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हरियाणा में अब ऑनलाइन होगा प्रोफेसरों का ट्रांसफर, पॉलिसी तैयार कर सुझाव के लिए भेजी

हरियाणा सरकार की ओर से अब सरकारी कॉलेजों में कार्यरत असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसरों की ऑनलाइन ट्रांसफर नीति तैयार कर अंतिम रूप देने से पहले प्रोफेसरों से पॉलिसी ड्राफ्ट पर सुझाव व आपत्ति दर्ज कराने की मांग की है.

professors will be transferred online in haryana
प्रतिकात्मक फोटो
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Published : Dec 14, 2019, 10:29 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में कार्यरत असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसरों की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. ड्राफ्ट को अंतिम रूप प्रदान करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 17 दिसंबर 2019 तक हितधारकों से ड्राफ्ट पर अपने सुझाव एवं आपत्तियां दर्ज करने को कहा है.

हमारी पॉलिसी को अन्य राज्यों ने भी अपनाया
उच्च शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इससे पूर्व हरियाणा सरकार ने स्कूल में कार्यरत अध्यापकों के ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन पॉलिसी लागू की गई थी. अधिकारी के अनुसार ये पॉलिसी प्रदेश के अंदर काफी सफर रही और कई अन्य प्रदेशों ने भी इस पॉलिसी को अपने राज्य में लागू किया है.

उन्होंने कहा कि अब हरियाणा सरकार इसी नीति के आधार पर सरकारी कॉलेजों में कार्यरत एसिस्टेंट एवं एसोसिएट प्रोफेसरों की ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए पॉलिसी का ड्राफ्त तैयार कर वेबसाइट पर अपलोड किया है. इसको अंतिम रूप देने के लिए विभाग ने17 दिसंबर 2019 तक एसोसिएट व एसिस्टेंट प्रोफेसरों से ड्राफ्ट पर अपने सुझाव व आपत्ति दर्ज कराने के लिए कहा है.

ये भी पढ़ें:अंबाला में रंग लाई 'प्लास्टिक दो चावल लो' मुहिम, 15 टन प्लास्टिक की इकट्ठा

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में कार्यरत असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसरों की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. ड्राफ्ट को अंतिम रूप प्रदान करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 17 दिसंबर 2019 तक हितधारकों से ड्राफ्ट पर अपने सुझाव एवं आपत्तियां दर्ज करने को कहा है.

हमारी पॉलिसी को अन्य राज्यों ने भी अपनाया
उच्च शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इससे पूर्व हरियाणा सरकार ने स्कूल में कार्यरत अध्यापकों के ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन पॉलिसी लागू की गई थी. अधिकारी के अनुसार ये पॉलिसी प्रदेश के अंदर काफी सफर रही और कई अन्य प्रदेशों ने भी इस पॉलिसी को अपने राज्य में लागू किया है.

उन्होंने कहा कि अब हरियाणा सरकार इसी नीति के आधार पर सरकारी कॉलेजों में कार्यरत एसिस्टेंट एवं एसोसिएट प्रोफेसरों की ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए पॉलिसी का ड्राफ्त तैयार कर वेबसाइट पर अपलोड किया है. इसको अंतिम रूप देने के लिए विभाग ने17 दिसंबर 2019 तक एसोसिएट व एसिस्टेंट प्रोफेसरों से ड्राफ्ट पर अपने सुझाव व आपत्ति दर्ज कराने के लिए कहा है.

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हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में सेवारत असिस्टेंट एवं एसोसिएट प्रोफेसरों की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर दिया है। इसको अंतिम रूप प्रदान करने के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग ने 17 दिसंबर 2019 तक हितधारकों से सुझाव एवं आपत्तियां आमंत्रित की हैं। इससे पूर्व सरकारी स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी लागू की जा चुकी है। अब सरकार ने कॉलेजों में सेवारत असिस्टेंट एवं एसोसिएट प्रोफेसरों की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। 



निर्भया फंड के इस्तेमाल में टॉप फाइव में हरियाणा

हरियाणा पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित परियोजनाओं को लागू करने के लिए गृह मंत्रालय से आवंटित निर्भया फंड के इस्तेमाल में शीर्ष पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपनी जगह बनाई है। हरियाणा पुलिस को आवंटित 13 करोड़ 66 लाख रुपये में से 4 करोड़ 46 लाख रुपये की राशि का इस्तेमाल महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने संबंधी विभिन्न परियोजनाओं पर किया गया। 



9 करोड़ 20 लाख रुपये की शेष राशि हरियाणा की डायल 100 योजना के एक भाग के रूप में महिलाओं के लिए ‘इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट स्कीम‘ को लागू करने के लिए निर्धारित की गई है। इस राशि का उपयोग चालू वर्ष के दौरान डायल 100 योजना के क्रियान्वयन पर किया जा रहा है। 



देशभर में निर्भया फंड के इस्तेमाल का आंकड़ा सिर्फ 11 फीसदी है, जबकि हरियाणा ने 32 फीसदी फंड का उपयोग किया है। निर्भया फंड को लेकर केवल उत्तराखंड और मिजोरम (50 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (43 प्रतिशत) और नागालैंड (39 प्रतिशत) के पास हरियाणा की तुलना में बेहतर उपयोग के आंकडे हैं।



खेल फेडरेशन को ट्रायल के लिए लेनी होगी अनुमति



हरियाणा के खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह ने कहा है कि हरियाणा में जितनी भी खेल-फेडरेशनों खेलों के ट्रायल करवाती हैं, उन्हें ट्रायल के लिए सरकार से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। अन्यथा उन्हें सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं दी जाएगी। इसके अलावा खेल-फेडरेशन विभिन्न प्रतियोगिताओं में बिना पूर्व अनुमति अंपायरिंग अथवा खेल संबंधित अन्य गतिविधियां करती हैं तो प्रशिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। 



उन्होने कहा कि आमतौर पर देखा गया है कि प्रदेश में कार्यरत सरकारी प्रशिक्षक समय-समय पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में अंपायरिंग करने अथवा खेल से संबंधित अन्य गतिविधियों में शामिल होने के लिए अपनी पोस्टिंग से दूसरे स्थान पर या प्रदेश से बाहर अपने स्टेडियम के खिलाड़ियों का प्रशिक्षण छोड़कर जाते रहतें हैं, जिससे खिलाड़ियों के अभ्यास में बाधा आती है। उन्होंने बताया कि इसी को ध्यान में रखकर हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रशिक्षकों को अपने मुख्य कार्य के अलावा गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति प्रदेश सरकार नहीं देगी।



हरदीप सिंह उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त

हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने 5 दिसंबर 2019 को हुए चुनाव में निर्वाचित हरदीप सिंह को नियुक्ति दे दी है। जिला चरखी दादरी की पंचायत समिति बौंद/दादरी-1, के उपाध्यक्ष पद पर शेष अवधि के लिए आयोग ने उन्हें अधिसूचित किया है।


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