चंडीगढ़: हरियाणा के किसान कृषि की बेहतर तकनीक की ओर बढें. इसको लेकर हरियाणा सरकार प्रगतिशील किसान सम्मान नाम से एक योजना की शुरुआत करने जा रही है. इस योजना के तहत सरकार किसानों को कृषि मेलों (एग्रो समिट) में सम्मानित करेगी.
योजना के तहत पहला पुरस्कार 5 लाख रुपये का होगा. दूसरे स्थान के लिए दो किसानों को 3-3 लाख रुपये दिए जाएंगे. तीसरे स्थान के लिए पांच किसानों को 1-1 लाख रुपये की नकद राशि दी जाएगी. इसके अलावा 100 किसानों को 50-50 हजार रुपये के सांत्वना पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जाएगा.
किसानों को किया जाएगा सम्मानित
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य प्रगतिशील किसानों को प्रगतिशील किसान ट्रेनर के रूप में भी चिन्हित करना है. एक प्रगतिशील किसान को जिम्मेदारी दी जाएगी कि वो अपने आसपास कम से कम 10 किसानों को प्रेरणा दें कि किस प्रकार से कृषि एवं इससे जुड़े हुए पशुपालन एवं डेयरी, बागवानी, मत्स्य पालन के क्षेत्र में बेहतर तकनीक अपनाकर वो अपनी आय के स्त्रोत बढ़ा सकें.
उन्होंने कहा कि इसी तरह से किसान मित्र नाम से एक नई योजना की शुरुआत की गई है, जो प्रदेश के लगभग 17 लाख किसानों को उनके वित्त प्रबंधन में मार्गदर्शन करेंगे. योजना के तहत 17 हजार किसान मित्र नामित किए जाएंगे और एक किसान मित्र कम से कम 100 किसानों का मार्गदर्शन करेगा.
भावंतर भरपाई योजना में ये चीजें होंगी शामिल
कृषि मंत्री ने कहा कि हाल ही में भावांतर भरपाई योजना में फल एवं सब्जियों की 15 और फसलों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है. सब्जी व बागवानी फसलों को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की तर्ज पर हरियाणा सरकार अपने स्तर पर बीमा कवर देगी, इसके लिए योजना तैयार की गई है. वर्तमान में प्रदेश का 5.26 लाख हैक्टेयर क्षेत्र बागवानी फसलों के अधीन है, जो कुल क्षेत्र का 7.07 प्रतिशत बनता है. सब्जी व बागवानी फसल बीमा योजना लागू होने से निश्चित रूप से इसके अधीन क्षेत्र में वृद्धि होगी.
'किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य'
जेपी दलाल ने कहा कि इस नई बीमा योजना में किसानों को 2.5 प्रतिशत का प्रीमियम देना होगा और उन्हें प्रति एकड़ 40,000 रुपये का बीमा कवर मिलेगा. जिन 14 सब्जियों को इस बीमा कवर में शामिल जाएगा उनमें टमाटर, प्याज, आलू, बंद गोभी, मटर, गाजर, भिण्डी, लौकी, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, फूल गोभी तथा मूली शामिल हैं. इसी प्रकार, किन्नू, अमरूद, आम, बेर, हल्दी तथा लहसुन को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा.
दलाल ने कहा कि किसान स्वयं या किसान समूह एफपीओ बनाकर अपने उत्पाद ब्रांड बनाकर बेचें, इसके लिए भी किसानों को प्रेरित किया जा रहा है. विभाग का लक्ष्य है कि कम से कम 500 से अधिक एफपीओ बनाए जाएं और इनके द्वारा एकीकृत पैक हाउस बनाए जाएंगे, जहां पर किसान अपनी उपज आसानी से बेच सकेंगे. कृषि मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना है.
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कृषि मंत्री ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा की निकटता तीन ओर से जुड़े राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से है. जो रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं जैसे कि फल, फूल, सब्जी, दूध, अंडा, मांस, मच्छली की इस क्षेत्र की मांग को पूरा करने के लिए सबसे उपयुक्त राज्य है. लगभग 5 करोड़ की जनसंख्या के इस बाजार पर हरियाणा के किसान की पकड़ बने इसके लिए कई नई-नई योजनाएं तैयार की गई हैं.