चंडीगढ़: हरियाणा राइट टू सर्विस एक्ट के तहत कार्यान्वयन को जानने के लिए महाराष्ट्र राज्य सेवा आयोग की ओर से चीफ कमिश्नर बलदेव सिंह की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा का दौरा किया. मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कहा कि हरियाणा आरटीएस आयोग सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली को बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों के लिए मानक स्थापित कर रहा है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्य अपनी सेवा वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए हरियाणा मॉडल का अनुसरण करने के इच्छुक हैं.
ये भी पढ़ें: हरियाणा में राइट टू सर्विस कमीशन के चेयरमैन बने पूर्व आईएएस टीसी गुप्ता
बैठक के दौरान बताया गया कि ऑटो अपील सिस्टम के माध्यम से 7 लाख 56 हजार 448 अपीलें की गई. जिनमें से 7 लाख 42 हजार 319 अपीलों का समाधान किया गया है. इस प्रक्रिया में कड़ी कार्रवाई भी की गई है. उन्होंने कहा कि हरियाणा राइट टू सर्विस एक्ट आयोग ने सार्वजनिक सेवा वितरण में खामियों को दूर करने के लिए जून 2021 से 155 IAS और 103 राज्य सिविल सेवा (HCS) अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं. इनमें से कुछ नोटिस प्रशासनिक सचिवों को भी दिए गए हैं.
हरियाणा राइट टू सर्विस एक्ट के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल ही में ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ऑटो अपील सिस्टम लाभार्थियों से भी सीधा संवाद किया है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार ने प्रदेश में क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं. जिसके चलते आम आदमी को समय पर काम करने में राहत दी गई है. इसके अलावा लोगों को मिलने वाली सुविधा को भी सुगम बना दिया है. अब लोगों को सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाकर परेशान नहीं होना पड़ता.
टीसी गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने परेशानी मुक्त और समयबद्ध तरीके से अधिसूचित सेवाओं को प्रदेशवासियों तक पहुंचाने के लिए और जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए आयोग के अधिकारियों द्वारा किये गए प्रयासों की भी सराहना की थी. टीसी गुप्ता ने बताया कि आज के समय में 34 विभागों की 395 सेवाओं को ऑटो अपील सिस्टम पर शामिल किया गया है. यदि निर्धारित समय के भीतर लोगों को सेवा प्रदान नहीं की जाती तो नागरिक की ओर से शिकायत निवारण प्राधिकरण में एक स्वचालित अपील दायर की जा सकती है.
इसके अलावा यदि प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकरण (First Grievance Redressal Authority) 30 दिनों के भीतर शिकायत का निपटारा नहीं करता है, तो दूसरी शिकायत निवारण प्राधिकरण के समक्ष पहुंच जाती है. उन्होंने कहा कि यदि अपील का निपटारा 30 दिन के भीतर नहीं किया जाता, तो अपील सेवा का अधिकार आयोग (Right to Service Commission) को भेज दी जाती है. उन्होंने बताया कि हरियाणा RTS आयोग समय पर सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है.
मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने बताया कि अगर निर्धारित समयावधि में सेवा उपलब्ध नहीं कराई जाती तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. किसी भी दोषी अधिकारी और कर्मचारी को बख्शा नहीं जाता. इस दौरान महाराष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल ने भी हरियाणा आरटीएस आयोग द्वारा अपनाई जा रही मजबूत प्रणाली की सराहना की है.
ये भी पढ़ें: राइट टू इनफॉर्मेशन कमीशन में तीन सदस्यों की नियुक्ति के लिए आए 150 नाम, राज्यपाल लेंगे अंतिम फैसला