चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा (haryana assembly winter session) है. यह सत्र खूब हंगामेदार होने की संभावना है. सत्र में उठने वाले मुद्दों पर लेकर जहां विपक्ष के नेताओं ने पूरी तैयारी की है. वहीं आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद आज युवाओं के साथ हरियाणा विधानसभा का घेराव करेंगे. जयहिंद का कहना है कि हम नेताओं को गोमूत्र और गोबर भेंट करेंगे.
नवीन जयहिंद (Naveen Jaihind) ने सरकार पर भर्ती घोटाले को लेकर निशाना (hpsc recruitment scam case) साधा. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश की हालत ऐसी हो गई है कि अगर आपके हाथ में नोटों से भरी अटैची है तो आपको नौकरी मिल जाएगी. नहीं तो नौकरी के लिए मेहनत करने का कोई फायदा नहीं. सरकार लगातार यह बात कह रही है कि भर्ती घोटालों में सरकार का हाथ नहीं है. सरकार ईमानदारी से काम कर रही है अगर सरकार ईमानदार है तो मुख्यमंत्री गीता पर हाथ रखकर कसम खा लें. हम यह मान जाएंगे कि सरकार ईमानदार है.
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नवीन जयहिंद ने कहा कि सरकार ने अनिल नागर को बर्खास्त करके कोई बड़ा काम नहीं किया. क्योंकि अनिल नागर तो मात्र एक मछली है. इन घोटालों के मगरमच्छ तो बाहर घूम रहे हैं. जिन्हें सरकार साफ तौर पर बचा रही है. वह तो मुख्यमंत्री से पूछना चाह रहे हैं कि अगर प्रदेश में नौकरियों की कोई सेटिंग है, तो वह उन्हें भी बता दें ताकि वह भी बच्चों को नौकरी पर लगवा सकें ताकि बच्चों को भी मेहनत ना करनी पड़े और सरकार का परीक्षा लेने का खर्चा भी बच जाए.
उन्होंने कहा कि हम विधानसभा सत्र से पहले मटका चौक पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और यह मांग करेंगे कि मुख्यमंत्री विधानसभा में गीता पर हाथ रखकर कसम खाएं. अगर वह ऐसा नहीं करते तो कम से कम गंगाजल को हाथ में लेकर यह कसम खा ले.
क्या है मामला ?
गौरतलब है कि विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC की ओर से ली जाने वाली डेंटल सर्जन भर्ती की परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट खाली छोड़ने वालों का चयन करने का खुलासा किया था. 17 नवंबर को भिवानी निवासी नवीन पंचकूला में 20 लाख रुपये लेते पकड़ा गया था. वहीं से इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.
इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर (HPSC Deputy Secretary Anil Nagar) के असिस्टेंट अश्विनी के झज्जर स्थित घर में रेड मारकर एक करोड़ आठ लाख रुपये बरामद किए. तब अश्विनी ने ही खुलासा किया कि इसमें से 90 लाख रुपये अनिल नागर के हैं. इसके बाद विजिलेंस के कहने पर अश्विनी HPSC हैडक्वार्टर में बैठने वाले वर्ष 2016 बैच के एचसीएस अधिकारी अनिल नागर को उनके दफ्तर में 90 लाख रुपए देने पहुंचा. जैसे ही अनिल नागर ने कैश लिया, विजिलेंस ने उसे पकड़ लिया.
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