करनालः हरियाणा के करनाल में दबंगों का खौफ है. जिसके कारण मां-बेटी अपने घर में नहीं रह पा रही हैं. उन्हें डर है कि कहीं दबंग उनकी हत्या न कर दें. दहशत के साये में जी रही मां-बेटी ने अपनी कार को ही अपना (woman living in car in karnal) घर बना लिया है. डर की वजह से दोनों कार में ही रहती हैं. पीड़ितों ने अपनी व प्रॉपर्टी की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट से गुहार लगाई है.
मां-बेटी ने शनिवार को एक बार फिर जान माल की सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने रिश्तेदारों और एक बाबा से जान का खतरा बताया है. पीड़ित सुमित्रा रानी ने बताया कि 12 अगस्त 2020 को दबंगों ने उनकी 35 एकड़ जमीन पर कब्जे की नियत से उनके बेटे की ह्त्या कर दी थी. उनका ये भी कहना है कि 18 अगस्त 2022 को करनाल स्थित उनके दो कनाल के घर से उनके रिश्तेदारों ने 35 लाख की नकदी 50 तोले सोना चुरा लिया था. दबंगों ने उनके घर में तोड़फोड़ भी की. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी कुलदीप राणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया.
पीड़ित ने शिकायत में करीब नौ लोगो के खिलाफ नामदज एफआईआर दर्ज करवाया था. मां का कहना है कि बेटे की हत्या के बाद से वो छिप छिप कर दिन काट रही हैं. उन्हें डर है कि कहीं उनकी भी हत्या न हो जाये. सुमित्रा की बेटी स्वाती ने बताया कि पिता की मौत के बाद हम मां और बेटी जमीन की देखभाल कर रही हैं. साल 2016 में स्वाति व उसकी मां जब अपने असंध स्थित फार्म हाउस पर थी तो उन पर जानलेवा हमला किया था.
उन्होंने कहा कि मनदीप सिंह बाजवा, गुरविंदर सिंह, गुरदयाल सिंह, बलिहार सिंह, इंदरजीत सिंह, नरिंदर सिंह, बाबा बड़भाग सिंह और उनके दो चेलों ईश्वर सिंह और दिलबाग सिंह ने ये हमला किया था. आरोपियों ने उन्हें कार से कुचलकर जान से मरने की कोशिश की थी. इस वारदात में दोनों गंभीर रूप से घायल हुई थीं. पुलिस ने शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ धारा 148, 149, 323, 307, 354 ए (1 ) 376, 511 और 506 के तहत मामला दर्ज किया था.
मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने सिर्फ एक आरोपी मनदीप सिंह को ही गिरफ्तार किया. पीड़ित ने बताया कि आरोपी उनकी जमीन को लीज पर लेकर बाबा बड़भाग सिंह के आश्रम डेरा अरदाना का विस्तार करना चाहते हैं लेकिन हम जमीन दे नहीं रहे हैं. इसलिये उन्हें और उनके परिवार को खत्म करने की कोशिशें की जा रहीं हैं. पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट (punjab and haryana high court) ने 9 अप्रैल 2021 को उनकी जान व माल की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रोटेक्शन देने के आदेश जारी किये थे.
पीड़ितों का आरोप है कि जो पुलिसकर्मी जान-माल की सुरक्षा के लिए लगाये गये थे वो दोनों उन्हें ही डराते थे. जिसके बाद हाईकोर्ट में पुनः याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर डीजीपी, एसएसपी सहित अन्य प्रतिवादियों को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया था. डीएसपी असंध ने कोर्ट में पेश हो कर बताया था कि मामले की जांच डीजीपी की ओर से स्टेट क्राइम ब्रांच मधुबन को सौंप दी गई है.
कोर्ट को बताया गया कि याचिकर्ता की जान माल की पूरी हिफाजत की जा रही है. सभी आरोपियों से पुलिस ने मामले को लेकर इन्वेस्टिगेशन की है और सभी के बयान दर्ज किये गए हैं. आरोपियों ने पीड़ितों द्वारा लगाये गये सभी आरोपो से इनकार किया था. जस्टिस अरविन्द सिंह सांगवान ने 28 जून 2021 को आदेश दिया था कि वो बिना रोक टोक अपनी जमीन की देखरेख व बुआई कर सकती हैं.
अगर वो अपनी जमीन में जाना चाहते हैं तो एक सप्ताह पहले पुलिस को सूचित करें. उन्हें जमीन में जाने से पहले पुलिस प्रोटेक्शन दी जाएगी. लेकिन हाइकोर्ट के आदेशों के बाद भी मां-बेटी ने प्रताड़ित करने के आरोप लगाये हैं. उनका कहना है कि आरोपी उनकी फसल पर रात में ट्रैक्टर चलाकर बर्बाद कर देते हैं. उन्हें मारने के भी प्रयास किये जा रहे हैं और इसलिये दोनों चंडीगढ़ में छिपकर रह रही हैं. अब एक बार फिर मां-बेटी ने हाईकोर्ट की शरण ली है और जान व माल की सुरक्षा को लेकर गुहार लगाई है. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी हरियाणा के डीजीपी को मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा.