विश्व हिंदू परिषद की धार्मिक यात्रा के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद सांप्रदायिक नफरत की आंच हरियाणा के 8 जिलों तक पहुंच गई. घटना के कुछ ही घंटों बाद ट्विटर पर मिनी पाकिस्तान शब्द ट्रेंड करने लगा. एक भाजपा सांसद ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में नूंह को मिनी पाकिस्तान बता कर विरोधी दलों की राजनीति को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार बताया. इसके बाद विहिप के नेताओं ने भी सुर में सुर मिला दिए. गौकशी को लेकर क्षेत्र में लंबे समय से दोनों पक्षों में विवाद चला आ रहा है.
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2005 में बना जिलाः भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने गुड़गांव और फरीदाबाद के क्षेत्रों से अलग कर साल 2005 में मेवात जिला बनाया गया था. 2016 में, मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने मेवात जिले का नाम बदलकर नूंह कर दिया, यह दावा करते हुए कि यह राज्य के क्षेत्रों को राजस्थान और उत्तर प्रदेश से अलग करने के लिए किया गया. आंकड़ों के अनुसार दिल्ली से 74 किमी दूर नूंह की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि और पशुपालन पर निर्भर है.
देश का सबसे पिछड़ा जिला नूंहः हरियाणा के मेवात क्षेत्र में मुस्लिम आबादी बहुल नूंह देश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में से एक है. इस तथ्य की आधिकारिक पुष्टि अप्रैल 2018 में हुई, जब नीति आयोग ने जिले को भारत के सबसे पिछड़े जिले के रूप में पहचाना. नूंह (पूर्व में मेवात) हरियाणा के 22 जिलों में से एक है. वैसे मुस्लिम बहुल मेवात क्षेत्र राजस्थान में अलवर और भरतपुर से लेकर हरियाणा में नूंह, पलवल, फरीदाबाद और गुरुग्राम और उत्तर प्रदेश में मथुरा और आगरा तक फैला हुआ है.
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नूंह की 79 फीसदी आबादी मुस्लिमः हरियाणा के दक्षिणी जिले नूंह की सीमा राजस्थान और उत्तर प्रदेश से लगती है. साल 2016 तक मेवात के नाम से जाने जाने वाले नूंह जिले में मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है. 2011 की जनगणना के अनुसार, नूंह की कुल आबादी 10.89 लाख में से लगभग 79.2% मुस्लिम हैं, जबकि हिंदुओं की आबादी 20.4% है.
अब पता चला मेवात को मिनी पाकिस्तान क्यों कहा जाता है. हर साल की तरह हम इस बार भी मेवात में स्थित हिन्दू मंदिरों में गए थे. कांग्रेस विधायक मामन खां ने विधानसभा में मेवात में न आने की धमकी दी थी. मेवात में कई महीनों से हिंदुओ पर हमले की तैयारी हो रही थी- सुरेंदर जैन, राष्ट्रीय सयुक्त महामंत्री, विहिप
हरियाणा सरकार को उन लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए जो मेवात को मिनी पाकिस्तान बता रहे हैं- अभय सिंह चौटाला, INLD विधायक
नूंह में सांप्रदायिक हिंसा का इतिहासः
- 2014: 8 जून को मेवात जिले के टौरू शहर में एक सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत के बाद क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. छोटे से कस्बे टौरू में पटौदी-मोहम्मदपुर रोड जंक्शन के पास मोटर साइकिल चला रहे दानवीर नामक युवक को एक डंपर ने कुचल दिया था. हादसे में दानवीर की मौके पर ही मौत हो गई थी, वहीं डंपर चालक घटना के बाद फौरन मौके से फरार हो गया था. हालांकि, मौके पर मौजूद लोगों ने डंपर के 2 क्लीनर रईस और मुबारक को पकड़ लिया था.
- 2015: हरियाणा वक्फ बोर्ड को आवंटित मस्जिद की जमीन के मुद्दे पर स्थानीय लोगों द्वारा हरियाणा के बल्लभगढ़ के अटाली गांव के 400 मुस्लिम ग्रामीणों पर हमले के बाद दंगे भड़क गए थे.
- 2023: 21 फरवरी 2023 को भी हरियाणा के नूंह जिले में दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी. हिंदू और मुस्लिम समुदायों के सदस्यों के एक-दूसरे से भिड़ने के बाद जिले के खेड़ा खलीपुर गांव में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था.