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गुरुग्राम की मानेसर तहसील और करनाल का सिरसी गांव डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड कार्यक्रम के लिए चयनित

गुरुग्राम की मानेसर तहसील और करनाल के सिरसी गांव को डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया है.इस कार्यक्रम के लिए प्रत्येक भूखंड को चिन्हित करने के लिए यूनिक लैंड पार्सल पहचान संख्या दी जाएगी.

Digital India Land Record Program
डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड कार्यक्रम
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Published : Apr 1, 2021, 1:17 PM IST

चंडीगढ़ः हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड कार्यक्रम का शुभारंभ किया है. बता दें कि संजीव कौशल ने इस पायलट परियोजना की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की है.

इस अवसर पर भारत सरकार के भूमि संसाधन मंत्रालय के सचिव अजय तिर्कें, भू-रिकार्ड की निदेशक आमना तस्नीम, गुरुग्राम के उपायुक्त यश गर्ग और करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार तथा हरियाणा एनआईसी के एसआईसी दीपक बंसल भी मौजूद रहे.

गुरुग्राम की मानेसर तहसील और करनाल के सिरसी गांव को डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया है. इस कार्यक्रम के लिए प्रत्येक भूखंड को चिन्हित करने के लिए यूनिक लैंड पार्सल पहचान संख्या दी जाएगी. जिससे प्रत्येक भूखंड की अलग पहचान हो सके.

ये भी पढ़ें: सिरसाः फसल का समय पर नहीं हुआ उठान तो ठेकेदारों को भरना पड़ेगा जुर्माना

संजीव कौशल ने कहा कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के मानकों के साथ ऑनलाइन भूमि सूचना प्रणाली तैयार करना है.यह जीआईएस और ओजीसी पर आधारित है.जिससे कि अन्य हितधारक इनका उपयोग ऑनलाइन कर सकें. यह देश भर में सभी विभागों और एजेंसियों के मूल डेटा की स्थिरता को बनाए रखने के अलावा शाब्दिक और स्थानिक डेटा से युक्त भूमि और संपत्तियों पर व्यापक जानकारी प्रदान करेगा.

यह विभागों में संबंधित भूमि रिकॉर्ड के आंकड़ों में भी मदद करेगा. यह डेटा और एप्लीकेशन स्तर पर अंतर विभागों के साथ प्रभावी एकीकरण और क्षमता लाएगा. यह प्रणाली भूमि के सत्य एकल स्रोत स्वामित्व और रिकॉर्ड के अन्य भूमि मापदंडों को प्रमाणित करने के लिए आधिकारिक संदर्भ के रूप में होगी.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में तय होंगे जमीन के मालिक, सीएम ने अधिकारियों के साथ बैठक में दिए निर्देश

संजीव कौशल ने बताया कि इससे पंजीकरण के दौरान लेनदेन के लिए व्यक्तियों को ऐसी भूमि की तत्काल पहचान और रोकथाम के लिए भूमि के वर्गीकरण का लाभ मिलेगा. एक एकीकृत आईडी भविष्य में प्रमाणीकरण को बढ़ाते हुए शासन को कम करने की दिशा में काम करेगी.

संजीव कौशल ने बताया कि यह प्रणाली डेटा और अनुप्रयोग स्तर पर मानकीकरण विभागों और अन्य हितधारकों, सेवा प्रदाताओं के बीच प्रभावी एकीकरण लाएगी. यह प्रणाली राज्य में प्रत्येक भूमि पार्सल के लिए यूनिक आईडी को सृजित करेगी और सभी हितधारकों के लिए सिस्टम को व्यवस्थित करने में मदद करेगी.

चंडीगढ़ः हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड कार्यक्रम का शुभारंभ किया है. बता दें कि संजीव कौशल ने इस पायलट परियोजना की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की है.

इस अवसर पर भारत सरकार के भूमि संसाधन मंत्रालय के सचिव अजय तिर्कें, भू-रिकार्ड की निदेशक आमना तस्नीम, गुरुग्राम के उपायुक्त यश गर्ग और करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार तथा हरियाणा एनआईसी के एसआईसी दीपक बंसल भी मौजूद रहे.

गुरुग्राम की मानेसर तहसील और करनाल के सिरसी गांव को डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया है. इस कार्यक्रम के लिए प्रत्येक भूखंड को चिन्हित करने के लिए यूनिक लैंड पार्सल पहचान संख्या दी जाएगी. जिससे प्रत्येक भूखंड की अलग पहचान हो सके.

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संजीव कौशल ने कहा कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के मानकों के साथ ऑनलाइन भूमि सूचना प्रणाली तैयार करना है.यह जीआईएस और ओजीसी पर आधारित है.जिससे कि अन्य हितधारक इनका उपयोग ऑनलाइन कर सकें. यह देश भर में सभी विभागों और एजेंसियों के मूल डेटा की स्थिरता को बनाए रखने के अलावा शाब्दिक और स्थानिक डेटा से युक्त भूमि और संपत्तियों पर व्यापक जानकारी प्रदान करेगा.

यह विभागों में संबंधित भूमि रिकॉर्ड के आंकड़ों में भी मदद करेगा. यह डेटा और एप्लीकेशन स्तर पर अंतर विभागों के साथ प्रभावी एकीकरण और क्षमता लाएगा. यह प्रणाली भूमि के सत्य एकल स्रोत स्वामित्व और रिकॉर्ड के अन्य भूमि मापदंडों को प्रमाणित करने के लिए आधिकारिक संदर्भ के रूप में होगी.

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संजीव कौशल ने बताया कि इससे पंजीकरण के दौरान लेनदेन के लिए व्यक्तियों को ऐसी भूमि की तत्काल पहचान और रोकथाम के लिए भूमि के वर्गीकरण का लाभ मिलेगा. एक एकीकृत आईडी भविष्य में प्रमाणीकरण को बढ़ाते हुए शासन को कम करने की दिशा में काम करेगी.

संजीव कौशल ने बताया कि यह प्रणाली डेटा और अनुप्रयोग स्तर पर मानकीकरण विभागों और अन्य हितधारकों, सेवा प्रदाताओं के बीच प्रभावी एकीकरण लाएगी. यह प्रणाली राज्य में प्रत्येक भूमि पार्सल के लिए यूनिक आईडी को सृजित करेगी और सभी हितधारकों के लिए सिस्टम को व्यवस्थित करने में मदद करेगी.

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