चंडीगढ़: हरियाणा में राज्यसभा चुनाव के नतीजे (Rajya Sabha Election Haryana) चौंकाने वाले रहे हैं. एक सीट बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण लाल पंवार और दूसरी सीट निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की जीत हुई है. कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय माकन चुनाव हार गए (Kartikeya Sharma Defeats Ajay Maken) हैं और इसके लिए हरियाणा कांग्रेस की अंदरूनी कलह को जिम्मेदार माना जा रहा है. नतीजों के बाद कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई (kuldeep bishnoi) ने ट्वीट किया है जो कांग्रेस की धड़े बंदी की ओर इशारा करता है. दरअसल कांग्रेस की इस हार की सबसे बड़ी वजह कुलदीप बिश्नोई को ही माना जा रहा है.
ट्वीट में क्या है- कुलदीप बिश्नोई ने जो ट्वीट किया है उसमें लिखा है. “फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, सांप के ख़ौफ़ से जंगल नही छोड़ा करते।” सुप्रभात. इसके साथ बिश्नोई ने हाथ जोड़ते और ताकत दिखाने वाली इमोजी भी लगाई है. नतीजों के बाद इस ट्वीट से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये ट्वीट राज्यसभा चुनाव के नतीजों को लेकर किया (Kuldeep bishnoi tweet) गया है और नतीजा वैसा ही रहा है जैसा कुलदीप बिश्नोई चाहते थे.
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कुलदीप बिश्नोई ने की क्रॉस वोटिंग- शुक्रवार को हुई राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के बाद आए नतीजों में कांग्रेस की हार हुई तो निशाने पर कुलदीप बिश्नोई आ गए हैं. कहा गया कि कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोटिंग की और अजय माकन की बजाय कार्तिकेय शर्मा को अपना वोट दिया और यही एक वोट जीत हार के बीच का (Ajay Maken lost) अंतर बन गया. नतीजों के बाद कुलदीप बिश्नोई का ट्वीट इसी ओर इशारा कर रहा है.
क्या बिश्नोई ने अंतर आत्मा की सुनी ?- दरअसल कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं. कुलदीप बिश्नोई ना तो राज्यसभा चुनाव की रणनीति वाली बैठकों में शामिल हुए और ना ही रायपुर गए. जहां कांग्रेस ने हॉर्स ट्रेडिंग के डर से अपने सभी विधायकों एक हफ्ते तक होटल में ठहराया हुए था. राज्यसभा चुनाव में वोटिंग को लेकर बिश्नोई ने साफ कह दिया था कि वो किसी के कहने पर वोट नहीं देंगे बल्कि अपनी अंतर आत्मा की आवाज सुनकर मतदान करेंगे. इससे पहले गुरुग्राम में बिश्नोई और सीएम मनोहर लाल की मुलाकात की एक तस्वीर भी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी थी. खासकर राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) से ऐन पहले इस मुलाकात के कई मायने भी निकाले गए. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी कहा है कि बिश्नोई ने अपनी अंतर आत्मा की आवाज सुनकर वोट दिया है.
अध्यक्ष बनने के अरमान था लेकिन...- बीते दिनों हरियाणा कांग्रेस में हुए बदलाव से पहले कुलदीप बिश्नोई प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल थे. उन्हें इस पद का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा था लेकिन आलाकमान ने पूर्व विधायक उदय भान को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी और श्रुति चौधरी, राम किशन गुर्जर, जितेंद्र भारद्वाज और सुरेश गुप्ता के रूप में चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिए. कुलदीप बिश्नोई के अरमान धरे के धरे रह गए और सियासी जानकार इसकी वजह हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की लॉबिंग को मानते हैं. हुड्डा और बिश्नोई भले एक पार्टी में हों लेकिन वो एक-दूसरे के कितने साथ रहे हैं, ये किसी से छिपा नहीं है.
कांग्रेस से नाराज हैं बिश्नोई- ये बात तय है कि प्रदेश अध्यक्ष ना बनाए जाने से बिश्नोई पार्टी आलाकमान से नाराज हैं. बिश्नोई ने प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कई बार दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाई और आला नेताओं से मुलाकात की लेकिन तवज्जो हुड्डा गुट को दी गई. जिसके बाद बिश्नोई ने कहा था कि वो इसपर राहुल गांधी से जवाब मांगेगे. लेकिन अब तक ना मुलाकात हुई है और ना बात हुई है. पार्टी आलाकमान से इस नाराजगी के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बिश्नोई कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
पहले भी छोड़ चुके हैं कांग्रेस- कुलदीप बिश्नोई हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे भजन लाल के बेटे हैं. अगर बिश्नोई कांग्रेस का 'हाथ' छोड़ते हैं तो ऐसा पहली बार नहीं होगा. इससे पहले भी साल 2006 बिश्नोई कांग्रेस छोड़ हरियाणा जनहित कांग्रेस बना चुके हैं. इस दौरान उनकी पार्टी का हरियाणा में बीजेपी के साथ गठबंधन भी रहा और फिर साल 2016 में अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया था. कुलदीप बिश्नोई मौजूदा वक्त में हरियाणा के सिरसा जिले की आदमपुर सीट से विधायक हैं. वो हिसार लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं लेकिन 2014 में इनेलो के दुष्यंत चौटाला से उन्हें हार मिली थी.
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