चंडीगढ़: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के परियोजना अनुमोदन बोर्ड की बैठक में स्कूलों में मुफ्त पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए 48 करोड़ रुपए की राशि दी गई है. इसके तहत पहली से आठवीं तक के छात्रों को वर्ष 2023-2024 के दौरान पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएगी. स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि एजेंसियों को 25 मार्च से पहले पुस्तकों की आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी.
स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा भी सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं तक के छात्रों को समग्र शिक्षा के तहत मुफ्त पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएगी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई उच्च अधिकार प्राप्त क्रय समिति की बैठक में पाठ्य पुस्तकों/ कार्य पुस्तकों के मुद्रण व आपूर्ति के लिए एजेंसियों की निविदाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा.
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उन्होंने बताया कि 25 मार्च तक सभी एजेंसियों को पुस्तकों की आपूर्ति का कार्य पूरा करना होगा. शिक्षा मंत्री ने बताया कि मैस. कैपिटल बिजनेस सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली को पहली, दूसरी, तीसरी, छठी व आठवीं कक्षा की पुस्तकों के मुद्रण व आपूर्ति करने के वर्क आर्डर जारी किए हैं. वहीं मैस. नोवा पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड फरीदाबाद को चौथी व सातवीं कक्षा के वर्क आर्डर दिए गए हैं.
वहीं मैस. नोवा पब्लिकेशन जालंधर को पांचवीं की पुस्तकों के मुद्रण व आपूर्ति करने के वर्क आर्डर जारी किए गए हैं. कक्षा चौथी, पांचवीं एवं तीसरी की पाठ्य पुस्तकें नूंह व सिरसा जिलों में जिला स्तर पर पहुंच गई हैं. जिनकी आपूर्ति स्कूल स्तर पर 17 फरवरी से आरंभ कर दी जाएगी. इसी प्रकार 14 फरवरी से 21 फरवरी से नूंह, पलवल, फरीदाबाद व गुरुग्राम जिलों में पुस्तकों की आपूर्ति की जाएगी.
वहीं 22 फरवरी से 28 फरवरी तक सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद व कैथल जिलों में पुस्तकों की आपूर्ति का कार्यक्रम तैयार किया गया है. इसके साथ ही सोनीपत, पानीपत, करनाल, रोहतक में 1 मार्च से 9 मार्च तक पुस्तकों को आपूर्ति दी जाएगी. इसी कड़ी में 10 मार्च से 17 मार्च तक कुरुक्षेत्र, पंचकूला, यमुनानगर, अंबाला तथा 18 मार्च से 25 मार्च तक भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी जिलों में पुस्तकों की आपूर्ति का कार्यक्रम तैयार किया गया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि पाठ्य पुस्तकों व कार्य पुस्तकों के अभाव में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होनी चाहिए.