चंडीगढ़ः पीजीआई चंडीगढ़ देश का ऐसा अस्पताल है जहां पर अन्य अस्पतालों के मुकाबले सबसे ज्यादा ट्रांसप्लांट किए जाते हैं. लेकिन साल 2020 में कोरोना की वजह से ट्रांसप्लांट के मामलों में काफी कमी दर्ज की गई है. चंडीगढ़ पीजीआई में नवंबर महीने में 10 ट्रांसप्लांट सर्जरी की गई जबकि 70 अन्य सर्जरी हुई है. वहीं दिसंबर में अभी तक 10 सर्जरी की जा चुकी है.
पीजीआई के रिनल डिपार्टमेंट विभाग के अध्यक्ष डॉ आशीष शर्मा बताते हैं कि सामान्य दिनों में पीजीआई में हर महीने करीब 21 ट्रांसप्लांट कर दिए जाते हैं, लेकिन लॉकडाउन के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई. जिसके बाद ट्रांसप्लांट सर्जरी को बंद कर दिया गया. उन्होंने बताया कि अनलॉक होने के बाद अब हालात सामान्य हो रहे हैं, जिससे ट्रांसप्लांट सर्जरी भी होनी शुरू हो गई है.
'ट्रांसप्लांट के बाद बढ़ जाता है खतरा'
लॉकडाउन के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से एडवाइजर जारी की गई और ट्रांसप्लांट सर्जरी को बंद कर दिया गया. डॉक्टर्स के मुताबिक कोरोना संक्रमण के दौरान ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने में काफी रिस्क होता है. पीजीआई निदेशक प्रोफेसर जगतराम ने बताया कि अगर मरीज के ऑर्गन ट्रांसप्लांट के बाद उसे कोरोना हो जाता है तो उसकी जान बचाना मुश्किल हो जाता है. इम्यूनिटी कम होने की वजह से मरीज काफी खतरे में आ जाता है. जिसके चलते लॉकडाउन के दौरान काफी कम और इमरजेंसी सर्जरी ही की गई.
ऑर्गन सर्जरी में आई कमी
चंडीगढ़ पीजीआई में हर साल करीब 300 ट्रांसप्लांट सर्जरी की जाती है. जिनमें से करीब 250 किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी होती है. कोविड के चलते इस साल ऑर्गन सर्जरी में काफी कमी आई है. इस साल करीब 50 प्रतिशत तक सर्जरीज में कमी देखने को मिलेगी. हालांकि अनलॉक के साथ अब धीरे-धीरे ऑर्गन ट्रांसप्लांट की संख्या बढ़ने लगी है.
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हर साल लाखों लोग गंवाते हैं जान
आंकड़ों के अनुसार देश में हर साल करीब चार लाख लोगों को अंगों की जरूरत होती है. जबकि विश्व की बात करें तो करीब एक करोड़ 30 लाख लोगों को जान बचाने के लिए अंगों की जरूरत पड़ती है. इनमें से सिर्फ 3 प्रतिशत लोगों को ही अंग मिल पाते हैं. ऐसे में चंडीगढ़ पीजीआई एकलौता ऐसा अस्पताल है जहां देश में सबसे ज्यादा ट्रांसप्लांट किए जाते हैं. प्राथमिक क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए पीजीआई को देश के सबसे बेहतरीन अस्पताल के तौर पर भी नवाजा जा चुका है.