चंडीगढ़: पंचकूला में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Chief Minister Haryana) ने एक दिवसीय कृषि कार्यशाला (one-day agriculture workshop) में हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर खुशहाल बागवानी पोर्टल एवं फसल तुड़ाई के बाद प्रबंधन संबंधी जानकारी से युक्त पुस्तिका का लोकार्पण भी किया.
किसानों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि हमें क्वांटिटी के साथ क्वालिटी पर ध्यान देते हुए खेती करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि ये समय की मांग है और वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत हमें क्वालिटी का चैलेंज स्वीकार करके कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ना होगा. आमदनी बढ़ानी है तो प्राकृतिक खेती की ओर जाना ही पड़ेगा.
खरीफ की फसलों पर MSP बढ़ाने पर पीएम का धन्यवाद
प्रधानमंत्री द्वारा 17 खरीफ फसलों की एमएसपी (Kharif Crop MSP) घोषित करने के लिए सीएम मनोहर लाल ने उनका आभार जताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रगतिशील किसान सम्मान हर जिला अनुसार एवं प्रदेश स्तर पर भी प्रदान किए जाएंगे. उन्होंने प्रगतिशील किसानों से आह्वान किया कि वो हर वर्ष 10-10 और किसानों को ट्रेनिंग दें. इससे दो से तीन सालों में ही प्रगतिशील किसानों की संख्या कई गुणा बढ जाएगी. उन्होंने कहा कि खेती है तो उद्योग है और तभी सर्विस सेक्टर है.
खेती में क्वालिटी के साथ क्वांटीटी जरूरी
खेती एवं खनिजों के उत्पादन में जितनी अच्छी क्वालिटी होगी उतना ही समाज के लिए लाभदायक होगा. इससे कृषि क्षेत्र में नई क्रांति आएगी और किसान लोगों का स्वास्थ्य बढाने में मुख्य भूमिका अदा करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें किसानों की आमदनी बढ़ाने की योजनाओं पर फोकस करना है. उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि प्रगतिशील किसानों के छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर उन्हें ट्रेनिंग दे और ये क्रम लगातार चलाएं. इससे कृषि क्षेत्र में अमूलचूल बदलाव आएगा.
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्राकृतिक खेती की उपयोगिता पर बल देते हुए कहा कि एक देसी गाय का पालन करने से हम 30 एकड़ कृषि भूमि पर प्राकृतिक खेती कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती करने से उत्पादन घटने का सवाल ही पैदा नहीं होता. उन्होंने कुरुक्षेत्र गुरुकुल के 200 एकड़ के फार्म में की जा रही प्राकृतिक खेती का उदाहरण देते हुए कहा कि इससे न केवल उत्पादन बढा बल्कि मार्केट के मुकाबले अधिक दाम भी मिल रहे हैं.