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तबलीगी जमात प्रकरण केंद्र सरकार का बड़ा फेलियर- राजनीतिक विश्लेषक

राजनीतिक विश्लेषक गुरमीत सिंह का कहना है कि ये साफ-साफ केंद्र सरकार का फेलियर दर्शाता है. राजनीतिक विश्लेषक गुरमीत सिंह ने कहा कि ये केंद्र सरकार की गैर जिम्मेदार हरकत है, केंद्र के संचालक इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है.

Political analyst gurmeet singh statement on tablighi markaz jamaat
तबलीगी जमात प्रकरण केंद्र सरकार का बड़ा फेलियर- राजनीतिक विश्लेषक
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Published : Apr 5, 2020, 6:34 PM IST

चंडीगढ़ः पिछले एक हफ्ते से कई मामले तबलीगी जमातियों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से देश में कोरोना मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. हरियाणा में तबलीगी मरकज में शामिल हुए सभी जमातियों के टेस्ट के आदेश दिए गए हैं. इसी बीच ये सवाल उठ रहा है कि इस महामारी के बीच इतनी अधिक संख्या में मरकज के कार्यक्रम में जमातियो ने कैसे हिस्सा लिया. राजनीतिक विश्लेषक गुरमीत सिंह का कहना है कि ये साफ-साफ केंद्र सरकार का फेलियर दर्शाता है.

राजनीतिक विश्लेषक गुरमीत सिंह ने कहा कि ये केंद्र सरकार की गैर जिम्मेदार हरकत है, केंद्र के संचालक इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार आम जनता की ड्रोन के माध्यम से निगरानी की बात करती है और लोगों को राउंडउप किया जाता है. लेकिन वहीं तबलीगी जमात जैसे प्रकरण पर कोई ध्यान नहीं है.

तबलीगी जमात प्रकरण केंद्र सरकार का बड़ा फेलियर- राजनीतिक विश्लेषक

सरकार के काम पर सवाल!

गुरमीत सिंह ने कहा कि सरकारों की अपनी सीमाएं हैं. हमारे पास हेल्थ सेक्टर में सीमित संसाधन हैं. तबलीगी मामले में जो नुकसान हो गया उसकी रोकथाम के लिए प्रयास किया जा रहा है. इस तरह के मरीजों को ट्रेस किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस समय सभी दबाव में हैं, सभी अपने-अपने स्तर पर लगे हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः मकरज से आए लोग सामने आएं नहीं तो होगी कार्रवाई: अनिल विज

क्या समुदाय विशेष के प्रति बढ़ेगी नफरत?

देश के 14 राज्य तबलीगी समाज की वजह से प्रभावित हुए हैं. ऐसे में क्या इन हालातों में देश के लोगों में एक समुदाय विशेष के प्रति नफरत नहीं बढ़ेगी और ऐसा होने से क्या हमारी एकता और अखंडता प्रभावित नहीं होगी. इस सवाल पर गुरमीत सिंह ने कहा कि इससे देश को नुकसान हुआ है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता.

'सामाजिक ताने-बाने पर क्या असर पड़ेगा?

राजनीतिक विश्लेषक गुरमित सिंह ने कहा कि नफरत से नफरत फैलती है. हमें ये मानना होगा कि इसमें केंद्र की गलती है. इनके आकाओं की गलती है. प्रोफेशर मुताबिक ये समय संभल कर चलने का है, अगर इस समय किसी तरह के दंगे हो जाते हैं तो भारत देश की चारों तरह बदनामी होगी कि इस मुश्किल की घड़ी में वहां की जनता आपस मे लड़ रही है.

लॉकडाउन बढ़ सकता है?

इस सवाल पर गुरमीत सिंह ने कहा कि मेरा मानना है कि ये लॉकडाउन दो हफ्ते और बढ़ सकता है. पंजाब ने इसका हिंट भी दे दिया है. उनका कहना है कि कहीं-कहीं जिलों के हिसाब से इसे खत्म किया जा सकता है, ये वो जिले हो सकते हैं जहां अभी तक कोई कोरोना का मरीज सामने नही आया है. हालांकि देश में बढ़ते मामलों को देखते हुए इस लॉकडाउन को बढ़ाया जा सकता है.

चंडीगढ़ः पिछले एक हफ्ते से कई मामले तबलीगी जमातियों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से देश में कोरोना मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. हरियाणा में तबलीगी मरकज में शामिल हुए सभी जमातियों के टेस्ट के आदेश दिए गए हैं. इसी बीच ये सवाल उठ रहा है कि इस महामारी के बीच इतनी अधिक संख्या में मरकज के कार्यक्रम में जमातियो ने कैसे हिस्सा लिया. राजनीतिक विश्लेषक गुरमीत सिंह का कहना है कि ये साफ-साफ केंद्र सरकार का फेलियर दर्शाता है.

राजनीतिक विश्लेषक गुरमीत सिंह ने कहा कि ये केंद्र सरकार की गैर जिम्मेदार हरकत है, केंद्र के संचालक इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार आम जनता की ड्रोन के माध्यम से निगरानी की बात करती है और लोगों को राउंडउप किया जाता है. लेकिन वहीं तबलीगी जमात जैसे प्रकरण पर कोई ध्यान नहीं है.

तबलीगी जमात प्रकरण केंद्र सरकार का बड़ा फेलियर- राजनीतिक विश्लेषक

सरकार के काम पर सवाल!

गुरमीत सिंह ने कहा कि सरकारों की अपनी सीमाएं हैं. हमारे पास हेल्थ सेक्टर में सीमित संसाधन हैं. तबलीगी मामले में जो नुकसान हो गया उसकी रोकथाम के लिए प्रयास किया जा रहा है. इस तरह के मरीजों को ट्रेस किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस समय सभी दबाव में हैं, सभी अपने-अपने स्तर पर लगे हुए हैं.

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क्या समुदाय विशेष के प्रति बढ़ेगी नफरत?

देश के 14 राज्य तबलीगी समाज की वजह से प्रभावित हुए हैं. ऐसे में क्या इन हालातों में देश के लोगों में एक समुदाय विशेष के प्रति नफरत नहीं बढ़ेगी और ऐसा होने से क्या हमारी एकता और अखंडता प्रभावित नहीं होगी. इस सवाल पर गुरमीत सिंह ने कहा कि इससे देश को नुकसान हुआ है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता.

'सामाजिक ताने-बाने पर क्या असर पड़ेगा?

राजनीतिक विश्लेषक गुरमित सिंह ने कहा कि नफरत से नफरत फैलती है. हमें ये मानना होगा कि इसमें केंद्र की गलती है. इनके आकाओं की गलती है. प्रोफेशर मुताबिक ये समय संभल कर चलने का है, अगर इस समय किसी तरह के दंगे हो जाते हैं तो भारत देश की चारों तरह बदनामी होगी कि इस मुश्किल की घड़ी में वहां की जनता आपस मे लड़ रही है.

लॉकडाउन बढ़ सकता है?

इस सवाल पर गुरमीत सिंह ने कहा कि मेरा मानना है कि ये लॉकडाउन दो हफ्ते और बढ़ सकता है. पंजाब ने इसका हिंट भी दे दिया है. उनका कहना है कि कहीं-कहीं जिलों के हिसाब से इसे खत्म किया जा सकता है, ये वो जिले हो सकते हैं जहां अभी तक कोई कोरोना का मरीज सामने नही आया है. हालांकि देश में बढ़ते मामलों को देखते हुए इस लॉकडाउन को बढ़ाया जा सकता है.

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