चंडीगढ़: जब से केंद्र सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (Rajiv Gandhi Khel Ratna Award) का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (Major Dhyan Chand Khel Ratna Award) किया है तब से राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार के इस कदम की आलोचना कर रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार महान खिलाड़ियों के नाम को अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस्तेमाल कर रही है. जो बेहद शर्मनाक है.
उन्होंने कहा कि कम से कम देश के महान खिलाड़ियों को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए. खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलना भी इसी राजनीति का एक हिस्सा है. सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए था. पवन कुमार बंसल (former Railway Minister Pawan Kumar Bansal) ने कहा कि अगर सरकार मेजर ध्यानचंद को सम्मान देना चाहती थी तो वो खेल रत्न से बड़े किसी अन्य पुरस्कार की घोषणा कर सकती थी और उस पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद पुरस्कार रखा जा सकता था, लेकिन अपनी ओछी मानसिकता के चलते सरकार ने खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदला है.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहती तो जिस मोटेरा स्टेडियम का नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम रखा गया है, उसका नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर भी रख सकती थी. हम इस कदम की भी तारीफ करते, लेकिन सरकार ने मेजर ध्यानचंद जैसे महान खिलाड़ी के नाम का इस्तेमाल भी राजनीति के लिए किया. उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी या राजीव गांधी के नामों को सरकार का संरक्षण नहीं चाहिए. ये नाम तो करोड़ों भारतीयों के जहन में बसे हैं. नाम बदलने से लोगों के दिलों में बसे इन नामों को नहीं निकाला जा सकता.
पवन बंसल ने कहा कि सरकार अगर कुछ करना चाहती है तो फ्लाइंग सिख स्वर्गीय मिल्खा सिंह को भारत रत्न का पुरस्कार दें और किसी स्टेडियम का नाम उनके नाम पर रखें. वो देश के महान खिलाड़ी थे, लेकिन उनको लेकर सरकार ने अभी तक कोई ऐलान नहीं किया है. इस तरह सरकार सिर्फ अपनी राजनीति के लिए और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के काम कर रही है.