नई दिल्ली: हरियाणा पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी केंद्र के इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी. पूर्व सीएम ने कहा कि ये तीनों फैसले किसानों के हित में नहीं है और ये बात आखिर केंद्र सरकार को माननी पड़ी है. अब ये तीनों कानून दोनों तरफ की बातचीत के बाद ही लागू होंगे. उन्होंने कहा कि अब देखना होगी कि कौन सी कमेटी होगी, अगले डेढ़ साल तक क्या बातचीत हो रही है, वो किसानों और सरकार के बीच की बात है.
आने वाला वक्त बताएगा क्या निष्कर्ष होगा- हुड्डा
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर किसान ही अगुआई कर रहे हैं. वो और उनकी पार्टी तो बस किसानों का समर्थन कर रही है. इसलिए आने वाले समय में क्या निष्कर्ष निकलेगा ये तो दोनों पक्षों की बातचीत पर निर्भर करता है.
वहीं स्कूलों के खुलने के फैसले पर पूर्व सीएम ने कहा कि ये स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइन के अनुसार लिया गया फैसला है. आखिर स्कूल तो खुलने ही थे. अब वैक्सीनेशन होने लगी है तो स्थिति पहले से काबू में है. हालांकि उन्होंने कहा इस फैसलो जल्दीबाजी में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि सवाल छोटे बच्चों की जिंदगी का है.
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केंद्र ने 18 महीने तक कानून पर लगाई रोक
बता दें कि अब 10वें दौर की वार्ता में सरकार की ओर से नए प्रस्ताव के बाद किसानों के आंदोलन का जल्द हल होने की उम्मीद जगी है. किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच बुधवार को 10वें दौर की वार्ता प्रगति के साथ समाप्त हुई. किसान आंदोलन समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों के अमल पर 18 महीने तक रोक लगाने को तैयार हो गई.