चंडीगढ़: देश में अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने हैं. इसके बाद 2024 के अंत में ही हरियाणा विधानसभा चुनाव होंगे. ऐसे में इस वर्ष हरियाणा में राजनीतिक सरगर्मियां अपने चरम पर रहने वाली हैं. प्रदेश में तमाम राजनीतिक दल अपनी रणनीति के तहत अपने वोट बैंक को मजबूत करने में जुट गए हैं. हालांकि लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले इन सभी राजनीतिक दलों का निगम चुनाव में टेस्ट होना है.
हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले 8 नगर निगम में चुनाव होने हैं. जिनमें से 3 नगर निगम के चुनाव मार्च के आखिरी में या अप्रैल में हो सकते हैं. वहीं, बाकी 5 नगर निगम के चुनाव इस साल के अंत में होने हैं. गुरुग्राम, मानेसर और फरीदाबाद नगर निगम के चुनाव मार्च-अप्रैल में होंगे. वहीं यमुनानगर, करनाल, पानीपत, रोहतक और हिसार नगर निगम के चुनाव इस वर्ष अंत में या 2024 के पहले महीने में होंगे.
बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की होगी परीक्षा: लोकसभा और विधानसभा से पहले होने जा रहे हरियाणा नगर निगम चुनाव सभी दलों के लिए बड़ी चुनौती होंगे. लेकिन इन चुनावों में सत्ताधारी बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की परीक्षा होनी है. हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी की गठबंधन सरकार है, तो ऐसे में उनके लिए यह स्थानीय चुनाव किसी चुनौती से कम नहीं है. प्रदेश की गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगम पर अभी बीजेपी का कब्जा है, जबकि मानेसर में पहली बार चुनाव होंगे.
अन्य दलों की साख भी होगी दांव पर: ऐसा नहीं है कि यह चुनाव सिर्फ सत्ताधारी दल के लिए ही बड़ी चुनौती है. तमाम विपक्षी दलों के लिए भी इन चुनावों के नतीजे जनता के मूड और मुद्दों को जाहिर करेंगे. इन्हें लोकसभा और विधानसभा चुनाव की झलक के तौर पर देखा जा सकता है. इसलिए कांग्रेस, इनेलो और आप भी इन चुनावों को हल्के में नहीं ले रही है. सभी दल इन चुनाव के नतीजों के जरिए हरियाणा की सियासी जमीन पर खुद को लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले मजबूत करना चाहेंगे.
निगम चुनाव के लिए बीजेपी की तैयारी: गुरुग्राम, फरीदाबाद और मानेसर नगर निगम के चुनाव बीजेपी के लिए कितने अहमियत रखते हैं, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीजेपी ने इन चुनावों के लिए अपने प्रभारियों की नियुक्ति सबसे पहले की है. गुरुग्राम की जिम्मेदारी शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता को सौंपी गई है.
वहीं, फरीदाबाद नगर निगम का जिम्मा करनाल के सांसद संजय भाटिया को दिया गया है. मानेसर नगर निगम चुनाव में जीत के लिए बीजेपी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामविलास शर्मा पर विश्वास जताया है. यह शहरी क्षेत्र के चुनाव हैं, वहीं बीजेपी को शहरी क्षेत्र की पार्टी ज्यादा माना जाता है. ऐसे में यह चुनाव बीजेपी के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
बीजेपी-जेजेपी ने नहीं खोले अपने पत्ते: प्रदेश में भले ही बीजेपी और जेजेपी गठबंधन की सरकार हो. लेकिन अगले 2 महीने के अंदर जिन तीन नगर निगमों में सबसे पहले चुनाव होंगे, उसको लेकर अभी दोनों पार्टियों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है. दोनों पार्टियां इन चुनावों को मिलकर लड़ेंगी या अलग-अलग इसको लेकर निर्णय नहीं किया गया है. हालांकि तीनों नगर निगम के चुनाव को लेकर जेजेपी के नेता और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला कह चुके हैं कि उनकी पार्टी चुनाव की पूरी तैयारियां कर रही है. पार्टी की प्राथमिकता गठबंधन में चुनाव लड़ने की है.
हरियाणा में कांग्रेस की तैयारी: कांग्रेस पार्टी अभी तक हरियाणा में अपने संगठन का ऐलान नहीं कर पाई है. लेकिन जिन तीन नगर निगमों में चुनाव होने वाले हैं, उसके लिए पार्टी ने कमर कस ली है. हरियाणा कांग्रेस ने भी इन तीनों नगर निगम के चुनावों के लिए प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. पार्टी ने चुनाव के लिए राव दान सिंह, गीता भुक्कल और धर्म सिंह छोकर को जिम्मेदारी सौंपी है. कांग्रेस तीनों नगर निगम के चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़ेगी. यानी कांग्रेस खुद की सियासी जमीन को इन चुनावों में मजबूती के साथ पेश करना चाहती है.
आम आदमी पार्टी लगाएगी सियासी तड़का: हरियाणा पंचायत चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में भले ही आम आदमी पार्टी कोई बहुत बड़ा उलटफेर नहीं कर पाई हो, लेकिन गुरुग्राम, मानेसर और फरीदाबाद नगर निगम के चुनावों में पार्टी अपनी चुनौती पेश करने के लिए तैयार है. पार्टी ने भी निगम चुनाव के लिए अपने प्रभारियों की घोषणा कर दी है. पार्टी ने पूर्व मंत्री निर्मल चौधरी को मानेसर, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर को फरीदाबाद और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुशील गुप्ता को गुरुग्राम की जिम्मेदारी दी है.
इनेलो का अभी तक रुख स्पष्ट नहीं: इन सबके बीच इन चुनावों को लेकर हरियाणा की एक विधायक वाली पार्टी बनकर रह गई इंडियन नेशनल लोकदल ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है. यानी इनेलो तीन नगर निगम चुनाव में मैदान में उतरेगी या नहीं, इसको लेकर अभी पार्टी की ओर से कोई जानकारी नहीं मिली है. पार्टी ने इन चुनावों के मद्देनजर अभी तक चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति भी नहीं की है. अगर पार्टी इन चुनावों में उतरती है, तो यह चुनाव और रोचक हो जाएगे.