चंडीगढ़: चंडीगढ़ के गवर्नमेंट मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल (GMCH) सेक्टर 16 में एक नया एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर शुरू हो गया है. बता दें कि अभी तक इस तरह एडवांस सेंटर पीजीआई में था. चंडीगढ़ में हरियाणा, हिमाचल, पंजाब और जम्मू कश्मीर से मरीज आते हैं. जिसके चलते चंडीगढ़ में मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ जाती है. इस केंद्र में नवजात से लेकर 12 साल तक के बच्चों का इलाज किया जाएगा.
ICU में है 32 बेड: सेक्टर 16 के इस एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में बच्चों के इलाज के लिए 32 बेड का इंसेंटिव केयर यूनिट (ICU) बनाया गया है. इसमें 4 बेड वेंटिलेटर सुविधा वाले और 8 बेड हाई डिपेंडेंसी यूनिट व 20 ऑक्सीजन बेडों की सुविधा रखी गई है. जबकि टेस्टिंग की जरूरत को देखते हुए इसके अंदर एक सैंपल कलेक्शन सेंटर भी खोला है. जिसमे बच्चों के सैंपल भी एकत्रित होंगे.
कोरोना काल में धीमी गति से हुआ काम: जानकारी के मुताबिक, कोरोना काल के दौरान बच्चों के इलाज को लेकर सेक्टर-16 अस्पताल में कई कमियां पाई गई थी. इसके बाद केंद्र सरकार ने इसे बनाने के निर्देश दिए थे. 2020 से लेकर 2022 तक इसे बनाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा धीमी गति से काम किया गया. स्वास्थ्य विभाग ने इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज-2 के तहत इसे 5.6 करोड़ की लागत से तैयार किया. खास बात है कि एडवांस चाइल्ड केयर सेंटर में सीधे तौर पर बीमार बच्चों को भर्ती किया जाएगा.
चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा डिलीवरी वाला अस्पताल: बता दें कि चंडीगढ़ शहर का GMCH सेक्टर 16 एकमात्र ऐसा अस्पताल है, जहां पर सबसे ज्यादा डिलीवरी होती हैं. यहां कई राज्यों से मरीज आते हैं. आंकड़ों के मुताबिक यहां पर हर महीने औसतन 3000 डिलीवरी होती है. जो की PGI और मेडिकल कॉलेज 32 से भी ज्यादा है. इसको देखते हुए यहां पर एडवांस बाल चिकित्सा सेंटर की काफी समय से जरूरत थी. अब गंभीर हालत में पैदा होने वाले बच्चों को चंडीगढ़ रेफर नहीं किया जाएगा.
जच्चा-बच्चा रहेंगे एकसाथ: एडवांस पीडियाट्रिक में जन्म देने वाली माताओं की सुविधा को देखते हुए अलग से कमरे बनाए गए हैं. जहां वे अपने नवजात के साथ रह सकती है. जबकि बच्चों के आईसीयू में नई मशीनें लगाई गई है. जहां बच्चों की हर दिक्कत को देखते हुए प्रबंध किए गए हैं. साथ ही कमरे में टॉय और उनके खेलने के लिए चीजें रखी गई हैं. रेफर होकर आये बच्चों के होने वाले ब्लड टेस्ट व एक्स-रे एक ही छत के नीचे किए जा सकते हैं. इसके लिए पोर्टेबल मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. गंभीर बीमार बच्चों का टेस्ट उनके बेड के पास ही किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: हवाई यात्रियों के लिए राहत भरी खबर, इंडिगो नहीं वसूलेगा फ्यूल चार्ज, हजारों रुपये सस्ता होगा टिकट
ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ प्रशासन ने हरियाणा के सचिव से मांगे असिस्टेंट प्रोफेसर के आवेदन