चंडीगढ़: जिले में भगवान शिव के मंदिर को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया है. दोनों पक्ष एक दूसरे पर मंदिर को लेकर अवैध कब्जा करने का आरोप लगा रहे हैं. मंदिर के पूर्व प्रधान सत्यदेव बंसल ने कहा कि पूर्व पार्षद हरमोहिंदर लक्की ने मंदिर पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया है और हमे अन्दर घुसने नहीं दे रहे हैं.
पहले पक्ष का दावा
बंसल ने आरोप लगाते हुए कहा कि मैं जब अमेरिका गया हुआ था तो मेरी अनुपस्थिति में लक्की ने मंदिर के कैशियर से मंदिर के लोगों की चाबी मांगी. जब उसने चाबी नहीं दी तो लक्की ने कैशियर के साथ मारपीट भी की.
प्रधान का आरोप है कि लक्की और उसके साथियों ने मंदिर के गुल्लक के ताले तोड़कर उसमें से करीब 25 लाख रुपए निकाल लिए. उन्होंने कहा कि उन लोगों ने मंदिर की डिस्पेंसरी में अपने ऑफिस में बना लिया है. जहां से ही अपने व्यक्तिगत काम कर रहे हैं.
दूसरे पक्ष का दावा
इस बारे में हरमोहिंदर लक्की से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मंदिर की पहले बनाई गई कमेटी रजिस्टर्ड नहीं थी. वह मंदिर के कामकाज का कोई ब्यौरा नहीं देती थी और ना ही पैसे के लेनदेन को लेकर कोई पारदर्शिता बरती जा रही थी.
लक्की ने बताया कि इसलिए हमने एक नई कमेटी बनाई और उसको डीसी से रजिस्टर करवाया. इसके अलावा बताया कि हमने चुनाव करवाकर मंदिर की कमेटी के सभी पदाधिकारियों को निर्धारित किया. अपने ऊपर लगाए जा रहे आरोपों पर लक्की ने कहा कि हमारे ऊपर जो 25 लाख रुपए के गबन का आरोप लगाया जा रहा है. उसके पूरे रिकार्ड हमारे पास मौजूद हैं.
उसने बताया हमने जब मंदिर के गुल्लक को खुलवाया तो उस समय चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से और डीसी कार्यालय की तरफ से सदस्य मौके पर मौजूद थे. जिनके सामने हमने गुल्लक को खुलवाया और दान राशि की गिनती की उस राशि को बैंक में जमा करवा दिया गया है.
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लक्की ने कहा कि हम पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं. हमने सभी काम कानूनी तौर पर किए हैं और हमारे पास इसके सभी सबूत भी मौजूद हैं.