोर्ड द्वारा पोर्टल तो खोला गया है लेकिन हरियाणा सरकार की ओर से 15 तारीख तक छुटियां घोषित होने के कारण हरियाणा के सभी स्कूल बंद पड़े हैं. स्टाफ भी छुट्टी पर है. इसलिए उन्होंने सरकार और बोर्ड से मांग की है कि इसकी तारीख कम से कम 25 जनवरी तक बढ़ाई जाए और प्रदेश के सभी बच्चों की परीक्षा नियमित परीक्षार्थी के रूप में ली (Regular Schools in Haryana) जाए.
कुलभुषण शर्मा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि स्कूल की मान्यता प्राप्त नियमों का मामला (Recognized Schools in Haryana) विद्यालयों और विभाग के मध्य का मामला है और हाईकोर्ट में भी इसको लेकर मामला विचाराधीन है. लेकिन इसकी सजा किसी भी कीमत पर प्रदेश के विद्यार्थियों को नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव सिर्फ बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों पर ही नहीं बल्कि 9वीं कक्षा और 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों पर भी पड़ेगा. जिनकी संख्या भी 1,50,000 से अधिक हो सकती है. ऐसे में हरियाणा सरकार इस मामले में जल्द कोई न कोई फैसला करे.
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