चंडीगढ़: शिक्षक दिवस के मौके पर हरियाणा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए 69 शिक्षकों को सम्मानित किया है. सम्मान पाने वाले ये वो शिक्षक हैं जिन्होंने अपने अथक परिश्रम से बच्चों की जिंदगी में ज्ञान का उजाला भर दिया. किसी ने अपने स्कूल में ड्रॉप आउट दर जीरो कर दिया तो किसी ने गरीब और झुग्गी झोपड़ियों में जाकर बच्चों को शिक्षा की राह दिखाई.
सवाल- राज्य सरकार द्वारा आपको सम्मानित किया जाना आपके लिए कितनी बड़ी उपलब्धि है?
जवाब- मेरे लिए यह सम्मान बहुत मायने रखता है. सरकार ने हमारे काम को सराहा है और उसे पूरा सम्मान दिया. मुझे इस काम के लिए पुरस्कृत किया गया है. इस सम्मान के लिए मैं शिक्षा विभाग का धन्यवाद करता हूं.
सवाल- आपके द्वारा कौन से ऐसे कार्य किए गए थे जिसके लिए आपको शिक्षा विभाग ने सम्मानित किया है?
जवाब- मैने बच्चों के हितों को ध्यान में रखते हुए बहुत से ऐसे काम किए हैं जिनकी वजह से यह सम्मान मिला है. ज्यादा से ज्यादा बच्चों का स्कूल में दाखिला करवाना. ड्रॉप आउट को जीरो कर देना. स्कूल में बच्चों की शिक्षा के दौरान मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराना. इसके साथ ही हमने स्कूल में सोलर पैनल लगवाया है ताकि गर्मियों में बच्चों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना आए. इसके अलावा निजी संस्थाओं के साथ टाइअप करके बच्चों को कॉम्पटीटिव एक्जाम के लिए तैयार करवाते हैं. हम ऐसे बच्चों को वहां पर कोचिंग दिलवाते हैं जो गरीब घरों के होते हैं. ताकि वे भविष्य में डॉक्टर इंजीनियर बने. उसमें भी जो बच्चे अपनी फीस दे पानी में असमर्थ थे उनकी भी हमने फीस दिलवाने का काम किया. अभी भी हम करीब 40 बच्चों की फीस विद्यालय स्तर पर दे रहे हैं.
सवाल- सरकारी स्कूलों में ड्रॉप आउट की समस्या कितनी बड़ी चुनौती है, इसके लिए क्या किया जाना चाहिए?
जवाब- ज्यादातर ड्रॉप आउट के मामले उन बच्चों के होते हैं जो माइग्रेट लेबर के होते हैं. क्योंकि वे अपनी जगह बार-बार बदलते रहते हैं. सरकार को उनके लिए कोई स्थाई व्यवस्था करनी चाहिए ताकि अगर लेबर माइग्रेट भी होता है तो उनके बच्चों को शिक्षा मिलती रहे.
सवाल- आज के दौर में एक शिक्षक के सामने क्या बड़ी चुनौतियां हैं?
बाइट- शिक्षक के सामने सबसे बड़ी चुनौती बच्चों को बेहतर शिक्षा देना है. क्योंकि अभिभावक रोजी-रोटी कमाने के लिए काम करते हैं. वो बच्चों पर कम ध्यान दे पाते हैं. कोविड की वजह से बच्चों के हाथों में मोबाइल आ गया है, जिसकी वजह से उनकी दिशा बदल गई है. इसलिए मैं अभिभावकों से भी निवेदन करता हूं कि वह बच्चों को कम से कम मोबाइल इस्तेमाल करने दें. बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय दें ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई सुचारू रूप से कर सकें.