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रजिस्ट्री घोटाले में नप सकते हैं बड़े अधिकारी, 2017 से अभी तक हुई गड़बड़ियों की जांच पूरी

हरियाणा में साल 2017 से 2020 तक के बीच हुए रजिस्ट्री घोटाले की जांच पूरी हो गई है. इस जांच में बड़ी संख्या में अधिकारियों पर गड़बड़ी सिद्ध हो गई है. जानकारी के अनुसार इस घोटाले में 50 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी नप सकते हैं.

large number of officers have been found guilty in registry scam in haryana
रजिस्ट्री घोटाले में नप सकते हैं बड़ी संख्या में अधिकारी
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Published : Jan 10, 2021, 12:53 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना काल के दौरान हुए लॉकडाउन में सामने आए रजिस्ट्री घोटाले की जांच के दौरान अन्य मामले कि भी परतें खुल रही हैं. मनोहर सरकार पार्ट वन के दौरान भी रजिस्ट्रियों में कई अनियमितताएं सामने आई हैं.

पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के कार्यकाल के दौरान भी गोलमाल निचले स्तर पर हुआ था. जिसके बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की तरफ से 2017 से लेकर 2020 तक के जांच के आदेश दिए गए. इस रिपोर्ट में बड़ी संख्या में अधिकारी दोषी पाए गए हैं.

दरअसल मनोहर सरकार पार्ट वन में 2017 से लेकर अभी तक हुई रजिस्ट्रीयों में बड़ी गड़बड़ी पाई गई है. दोषी पाए गए अधिकारियों में तहसीलदार और नायब तहसीलदार स्तर के भी अधिकारी माने जा रहे हैं. इसके इलावा रजिस्ट्री क्लर्क, जिला योजनाकार, जेई के अलावा तहसीलों में तैनात रिकार्ड मेंटेन करने वाला स्टाफ और कंप्यूटर ऑपरेटरों को आरोपी माना गया है.

जांच में दोषी पाए गए इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की तलवार लटक गई है. अगले सप्ताह प्रदेश सरकार इन दागी कर्मचारियों व अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई कर सकती है. क्योंकि जांच की रिपोर्ट आ चुकी है. जिसमे 3 साल के दौरान 50 के करीब अधिकारी कर्मचारी नपेंगे.

ये भी पढ़ें: हिसार में डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा का भारी विरोध, किसानों ने कार का शीशा भी तोड़ा

गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आदेशों पर कई जिलों में रजिस्ट्रियों के रिकॉर्ड की जांच की गई. तो इसमें बड़ी गड़बड़ी पाई गई. मंडल आयुक्तों की जांच में करनाल , रोहतक , अंबाला, गुरुग्राम और हिसार में अनियमितताएं पाई गई हैं. सूत्रों के अनुसार दो लोगों को छोड़कर बाकी मंडल आयुक्त अपनी रिपोर्ट सौंप चुके हैं. रिपोर्ट को रिव्यु के आदेश भी दिए जा चुके हैं.

चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना काल के दौरान हुए लॉकडाउन में सामने आए रजिस्ट्री घोटाले की जांच के दौरान अन्य मामले कि भी परतें खुल रही हैं. मनोहर सरकार पार्ट वन के दौरान भी रजिस्ट्रियों में कई अनियमितताएं सामने आई हैं.

पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के कार्यकाल के दौरान भी गोलमाल निचले स्तर पर हुआ था. जिसके बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की तरफ से 2017 से लेकर 2020 तक के जांच के आदेश दिए गए. इस रिपोर्ट में बड़ी संख्या में अधिकारी दोषी पाए गए हैं.

दरअसल मनोहर सरकार पार्ट वन में 2017 से लेकर अभी तक हुई रजिस्ट्रीयों में बड़ी गड़बड़ी पाई गई है. दोषी पाए गए अधिकारियों में तहसीलदार और नायब तहसीलदार स्तर के भी अधिकारी माने जा रहे हैं. इसके इलावा रजिस्ट्री क्लर्क, जिला योजनाकार, जेई के अलावा तहसीलों में तैनात रिकार्ड मेंटेन करने वाला स्टाफ और कंप्यूटर ऑपरेटरों को आरोपी माना गया है.

जांच में दोषी पाए गए इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की तलवार लटक गई है. अगले सप्ताह प्रदेश सरकार इन दागी कर्मचारियों व अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई कर सकती है. क्योंकि जांच की रिपोर्ट आ चुकी है. जिसमे 3 साल के दौरान 50 के करीब अधिकारी कर्मचारी नपेंगे.

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गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आदेशों पर कई जिलों में रजिस्ट्रियों के रिकॉर्ड की जांच की गई. तो इसमें बड़ी गड़बड़ी पाई गई. मंडल आयुक्तों की जांच में करनाल , रोहतक , अंबाला, गुरुग्राम और हिसार में अनियमितताएं पाई गई हैं. सूत्रों के अनुसार दो लोगों को छोड़कर बाकी मंडल आयुक्त अपनी रिपोर्ट सौंप चुके हैं. रिपोर्ट को रिव्यु के आदेश भी दिए जा चुके हैं.

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