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जो युवा लीक हुआ पेपर खरीदते हैं वे जिम्मेदार नहीं, कमी सरकार में है- बलराज कुंडू - विधायक बलराज कुंडू

हरियाणा कॉन्स्टेबल का पेपर लीक (haryana constable paper leak) होने की वजह से परीक्षा रद्द होने के बाद विपक्ष ने सरकार को घेर लिया है. वहीं अब महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू (MLA Balraj Kundu) ने भी सदन में इस मामले को काफी जोर-शोर से उठाया.

MLA Balraj Kundu
haryana constable paper leak
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Published : Aug 24, 2021, 4:19 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र (haryana monsoon session) के तीसरे दिन मंगलवार को भी सदन में पेपर लीक (haryana constable paper leak) मामला छाया रहा. तीसरे दिन महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू (MLA Balraj Kundu) ने इस मामले को काफी जोर-शोर से उठाया. हमने इस बारे में बलराज कुंडू से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि सरकार का अपनी गलती को मानने की बजाय विपक्ष पर दोषारोपण करना, य् सरकार के फेलियर को दिखाता है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कांग्रेस राज में कुछ कमियां आ रही हों, लेकिन अब प्रदेश में भाजपा की सरकार को भी 7 साल हो चुके हैं, अगर 7 सालों में भी उन कमियों को दूर नहीं किया गया तो ये भाजपा सरकार की ही नाकामी माना जाएगा.

उन्होंने कहा कि मैं सरकार की आलोचना नहीं कर रहा हूं, लेकिन ये मुद्दा युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ है इसलिए सरकार को इसे बेहद गंभीरता से लेना चाहिए. सरकार को ये मानना चाहिए कि जब तक हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन का हस्तक्षेप ना हो तब तक पेपर लीक नहीं हो सकता. कुंडू ने कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले की जांच सीबीआई से नहीं करवाना चाह रहे, ये बात समझ से बाहर है क्योंकि पेपर लीक मामला एक बड़ा मामला है और मुख्यमंत्री को इसकी गंभीरता समझते हुए इसकी जांच भी बड़े स्तर पर करवानी चाहिए.

सुनिए निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू का बयान

ये भी पढ़ें- हरियाणा पेपर लीक: तो जम्मू की प्रिंटिंग प्रेस से इस तरह किया गया था पेपर लीक

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जिस बड़े गिरोह की बात कर रहे हैं वह गिरोह हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के पेपर ही लीक क्यों करवाता है, वह गिरोह आईआईटी और एनआईटी के पेपर लीक क्यों नहीं करवा पाता. इसका मतलब यही है कि हमारे ही तंत्र में कमी है, तभी वह गिरोह हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन के पेपर लीक कर देता है. देश का गरीब युवा नौकरी चाहता है, इसके लिए वह तैयारी भी करता है, पैसे खर्च कर फार्म ही भरता है, कोचिंग भी लेता है, लेकिन ऐन वक्त पर आकर जब परीक्षा रद्द हो जाती है तो यह उसके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है.

नकल विरोधी कानून को लेकर उन्होंने कहा कि ये बिल सरकार पेपर लीक मामले में हुई फजीहत से बचने के लिए जल्दबाजी में लेकर आ रही है जबकि इस बिल में बहुत सी कमियां हैं. इस बिल में ये नहीं लिखा गया कि अगर हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के चेयरमैन या सदस्य आरोपी पाए जाते हैं तो उन पर क्या कार्रवाई होगी. इस बिल के अभी आने से वह लोग भी आरोपी बन जाएंगे जो पेपर लीक मामले में शामिल ही नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों को गलत नहीं मानता हूं जो पेपर खरीदते हैं क्योंकि हर युवा नौकरी चाहता है और इसके लिए वह है पेपर खरीद लेता है. इसलिए इस बिल को लेकर गहन चिंतन करने की जरूरत है और इसे जल्दबाजी में पास नहीं किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में अब पेपर लीक करवाया तो खैर नहीं! सरकार बनाने जा रही कड़ा कानून

क्या है पेपर लीक केस?: हरियाणा में सिपाही पद के लिए ये परीक्षा दो दिन करवाई जानी थी, लेकिन परीक्षा के दौरान पेपर लीक होनी की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई. जिसके बाद कई छात्रों ने कहा कि अब वो दोबारा परीक्षा नहीं देंगे. हालांकि बाद में इसके तार कई पुलिसकर्मियों से भी जुड़े होने के सबूत मिले. बाद में जम्मू से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया जिन्होंने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि ये पेपर जम्मू की प्रिंटिंग प्रेस से लीक किया गया था.

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र (haryana monsoon session) के तीसरे दिन मंगलवार को भी सदन में पेपर लीक (haryana constable paper leak) मामला छाया रहा. तीसरे दिन महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू (MLA Balraj Kundu) ने इस मामले को काफी जोर-शोर से उठाया. हमने इस बारे में बलराज कुंडू से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि सरकार का अपनी गलती को मानने की बजाय विपक्ष पर दोषारोपण करना, य् सरकार के फेलियर को दिखाता है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कांग्रेस राज में कुछ कमियां आ रही हों, लेकिन अब प्रदेश में भाजपा की सरकार को भी 7 साल हो चुके हैं, अगर 7 सालों में भी उन कमियों को दूर नहीं किया गया तो ये भाजपा सरकार की ही नाकामी माना जाएगा.

उन्होंने कहा कि मैं सरकार की आलोचना नहीं कर रहा हूं, लेकिन ये मुद्दा युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ है इसलिए सरकार को इसे बेहद गंभीरता से लेना चाहिए. सरकार को ये मानना चाहिए कि जब तक हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन का हस्तक्षेप ना हो तब तक पेपर लीक नहीं हो सकता. कुंडू ने कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले की जांच सीबीआई से नहीं करवाना चाह रहे, ये बात समझ से बाहर है क्योंकि पेपर लीक मामला एक बड़ा मामला है और मुख्यमंत्री को इसकी गंभीरता समझते हुए इसकी जांच भी बड़े स्तर पर करवानी चाहिए.

सुनिए निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू का बयान

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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जिस बड़े गिरोह की बात कर रहे हैं वह गिरोह हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के पेपर ही लीक क्यों करवाता है, वह गिरोह आईआईटी और एनआईटी के पेपर लीक क्यों नहीं करवा पाता. इसका मतलब यही है कि हमारे ही तंत्र में कमी है, तभी वह गिरोह हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन के पेपर लीक कर देता है. देश का गरीब युवा नौकरी चाहता है, इसके लिए वह तैयारी भी करता है, पैसे खर्च कर फार्म ही भरता है, कोचिंग भी लेता है, लेकिन ऐन वक्त पर आकर जब परीक्षा रद्द हो जाती है तो यह उसके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है.

नकल विरोधी कानून को लेकर उन्होंने कहा कि ये बिल सरकार पेपर लीक मामले में हुई फजीहत से बचने के लिए जल्दबाजी में लेकर आ रही है जबकि इस बिल में बहुत सी कमियां हैं. इस बिल में ये नहीं लिखा गया कि अगर हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के चेयरमैन या सदस्य आरोपी पाए जाते हैं तो उन पर क्या कार्रवाई होगी. इस बिल के अभी आने से वह लोग भी आरोपी बन जाएंगे जो पेपर लीक मामले में शामिल ही नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों को गलत नहीं मानता हूं जो पेपर खरीदते हैं क्योंकि हर युवा नौकरी चाहता है और इसके लिए वह है पेपर खरीद लेता है. इसलिए इस बिल को लेकर गहन चिंतन करने की जरूरत है और इसे जल्दबाजी में पास नहीं किया जाना चाहिए.

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क्या है पेपर लीक केस?: हरियाणा में सिपाही पद के लिए ये परीक्षा दो दिन करवाई जानी थी, लेकिन परीक्षा के दौरान पेपर लीक होनी की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई. जिसके बाद कई छात्रों ने कहा कि अब वो दोबारा परीक्षा नहीं देंगे. हालांकि बाद में इसके तार कई पुलिसकर्मियों से भी जुड़े होने के सबूत मिले. बाद में जम्मू से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया जिन्होंने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि ये पेपर जम्मू की प्रिंटिंग प्रेस से लीक किया गया था.

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