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भ्रष्टाचार के खिलाफ हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, अब आईएएस और आईपीएस की गिरफ्तारी के लिए नहीं लेनी होगी अनुमति

हरियाणा में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. हरियाणा सरकार के नए आदेश के तहत आईएएस, आईपीएस, एचसीएस और एचपीएस समेत कोई भी अधिकारी विजिलेंस के ट्रैप (जाल) में पकड़ा जाता है तो उसे तुंरत गिरफ्तार किया जा सकेगा.

bribe in Haryana
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Apr 26, 2022, 10:42 AM IST

Updated : Apr 26, 2022, 12:03 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए एक बड़ा फैसला किया है. सरकार के इस फैसले के मुताबिक अब अगर कोई आईएएस, आईपीएस या एचसीएस अधिकारी घूस के मामले में पकड़ा जाता है तो उसकी तुरंत गिरफ्तारी की जाएगी. इसके लिए अब किसी के परमीशन की आवश्यकता नहीं होगी. चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल ने इस बारे में आदेश जारी कर दिया है.

इससे पहले भारतीय प्रशासनिक व पुलिस सेवा के अधिकारियों की गिरफ्तारी से पहले संबंधित विभागाध्यक्ष या मुख्य सचिव से परमिशन लेनी पड़ती थी. इस प्रक्रिया में काफी वक्त लगता था और किसी ना किसी तरीके से भ्रष्ट अधिकारी बच निकलते थे. अब सरकार ने नियमों में बदलाव कर भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकंजा और कड़ा कर दिया है.

नए आदेश के तहत आईएएस, आईपीएस, एचसीएस और एचपीएस समेत कोई भी अधिकारी विजिलेंस के ट्रैप (जाल) में पकड़ा जाता है तो उसे तुंरत गिरफ्तार किया जा सकेगा. किसी भी अधिकारी व कर्मचारी पर रेड डालने के मामले में ड्यूटी मजिस्ट्रेट और गवाह की आवश्यकता पहले की तरह जारी रहेगी. जिलाधीश लिखित नियुक्ति करेंगे. सरकार का कहना है कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट और गवाह एक प्रतीकात्मक व्यवस्था है. यह किसी भी प्रकार की सक्षम अधिकारी की पूर्ण अनुमति नहीं है. इसके लिए 15 अक्तूबर 2018 के नियम लागू रहेंगे.

हरियाणा सरकार विजिलेंस ब्यूरो को लगातार मजबूत कर रही है. इसी के तहत सरकार ने पिछले दिनों कई अहम फैसले लिए हैं. विजिलेंस ब्यूरो में सीबीआई के सेवानिवृत्त चार अधिकारियों को नियुक्त कर चुकी है. इसके अलावा मंडलायुक्त और डीआईजी विजिलेंस एक करोड़ रुपये तक के भ्रष्टाचार के मामले में जांच कर सकेंगे. इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में मंडलायुक्त बोर्ड और निगम अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए अधिकार दिए जा चुके हैं. उधर, विजिलेंस महानिदेशक सरकार से ब्यूरो के लिए 550 कर्मचारी मांग चुके हैं.

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चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए एक बड़ा फैसला किया है. सरकार के इस फैसले के मुताबिक अब अगर कोई आईएएस, आईपीएस या एचसीएस अधिकारी घूस के मामले में पकड़ा जाता है तो उसकी तुरंत गिरफ्तारी की जाएगी. इसके लिए अब किसी के परमीशन की आवश्यकता नहीं होगी. चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल ने इस बारे में आदेश जारी कर दिया है.

इससे पहले भारतीय प्रशासनिक व पुलिस सेवा के अधिकारियों की गिरफ्तारी से पहले संबंधित विभागाध्यक्ष या मुख्य सचिव से परमिशन लेनी पड़ती थी. इस प्रक्रिया में काफी वक्त लगता था और किसी ना किसी तरीके से भ्रष्ट अधिकारी बच निकलते थे. अब सरकार ने नियमों में बदलाव कर भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकंजा और कड़ा कर दिया है.

नए आदेश के तहत आईएएस, आईपीएस, एचसीएस और एचपीएस समेत कोई भी अधिकारी विजिलेंस के ट्रैप (जाल) में पकड़ा जाता है तो उसे तुंरत गिरफ्तार किया जा सकेगा. किसी भी अधिकारी व कर्मचारी पर रेड डालने के मामले में ड्यूटी मजिस्ट्रेट और गवाह की आवश्यकता पहले की तरह जारी रहेगी. जिलाधीश लिखित नियुक्ति करेंगे. सरकार का कहना है कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट और गवाह एक प्रतीकात्मक व्यवस्था है. यह किसी भी प्रकार की सक्षम अधिकारी की पूर्ण अनुमति नहीं है. इसके लिए 15 अक्तूबर 2018 के नियम लागू रहेंगे.

हरियाणा सरकार विजिलेंस ब्यूरो को लगातार मजबूत कर रही है. इसी के तहत सरकार ने पिछले दिनों कई अहम फैसले लिए हैं. विजिलेंस ब्यूरो में सीबीआई के सेवानिवृत्त चार अधिकारियों को नियुक्त कर चुकी है. इसके अलावा मंडलायुक्त और डीआईजी विजिलेंस एक करोड़ रुपये तक के भ्रष्टाचार के मामले में जांच कर सकेंगे. इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में मंडलायुक्त बोर्ड और निगम अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए अधिकार दिए जा चुके हैं. उधर, विजिलेंस महानिदेशक सरकार से ब्यूरो के लिए 550 कर्मचारी मांग चुके हैं.

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Last Updated : Apr 26, 2022, 12:03 PM IST
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