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हरियाणा कैबिनेट की मीटिंग में रेवाड़ी में एम्स के लिए जमीन देने को मंजूरी, जानिए कहां पर दी जायेगी भूमि

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में रेवाड़ी में एम्स के लिए जमीन (Land approved for AIIMS in Rewari) देने के फैसले पर मुहर लगा दी गई. रेवाड़ी के माजरा मुस्तिल भाल्खी में एम्स की स्थापना के लिए जमीन 210 एकड़ 3 कनाल 5 मरला भूमि एक रुपये प्रति वर्ष प्रति एकड़ की दर से 99 वर्षों के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को देने का निर्णय लिया गया है.

रेवाड़ी में एम्स के लिए जमीन को मंजूरी
रेवाड़ी में एम्स के लिए जमीन को मंजूरी
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Published : Dec 1, 2022, 6:36 PM IST

चंडीगढ़: केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा 1 फरवरी 2019 को संसद में पेश किए गये अपने बजट अभिभाषण में हरियाणा में एक एम्स स्थापित (AIIMS in Haryana) करने की घोषणा की गई थी. हरियाणा सरकार ने राज्य में एम्स की स्थापना के लिए नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया था. जिसके तहत, राज्य सरकार द्वारा केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एम्स की स्थापना की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी जमीन सौंपने का निर्णय लिया गया है.

हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक (Haryana Cabinet Meeting) में 'सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली नियम, 2022’ को अंतिम रूप देने के संबंध में एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई. ये नियम राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे. राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2021 की अधिसूचना द्वारा 'हरियाणा लोक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली अधिनियम, 2021' को बनाया था. अधिनियम की धारा 24 के तहत राज्य सरकार के अधिनियम के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नियम बना सकती है.

इस अधिनियम के प्रावधानों के कार्यान्वयन के उद्देश्य से, उक्त अधिनियम की धारा 24 के तहत 'हरियाणा सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान संपत्ति के नुकसान की वसूली नियम, 2022' की आवश्यकता है. इसलिए 'हरियाणा सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान संपत्ति के नुकसान की वसूली नियम, 2022' को स्वीकृति प्रदान की गई है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा कैबिनेट की बैठक: 22 दिसंबर से हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र, स्कैप पॉलिसी लागू

हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 2013 के लागू होने से पहले, हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 1982 लागू थे. उक्त नियमों में एक प्रावधान था कि वरिष्ठ लेखा परीक्षकों (अब अनुभाग अधिकारी के रूप में फिर से पदनामित) की नियुक्ति हरियाणा सरकार के अधिकारियों में से की जाएगी जिन्होंने हरियाणा राज्य लेखा सेवा परीक्षा (साधारण शाखा) के दोनों भाग उत्तीर्ण किए हैं. सरकार द्वारा ऐसे विनियम समय-समय पर बनाए जा सकते हैं.

हालांकि हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 2013 में इन विनियमों के संबंध में प्रावधान शामिल नहीं किया गया था. इसलिए उपरोक्त त्रुटि को ठीक करने के लिए हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 2013 निरस्त किए जाने की आवश्यकता थी और इनके स्थान पर हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 2022 लागू किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में विधायक का सचिवालय भत्ता 15 से 20 हजार हुआ, ड्राइवर के लिए भी मिलेंगे 20 हजार

चंडीगढ़: केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा 1 फरवरी 2019 को संसद में पेश किए गये अपने बजट अभिभाषण में हरियाणा में एक एम्स स्थापित (AIIMS in Haryana) करने की घोषणा की गई थी. हरियाणा सरकार ने राज्य में एम्स की स्थापना के लिए नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया था. जिसके तहत, राज्य सरकार द्वारा केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एम्स की स्थापना की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी जमीन सौंपने का निर्णय लिया गया है.

हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक (Haryana Cabinet Meeting) में 'सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली नियम, 2022’ को अंतिम रूप देने के संबंध में एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई. ये नियम राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे. राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2021 की अधिसूचना द्वारा 'हरियाणा लोक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली अधिनियम, 2021' को बनाया था. अधिनियम की धारा 24 के तहत राज्य सरकार के अधिनियम के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नियम बना सकती है.

इस अधिनियम के प्रावधानों के कार्यान्वयन के उद्देश्य से, उक्त अधिनियम की धारा 24 के तहत 'हरियाणा सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान संपत्ति के नुकसान की वसूली नियम, 2022' की आवश्यकता है. इसलिए 'हरियाणा सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान संपत्ति के नुकसान की वसूली नियम, 2022' को स्वीकृति प्रदान की गई है.

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हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 2013 के लागू होने से पहले, हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 1982 लागू थे. उक्त नियमों में एक प्रावधान था कि वरिष्ठ लेखा परीक्षकों (अब अनुभाग अधिकारी के रूप में फिर से पदनामित) की नियुक्ति हरियाणा सरकार के अधिकारियों में से की जाएगी जिन्होंने हरियाणा राज्य लेखा सेवा परीक्षा (साधारण शाखा) के दोनों भाग उत्तीर्ण किए हैं. सरकार द्वारा ऐसे विनियम समय-समय पर बनाए जा सकते हैं.

हालांकि हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 2013 में इन विनियमों के संबंध में प्रावधान शामिल नहीं किया गया था. इसलिए उपरोक्त त्रुटि को ठीक करने के लिए हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 2013 निरस्त किए जाने की आवश्यकता थी और इनके स्थान पर हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 2022 लागू किए जाएंगे.

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