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वन नेशन, वन मार्केट का क्या? राजस्थान का बाजरा हरियाणा में नहीं बिकने देंगे- सीएम

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के एक ट्विट से वन नेशन, वन मार्केट के दावे खोखले साबित होते दिखाई दे रहें हैं. ट्विट में बाजरा खरीद की जानकारी देते हुए सीएम ने लिखा है की पड़ोसी राज्य का बाजरा हरियाणी की अनाज मंडियों में नहीं बिकने दिया जाएगा.

other state crop not to be purchase in haryana says cm manohar lal
वन नेशन, वन मार्केट का क्या? राजस्थान का बाजरा हरियाणा में नहीं बिकने देंगे- सीएम
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Published : Nov 28, 2020, 6:18 PM IST

चंडीगढ़: केंद्र सरकार द्वारा लाई गई योजना वन नेशन, वन मार्केट देशभर के किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होने के दावे किए जा रहे थे. सरकार का कहना है कि नए केंद्रीय कानून के तहत किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकेंगे. फसल का अच्छा दाम मिलेगा और ई-ट्रेडिंग के जरिए किसान दूसरे राज्यों में कृषि उपज ले जा सकेंगे. लेकिन इन दिनों बाजरे की खरीद को लेकर हरियाणा सरकार ने साफ कर दिया है की पड़ोसी राज्य के किसान हरियाणा में आकर अपना बाजरा नहीं बेच पाएंगे.

दरअसल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के एक ट्विट में बाजरे की खरीद की जानकारी दी गई है जिसमें लिखा हुआ है कि हरियाणा की अनाज मंडी में बाजरा 2,150 रु. क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है, जब कि पड़ोसी राज्य राजस्थान में 1,300 के भाव पर बिक रहा है. इसलिए वहां से बाजरा लाकर हरियाणा में बेचने की शिकायतें मिल रही हैं. वहां का बाजरा यहां बिकने नहीं दिया जाएगा.

  • हरियाणा की अनाज मंडियों में बाजरा ₹2,150/ क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है, जबकि पड़ोसी राज्य राजस्थान में ₹1300 के भाव पर बाजरा बिक रहा है। इसलिए वहां से बाजरा लाकर हरियाणा में बेचने की शिकायतें मिल रही हैं। वहां का बाजरा यहां बिकने नहीं दिया जाएगा।

    — Manohar Lal (@mlkhattar) November 28, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़िए: किसानों के बीच अराजक तत्व शामिल, खालिस्तानी कनेक्शन की भी जांच होगी- मनोहर लाल

अब इसका मतलब साफ है की राजस्थान का किसान हरियाणा में आकर अपना बाजरा नहीं बेच सकता. वन नेशन, वन मार्केट का दावा करने वाली सरकार के सामने अब ये सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या ये दावा सिर्फ बातों तक ही सीमत है?.

चंडीगढ़: केंद्र सरकार द्वारा लाई गई योजना वन नेशन, वन मार्केट देशभर के किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होने के दावे किए जा रहे थे. सरकार का कहना है कि नए केंद्रीय कानून के तहत किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकेंगे. फसल का अच्छा दाम मिलेगा और ई-ट्रेडिंग के जरिए किसान दूसरे राज्यों में कृषि उपज ले जा सकेंगे. लेकिन इन दिनों बाजरे की खरीद को लेकर हरियाणा सरकार ने साफ कर दिया है की पड़ोसी राज्य के किसान हरियाणा में आकर अपना बाजरा नहीं बेच पाएंगे.

दरअसल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के एक ट्विट में बाजरे की खरीद की जानकारी दी गई है जिसमें लिखा हुआ है कि हरियाणा की अनाज मंडी में बाजरा 2,150 रु. क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है, जब कि पड़ोसी राज्य राजस्थान में 1,300 के भाव पर बिक रहा है. इसलिए वहां से बाजरा लाकर हरियाणा में बेचने की शिकायतें मिल रही हैं. वहां का बाजरा यहां बिकने नहीं दिया जाएगा.

  • हरियाणा की अनाज मंडियों में बाजरा ₹2,150/ क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है, जबकि पड़ोसी राज्य राजस्थान में ₹1300 के भाव पर बाजरा बिक रहा है। इसलिए वहां से बाजरा लाकर हरियाणा में बेचने की शिकायतें मिल रही हैं। वहां का बाजरा यहां बिकने नहीं दिया जाएगा।

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अब इसका मतलब साफ है की राजस्थान का किसान हरियाणा में आकर अपना बाजरा नहीं बेच सकता. वन नेशन, वन मार्केट का दावा करने वाली सरकार के सामने अब ये सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या ये दावा सिर्फ बातों तक ही सीमत है?.

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